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नीट की परीक्षा में हुई धांधली को लेकर बुधवार को आम आदमी पार्टी ने देशभर में जबरदस्त प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री का इस्तीफा मांगा। पार्टी कार्यकर्ताओं ने दिल्ली, यूपी, हरियाणा, पंजाब समेत देश के 24 राज्यों में विरोध प्रदर्शन किया और दोबारा एग्जाम कराने की मांग की। उधर, ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय महासचिव संगठन एवं सांसद डॉ. संदीप पाठक ने कहा कि नीट परीक्षा में हुई धांधली देशद्रोह से कम अपराध नहीं है। प्रधानमंत्री और शिक्षा मंत्री को अपने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। प्रधानमंत्री को देश से माफी मांगनी चाहिए और केंद्रीय शिक्षा मंत्री को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। इससे 24 लाख बच्चे प्रभावित हुए हैं। इसमें दो स्तरों पर धांधली हुई। पहले बिहार और गुजरात में पेपर लीक कर 50-70 लाख में बेचे गए। इसके बाद एनटीए ने कुछ छात्रों को गलत तरीके से ग्रेस मार्क दिए। उन्होंने कहा कि भाजपा का पेपर लीक से पुराना संबंध है। भाजपा शासित राज्यों में पिछले 7 साल में 70 पेपर लीक हुए हैं। यह बहुत बड़ा मामला है। इनका मास्टर कोई बड़ा आदमी है। लिहाजा, इस मामले को सीधे सुप्रीम कोर्ट को देखना चाहिए।

एक लाख सीटों के लिए हर साल करीब 24 लाख बच्चे नीट की परीक्षा देते हैं- डॉ. संदीप पाठक

पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर सांसद डॉ. संदीप पाठक ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में नीट एग्जाम से जुड़ी बहुत बड़ी धांधली सामने आई है। यह नीट परीक्षा देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस परीक्षा के माध्यम से ही देश के सभी मेडिकल कॉलेज में बच्चों का दाखिला होता। देशभर में मेडिकल कॉजेल की करीब 1 लाख सीटें हैं। लगभग 24 लाख बच्चे हर साल इस परीक्षा को देते हैं। इस परीक्षा को देने वाले 11वीं-12वीं के बच्चों की उम्र लगभग 16-17 साल की ही होती है। आजकल कोचिंग सेंटरों में बच्चे 10वीं से ही नीट एग्जाम की तैयारी शुरु कर देते हैं। जब एक बच्चा इतनी छोटी उम्र से परीक्षा की तैयारी शुरु करता है तो उसके साथ-साथ इसका पूरा परिवार उसकी इस में लग जाता है। ये सोचने वाली बात है कि 24 लाख परिवार की इस एक परीक्षा की तैयारी में लगे होते हैं। लेकिन जब ऐसी परीक्षाओं में धांधली होने लगे, इसे धंधा बनाकर पेपर्स बेचे जाएं तो यह अपराध देशद्रोह से कम नहीं है।

अगर देश को आगे बढ़ाना है तो सरकारी संस्थाओं को और मजबूत करना होगा- डॉ. संदीप पाठक

डॉ. संदीप पाठक ने कहा कि भारतीय डॉक्टर्स पूरी दुनिया में जाने जाते है। कहा जाता है कि हमारे देश के डॉक्टर्स बड़े बुद्धिमान होते हैं। क्योंकि हमारे देश में मेडिल कॉलेज में दाखिला लेने वाले बच्चों को मेरिट के आधार पर चुना जाता है। देश भर से अच्छे से अच्छे बच्चे इन मेडिल कॉलेज में दाखिला लेते हैं। इसके लिए एक ऐसी व्यवस्था मौजूद है जो इन मेडिकल डॉक्टर्स की अच्छी पढ़ाई और ट्रेनिंग के लिए काम कर रही है। अगर आप इस व्यवस्था में ही भ्रष्टाचार ले आओगे तो भविष्य में इस देश से कभी कोई अच्छा डॉक्टर नहीं निकलेगा। जिस देश में अपने बच्चों के सपनों और भविष्य को धंधा बना दिया जाए, वह देशद्रोह से कम नहीं हो सकता है। अगर देश को आगे बढ़ाना है तो संस्थाओं को और मजबूत करना होगा। इस तरह से संस्थाओं को तोड़ने से देश आगे नहीं बढ़ सकता है। आज एक मध्यम वर्गीय, किसान और गांसे से आने वाले बच्चे के पास एक ही रास्ता होता है कि वह किसी तरह से अच्छी पढ़ाई करके इस परीक्षा को पास कर ले, तो उसका भविष्य सुधर जाएगा। लेकिन अगर आज ये पेपर बिकने लगे और इनमें भी भ्रष्टाचार घुस गया, तो उसकी उम्मीद और सपने खत्म हो जाएंगे।

