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दिल्ली को पर्याप्त पानी देने के हरियाणा के दावे का पर्दाफ़ाश हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट में दायर हरियाणा के एफ़िडेविट से ही हरियाणा सरकार के इस झूठ का पर्दाफ़ाश हो गया है। एफ़िडेविट आँकड़ों से साफ़ हो गया है कि, हरियाणा दिल्ली के हिस्से का पानी रोक रहा है।

इस विषय में साझा करते हुए जलमंत्री आतिशी ने कब कि, दिल्ली को पर्याप्त मात्रा में पानी देने का दावा करने वाली हरियाणा सरकार के आँकड़ों से साफ़ हो गया है कि, हरियाणा ने मुनक नहर के ज़रिए दिल्ली को कम पानी दिया है। उन्होंने कहा कि, हरियाणा के एफ़िडेविट से खुलासा हो रहा है कि, पहले दिल्ली लोकसभा चुनाव के वोटिंग के दौरान और उसके बाद अब भीषण गर्मी में हरियाणा से कम पानी मिला है। 1 मई से 22 माई तक हरियाणा मुनक नहर के ज़रिए सीएलसी में 719 क्यूसेक और डीएसबी में 330 क्यूसेक पानी छोड़ा था लेकिन दिल्ली में लोकसभा चुनाव की वोटिंग से 2-3 दिन पहले हरियाणा ने मुनक नहर के ज़रिए मिलने वाला पानी 91 क्यूसेक तक कम कर दिया।

जलमंत्री आतिशी ने कहा कि, भीषण जलसंकट के बीच भी हरियाणा ने पिछले 4 दिनों में मुनक नहर से दिल्ली में 1050 क्यूसेक के बजाय 985 क्यूसेक पानी छोड़ा है। यानी एफ़िडेविट से पूरी दिल्ली और देश के सामने साफ़ कि हरियाणा सरकार दिल्ली के हक़ का पानी जानबूझकर रोक रही है।

जलमंत्री आतिशी ने कहा कि, पिछले कुछ हफ़्तों से दिल्ली में हीटवेव चल रही है और इसके कारण दिल्ली में पानी की माँग बढ़ गई है। इसके बावजूद जितना पानी दिल्ली को हरियाणा से मिलना चाहिए, वो पानी लगातार कम हो रहा है। चाहे वो वज़ीराबाद बैराज पर हो या मुनक नहर पर हो, हरियाणा को जितना पानी दिल्ली के लिए छोड़ना होता है वो नहीं छोड़ रही है। इसके कारण दिल्ली के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट अपनी पूरी क्षमता पर काम नहीं कर पा रहे है।

उन्होंने कहा कि, जब हम हरियाणा सरकार को चिट्ठी लिखते है, बात करते है तो वो लगातार दावा करते है कि हम पानी छोड़ रहे है, लेकिन हरियाणा सरकार के इस झूठ का पर्दाफ़ाश उनके द्वारा ख़ुद सुप्रीम कोर्ट में दायर एफ़िडेविट से हो गया है।

जलमंत्री आतिशी ने कहा कि, दिल्ली सरकार पानी के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट गई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, दिल्ली को पानी की ज़रूरत है। हिमाचल प्रदेश ने कहा कि, हम पानी से सकते है इसके लिए हरियाणा को सिर्फ़ रास्ता देना होगा लेकिन हरियाणा ने इसका विरोध किया। इसका उदाहरण है कि, जिस दिन से ये मामला सुप्रीम कोर्ट में गया है तभी से वज़ीराबाद बैराज का जलस्तर लगातार घट रहा है। लेकिन दिल्ली को पानी न देने की हरियाणा की साज़िश वज़ीराबाद बैराज पर नहीं रुकी बल्कि मुनक नहर से दिल्ली में आने वाले पानी को भी कम कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि, अपर यमुना रिवर बोर्ड में हुए फ़ैसले के अनुसार हरियाणा को मुनक नहर से दिल्ली को 1050 क्यूसेक पानी देना तय हुआ। लेकिन पिछले कुछ दिनों से लगातार दिल्ली में हरियाणा से कम पानी आ रहा है। हरियाणा लगातार झूठ बोल रहा था कि उन्होंने दिल्ली में पूरा पानी छोड़ा है लेकिन उनके इस झूठ का पर्दाफ़ाश सुप्रीम कोर्ट में दिए उनके एफ़िडेविट ने ही कर दिया।

जलमंत्री आतिशी ने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा सरकार द्वारा दिए गए एफ़िडेविट के आँकड़े दिखाते है कि, 1 मई से 22 माई तक हरियाणा मुनक नहर के ज़रिए सीएलसी में 719 क्यूसेक पानी और डीएसबी में 330 क्यूसेक पानी छोड़ रहे है। यानी रोज़ाना 1049 पानी छोड़ा गया। लेकिन इसके बाद 23 मई से इसमें कमी आने लगी। यानी जिस दौरान दिल्ली में चुनाव था, उस समय हरियाणा ने पानी भेजना कम कर दिया। सीएलसी में 719 क्यूसेक पानी और डीएसबी में 330 क्यूसेक की तुलना में पानी 675 क्यूसेक और 283 क्यूसेक हो गया, ये हरियाणा के ख़ुद के आँकड़े बता रहे है। उन्होंने कहा कि, दिल्ली में चुनाव 25 मई को था, उससे पहले 4 दिन तक दिल्ली का पानी कम किया, जो ख़ुद उनके सुप्रीम कोर्ट के एफ़िडेविट से साफ़ हो रहा है।

जलमंत्री आतिशी ने कहा कि, अब जब पिछले एक हफ़्ते से दिल्ली में पानी की त्राहि त्राहि मची है और मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है तो हरियाणा मुनक नहर का पानी कम कर रहा है। हरियाणा के आँकड़ों के मुताबिक़ 7,8,9 और 10 जून को सीएलसी में हरियाणा को 719 क्यूसेक पानी छोड़ना था उसके बदले केवल 675 क्यूसेक पानी छोड़ा और डीएसबी में 330 के बजाय 310 क्यूसेक पानी छोड़ा है। यानि हरियाणा सरकार के ख़ुद के एफ़िडेविट और आँकड़ों में पिछले कुछ समय से हरियाणा सरकार द्वारा बोले जा रहे झूठ का पर्दाफ़ाश हो गया है। और अब पूरी दिल्ली और देशवासियों के सामने ये बिलकुल साफ़ हो गया है कि, हरियाणा दिल्ली के हक़ का पानी जानबूझकर रोक रही है।

उन्होंने कहा कि, आज हरियाणा सरकार के झूठ का पर्दाफ़ाश हो गया है और ये साफ़ हो गया है कि, हरियाणा 1050 क्यूसेक के बजाय मात्र 985 क्यूसेक पानी छोड़ रही है जो ट्रांसमिशन लॉस की वजह से दिल्ली में और भी कम हो रहा है। इससे पानी का उत्पादन कम हो रहा है और दिल्लीवाले परेशान है।

जलमंत्री ने आगे कहा कि, हम ये सभी आँकडें सुप्रीम कोर्ट में जमा करेंगे और बतायेंगे कि कैसे हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट की भी अवमानना कर रही है।

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