आम आदमी पार्टी के सांसदों ने केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की अवैध गिरफ्तारी का मुद्दा संसद में उठाना शुरू कर दिया है। गुरुवार को ‘‘आप’’ के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने राज्यसभा में स्पेशन मेंशन का नोटिस दिया। उन्होंने राज्यसभा के सभापित को बताया है कि देश में पहली बार किसी राज्य के निर्वाचित मुख्यमंत्री को जमानत मिलने के बाद दूसरी केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। संजय सिंह ने सभापति से निवेदन किया है कि ऐसी कार्रवाई पर तत्काल रोक लगनी चाहिए. ताकि देश में लोकतांत्रिक व संघीय व्यवस्था स्वस्थ बनी रहे। इससे पहले, ‘‘आप’’ सांसदों ने जांच एजेंसियों के दुरुपयोग पर संसद परिसर में विरोध-प्रदर्शन किया।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि ईडी-सीबीआई का दुरूपयोग करके अवैध तरीके से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने के अति गंभीर मुद्दे पर स्पेशल मेंशन का नोटिस राज्यसभा में दिया। संजय सिंह ने अपने नोटिस में लिखा है कि देश में पहली बार ऐसा हो रहा है कि एक निर्वाचित मुख्यमंत्री को कोर्ट से जमानत मिलने के बाद दूसरी केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाता है।
आप सांसद ने आगे अपने नोटिस में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ऊपर इस तरह की अवैध कार्रवाई की गई। अब अरंविद केजरीवाल पर इस तरह की अवैध और असंवैधानिक कार्रवाई की जा रही है। इस तरह की कार्यवाही केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग की पराकाष्ठा है। वही, अपने नोटिस के माध्यम से ‘‘आप’’ सांसद संजय सिंह ने सभापति से निवेदन किया कि इस तरह की कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाएं. जिससे भारत की लोकतांत्रिक संघीय व्यवस्था स्वस्थ एवं सुचारु बनी रहे। एक मुख्यमंत्री की फर्जी गिफ्तारी आपातकाल का परिचय है। इस पर त्वरित रोक जरुरी है।
संजय सिंह ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को जांच एजेंसियों के दुरुपयोग को रोकना चाहिए। हर राज्य में ईडी-सीबीआई का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं और दलों को प्रताड़ित करने के लिए हो रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, झारखंड के पूर्व हेमंत सोरेन, दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीश सिसोदिया और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को जेल में डाल दिया। संसद में हमने इसका विरोध किया।