देश के इतिहास में पहले कभी किसी प्रतियोगी परीक्षा में 67 बच्चे पहली रैंक पर नहीं आए- डॉ. संदीप पाठक

डॉ. संदीप पाठक ने कहा कि नीट परीक्षा के संबंध में दो प्रमुख धांधली के आरोप लगे हैं। इसमें पहला पेपर लीक का मामला है। परीक्षा से 24 घंटे पहले बिहार में पेपर लीक हुआ और लगभग 60 से 70 लाख में यह पेपर बेचे गए। इसके बाद मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई, जिसमें पता चला कि पेपर लीक में एक अंतरराज्यीय गिरोह का हाथ है। गुजरात के गोधरा में एक कोचिंग सेंटर ने 33 से 50 लाख रुपए में पेपर बेचे। इसके अलावा मार्किग यानि बच्चों को दिए गए अंकों में भी गड़बड़ी के आरोप हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को देश में केवल परीक्षा करवाने के लिए गठित किया गया है। बच्चों को दिए गए नंबर समझ से परे हैं। इस परीक्षा में 67 बच्चों की पहली रैंक आई है। देश के इतिहास में इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि किसी प्रतियोगी परीक्षा में इतने सारे बच्चे पहले स्थान पर आएं। तीन-चार ज्यादा लोगों का पहले स्थान पर आना असंभव है। पहला रैंक पाने वालों में से भी 6 बच्चे हरियाणा के झज्जर जिले के एक ही परीक्षा केंद्र से हैं।

देश जानना चाहता है कि किस आधार पर 1563 बच्चों को ग्रेस मार्क्स दिए गए?- डॉ. संदीप पाठक

डॉ. संदीप पाठक ने कहा कि जब लोगों ने सवाल खड़े किए तो एनटीए ने अपने जवाब में कहा कि उसे बच्चों को ग्रेस मार्क्स दिए हैं। यह बड़ी हैरानी वाली बात है कि इतिहास में पहले कभी किसी भी प्रोफेशनल एग्जाम में देरी के लिए ग्रेस मार्क्स नहीं दिए गए हैं। आमतौर पर सवाल गलत होने या उसमें किसी तरह की दुविधा होने पर ही ग्रेस मार्क्स दिए जाते हैं। ऐसी परिस्थिति में सभी बच्चों को बराबर ग्रेस मार्क्स दिया जाता है। एनटीए का कहना है कि 25 मिनट देर से परीक्षा शुरु होने की वजह से ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं। 720 नंबर की परीक्षा में छात्रों को 140 नंबर तक ग्रेस नंबर दिए गए हैं। यह बहुत शर्म की बात है। नीट एग्जाम में नेगेटिव मार्किंग का नियम है। अभ्यार्थियों को सही उत्तर देने पर 4 नंबर मिलते हैं और गलत जवाब देने पर 1 नंबर कट जाता है। नीट के नतीजों में कई बच्चों को 719, 718 जैसे नंबर मिले हैं, जो कि असंभव हैं। एनटीए ने कुल 1563 लोगों को ग्रेस मार्क्स दिए हैं। देश के लोग जानना चाहते हैं कि आपने किस आधार पर इन 1563 बच्चों को ग्रेस मार्क्स दिया।

