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केजरीवाल सरकार दिल्ली के सभी गांवों का कायाकल्प करने पर 900 करोड़ रुपए खर्च करेगी। बुधवार को विकास मंत्री गोपाल राय ने गांवों में विकास कार्य को युद्ध स्तर पर पूरा करने के लिए ग्रामीण विकास बोर्ड और उसकी कार्यकारी एजेंसी एमसीडी और सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अफसरों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि केजरीवाल सरकार ने गांवों के विकास के लिए 900 करोड़ रुपए आवंटित किया है। गांवों में विभिन्न विकास कार्य के लिए चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले ग्रामीण विकास बोर्ड ने 1387 प्रस्ताव पास किए थे। अब इन कार्यों को युद्ध स्तर पर पूरा किया जाएगा। सभी एजेंसियां 15 जून तक अपना एक्शन प्लान तैयार कर लें और 19 जून को सभी विधायकों के साथ बैठक कर विकास कार्यों में आ रही समस्याओं और उसके समाधान पर चर्चा की जाएगी। 27-28 जून को कागजी काम निपटाने और विकास कार्य में तेजी लाने के लिए सभी विभाग सचिवालय में कैंप लगाएंगे। हमारे पास इन विकास कार्यों को पूरा करने के लिए अक्टूबर तक का ही समय है, लेकिन हम इसे पूरा कर लेंगे।

बुधवार को दिल्ली सचिवालय में ग्रामीण विकास बोर्ड, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग और एमसीडी के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद विकास मंत्री गोपाल राय ने प्रेसवार्ता कर कहा कि चुनाव आचार संहिता लागू होने की वजह से दिल्ली में नए विकास कार्य करने के लिए निर्णय लेना संभव नहीं था। इसलिए आचार संहिता खत्म होते ही केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के विकास की गति को तेज करने के लिए अपनी रफ्तार बढ़ा दी है। दिल्ली में शहरीकृत और ग्रामीण गांव की संख्या काफी बड़ी है। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में गांवों के विकास के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में पहली बार 900 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इस फंड से दिल्ली सरकार ने शहरीकृत और ग्रामीण इलाकों के सभी गांवों के विकास के लिए आज से युद्ध स्तर पर तैयारी शुरु कर दी है।

गोपाल राय ने कहा कि ग्रामीण विकास बोर्ड के तहत दो कार्यकारी एजेंसी एमसीडी और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग विकास का काम करती हैं। इस साल दिल्ली के गांवों की सभी सड़कों के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। चुनाव आचार संहिता लगने से पहले हमने ग्रामीण विकास बोर्ड की बैठक की थी। उस बैठक में कई विधायकों ने अपनी-अपनी विधानसभाओं से संबंधित 1,387 प्रस्ताव बोर्ड के सामने रखे थे और बोर्ड ने सभी 1,387 प्रस्तावों को पास कर दिया था। इन कार्यों को पूरा करने के लिए तीन स्तर की प्रक्रिया होती है। पहले बोर्ड इसको स्वीकृति देता है। इसके बाद बोर्ड की कार्यकारी एजेंसियां एमसीडी और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग इन कार्यों का टेंडर करते हैं और इसे जमीनी स्तर पर लागू करवाते हैं।

गोपाल राय ने बताया कि आज हमने बैठक करके ग्रामीण विकास बोर्ड और इससे जुड़ी सभी एजेंसियों को निर्देश दिया है कि वो 15 जून तक अपना टाइम लाइन तय करें। इन कार्यों को पूरा करने के लिए हमारे पास अक्टूबर तक का ही समय है। क्योंकि नवंबर में दिल्ली में ग्रैप लागू होता है, जो दिसंबर तक लागू रहता है। इसके बाद जनवरी में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो जाएगी। वित्तीय वर्ष 2024-25 में विकास कार्यों को पूरा करने के लिए हमारे पास केवल अक्टूबर तक का समय है। हमारे पास इसके लिए बजट है और बोर्ड ने भी सभी कार्यों की अनुमति दे दी है। अब इसे केवल लागू करना बाकी है। हमने सभी एजेंसियों को 15 जून तक अपना एक्शन प्लान तैयार करने के लिए कहा है। साथ ही, वो ग्राउंड लेवल पर एजेंसियों के सामने आने वाली दिक्कतों की भी लिस्ट बनाएंगे।

गोपाल राय ने कहा कि आगामी 19 जून को सभी विधायकों की मीटिंग बुलाई गई है। इसमें संबंधित विभागों के अधिकारी अलग-अलग विधान सभा क्षेत्र से आने वाले प्रस्तावों की स्टेटस रिपोर्ट विधायकों के सामने रखेंगे। साथ ही, उन्हें ग्राउंड लेवल पर आ रही समस्याओं को भी हल किया जाएगी। इस दौरान सभी विधानसभाओं की समीक्षा की जाएगी। अलग-अलग विभागों के एनओसी और अन्य कागजों की जरूरत होती है। इसलिए अगर को कोई समस्या रह जाती है तो उसके समाधान के लिए हम दिल्ली सचिवालय में 27 और 28 जून को विशेष कैंप लगाएंगे। इससे विधायकों को अलग-अलग दफ्तर में दौड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सभी विभागों के अधिकारी 27 और 28 जून के विशेष कैंप में एक ही जगह मौजूद रहेंगे। रुकी हुई सभी फाइलों का तेज गति से निपटारा किया जाएगा।

गोपाल राय ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि जून के महीने में सभी आधिकारिक फाइल वर्क को पूरा कर लिया जाए। जुलाई में इन कामों की टेंडर प्रक्रिया शुरु हो जाएगी और अगस्त तक इनका वर्क ऑर्डर हो जाएगा। इसके बाद सितंबर-अक्टूबर में इन कामों को पूरा कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के गांवों के विकास के लिए 900 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। इन कामों को युद्ध स्तर पर पूरा करने के लिए आज की बैठक में संबंधित विभागों के सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वो निर्धारित समय सीमा के अनुसार काम करें। ताकि दिल्ली के गांव में विकास की गति को तेज किया जा सके। दिल्ली सरकार शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

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