परीक्षा का पेपर बेचने का धंधा भाजपा से बेहतर कोई और नहीं कर सकता- डॉ. संदीप पाठक

डॉ. संदीप पाठक ने कहा कि देश के इतिहास में आज तक जितने पेपर लीक की घटनाए हुई हैं, भाजपा ने उसका पूरा ढांचा तैयार कर लिया है। पेपर बेचने और इसका धंधा करने का काम भाजपा से बेहतर कोई और नहीं कर सकता है। हरियाणा के झज्जर जिले में जिस परीक्षा केंद्र से 6 बच्चों की पहली रैंक आई है, वह भी भाजपा के एक नेता का है। यह मामला अब कोर्ट में हैं। भाजपा और पेपर लीक का रिश्ता बहुत पुराना है। कुछ दिनों पहले अखबार में छपे एक आर्टिकल के अनुसार 2016 से मार्च 2023 तक देश में 70 पेपर लीट हुए। इससे करीब 1.5 लाख बच्चों का भविष्य प्रभावित हुआ। आज गुजरात पेपर लीक का गढ़ बन गया है, यहां 2012 से अबतक 12 पेपर लीक हुए हैं। 2015 से गुजरात में आज तक एक भी पेपर लीक हुए बगैर नहीं हुआ है। इसमें 2014 में जीपीएससी, 2015 में तलाठी एग्जाम, 2016 में तलाठी सुरेंदर नगर-गांधी नगर, 2018 में टीईटी, मुख्य सेविका परिक्षा और नायब चिंतिस परीक्षा समेत कई अन्य पेपर लीक शामिल हैं। यह स्थिति केवल गुजरात की नहीं है बल्कि भाजपा शासित राज्यों में यह धंधा फैलता जा रहा है।

व्यापम घोटाला में शिक्षा मंत्री समेत भाजपा के कई नेता गिरफ्तार हुए, लेकिन एफआईआर होने में 8 साल लग गए- डॉ. संदीप पाठक

डॉ. संदीप पाठक ने कहा कि मध्य प्रदेश मे व्यापम घोटाला, परीक्षा से जुड़ा सबसे बड़ा घोटाला था। इस व्यवसायिक परीक्षा मंडल में अलग-अलग पदों के लिए 13 परीक्षाएं होती हैं। यहां पेपर लीक के बाद लाखों छात्रों की भर्ती हुई। बाद में यह घोटाला सामने आने के बाद भाजपा के राज्य शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा समेत भाजपा के कई अन्य नेताओं की गिरफ्तारी हुई। लेकिन आश्चर्य की बात है कि बात है कि पहली एफआईआर करने में 8 साल लग गए। इस मामले पर कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने के बाद एसआईटी गठित हुई और करीब 12 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि इस जाल में फंसकर उन पेपर्स को खरीदने वाले बच्चों और उनके मां-बाप के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ। इस मामलें में करीब 23 लोगों को मौत हुई और कई लोगों की हत्या हुई। इसके बाद यह सिलसिला यहां रुका नहीं, व्यापम घोटाले का भी दूसरा पार्ट आया। पटवारी भर्ती परीक्षा में 10 लोगों की मेरिट लिस्ट आई, इसमें 7 लोग एक ही कोचिंग सेंटर से थे। वह कोचिंग सेंटर भाजपा नेता का है। भाजपा और पेपर लीकी का बहुत गहरा संबंध है।

लोक परीक्षा कानून में 10 साल की सजा और एक करोड़ जुर्माने का प्रावधान है, जबकि पेपर लाखों करोड़ में बेचे जाते हैं- डॉ. संदीप पाठक

डॉ. संदीप पाठक ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की भाजपा सरकार लोक परीक्षा (कदाचार रोकथाम) कानून लेकर आई। मैंने सदन में भी इसपर सवाल उठाए थे। इस कानून में 10 साल की सजा और अधिकतम 1 करोड़ तक के जुर्माने का प्रवधान रखा गया है। यह अपने आप में हास्यास्पद है। आज 1 पेपर 70-80 लाख में बेचा जा रहा है। लाखों बच्चों के भविष्य के साख खिलवाड़ करने वाले को आप केवल 10 साल की सजा दे रहे हो। क्या आपको लगता है कोई बड़ा नेता इस मामले में जेल जाएगा, वह अपने जगह 10 साल के लिए किसी और को जोल भेज देगा। मैंने सदन में मांग रखी कि इस प्रकार की घटना सामने आने पर सबसे पहले पेपर रद्द करके उसे दोबार कराया जाना चाहिए। दूसरा, अगर कोई माता-पिता या बच्चा इस जाल में फंस गए तो उन्हें सुरक्षित निकालने का प्रवधान रखना चाहिए। तीसरा, पेपर लीक के किंगपिन को पकड़ जाए। 2012 से लगातार पेपर लीक की घटनाए सामने आ रही हैं। लेकिन इसका किंगपिन नहीं पकड़ा गया। प्रधानमंत्री और शिक्षान मंत्री से हमारा निवेदन है कि हम इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहते हैं। लेकिन हम भी इसी प्रक्रिया से होकर आए हैं। जब आप अपने बच्चों के भविष्य के साथ इस तरह की धांधली करने लगों तो आपका उस पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। प्रधानमंत्री को इस पर जवाब देते हुए देश से माफी मांगनी चाहिए। उन्हें शिक्षा मंत्री को तत्काल सस्पेंड करना चाहिए या उन्हें खुद अपना त्याग पत्र दे देना चाहिए। आम आदमी पार्टी ने आज इसके खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन किया है। आने वाले समय में इस अभियान को और बड़ा किया जाएगा। मेरा सभी लोगों से अनुरोध है कि इसे राजनीतिक दृष्टि से न देखें, अगर भाजपा ने यह अपराध किया है या इससे संबंधित सभी लोगों के खिलाफ हमें आवाज उठानी होगी नहीं देश में कुछ नहीं बचेगा।

नीट परीक्षा में धांधली के खिलाफ ‘‘आप’’ ने देश के 24 राजयों में किया प्रदर्शन

नीट एग्जाम की धांधली से छात्रों के साथ हुए अन्याय के खिलाफ देशभर में गुस्सा है। आम आदमी पार्टी ने नीट में हुए महा घोटाले के खिलाफ बुधवार को देशभर में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया। देश के अलग-अलग हिस्सों में पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने सड़कों पर आकर मार्च किया और नीट परीक्षा को रद्द करने की मांग की। इसके तहत ओडिशा में निक्को पार्क स्क्वायर, छत्तीसगढ़ में रायपुर के अम्बेडकर चौक, हरियाणा में डीसी कार्यालय करनाल, मध्य प्रदेश में रोशनपुरा चौक, पंजाब में जलंधर, कर्नाकट में फ्रीडम पार्क, असम में गणेशगिरी, जम्मू में महाराजा हरि सिंह पार्क, कश्मीर में पार्टी कार्यालय, आंध्र प्रदेश में विशाखापटनम, तेलंगाना में अम्बेडकर मूर्ति, केरल में एर्नाकुलम केंद्रीय सरकार कार्यालय के सामने, तमिलनाडु में टीनगर बस डिपो के पास, मुंबई में दादर पूर्व स्टेशन के पास, महाराष्ट्र में पुणे और नागपुर, झारखंड में रांची और जमशेदपुर, पश्चिम बंगाल में रानी रश्मोनी एवेन्यू कोलकाता, बिहार में इनकम टैक्स गोलंबर पटना, चंडीगढ़ में मून पार्क सेक्टर 7-ए,उत्तराखंड में गांधी पार्क देहरादून, हिमाचल प्रदेश में हजरतगंज लखनऊ, राजस्थान में जयपुर कलक्ट्रेट और दिल्ली में तीन मूर्ति रोड समेत देश के अलग-अलग राज्यों में पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किए।

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