प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रीमंडल में एनडीए के घटक दलों को सम्मान जनक मंत्रालय नहीं मिलने के बाद आम आदमी पार्टी ने उन्हें सावधान रहने की सलाह दी है। “आप” के वरिष्ठ नेता एवं सांसद संजय सिंह ने कहा कि सोमवार को घोषित मंत्रीमंडल में एनडीए के घटक दलों को झुनझुना मंत्रालय मिला है। इनको एक भी अच्छा मंत्रालय नहीं मिला है। इसकी हमें पहले से ही आशंका थी। मंत्रीमंडल में सम्मान न देकर भाजपा ने साफ संकेत दे दिया है कि उसने अपने घटक दलों को समाप्त करना शुरू कर दिया है। पिछले दस सालों में भाजपा ने कई पार्टियों को तोड़ा है और सरकारें गिराई हैं। अगर लोकसभा में इनका स्पीकर बन गया तो ये घटक दलों को तोड़कर खत्म कर देंगे। ये लोग मनमाना बिल लाएंगे और विरोध करने वाले सांसद को मार्शल के जरिए सदन से बाहर फिकवा देंगे। इसलिए टीडीपी -जेडीयू अपना स्पीकर बनाना चाहिए और यही उनकी पार्टी, संविधान और लोकतंत्र के हित में है। अगर भाजपा राजी न हो तो इंडिया गठबंधन को समर्थन का विचार करना चाहिए।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली ‘तथाकथित’ एनडीए सरकार की घोषणा हो गई है। तथाकथित इसलिए क्योंकि अभी भी इसे मोदी 3.0 सरकार कहा जा रहा है। इंडिया गठबंधन के दलों को जिस बात की आशंका थी वो सच साबित होने जा रहा है। इस सरकार में एनडीए के घटक दलों को गृह, रक्षा, वित्त, विदेश, वाणिज्य, रेल, सड़क, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, दूर-संचार में से कोई मंत्रालय नहीं मिला। उन्हें हाथ में केवल झुनझुना मंत्रालय थमा दिया गया। भाजपा ने साफ तौर पर पहला संकेत दे दिया है कि उसकी अपने घटक दलों को अपमानित करने और धीर-धीरे उनकी ताकत समाप्त करने की जो प्रवृत्ति और कार्य शैली है, मंत्रालय के बंटवारे के बाद इसकी शुरुआत हो गई है। हमने पहले भी ऐसा देखा है। जब ये नवीन पटनायक के साथ थे, उनके साथ भी इन्होंने ऐसा ही किया। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे का तीर कमान चुरा लिया और उनकी पार्टी तोड़ दी। शरद पवार की घड़ी चुरा ली। इसके अलावा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश में सरकार गिराई और गोवा में जोड़-तोड़कर सरकार बनाई। इन्होंने 10 साल में देश के अंदर जोड़-तोड़ करके, विधायकों और सांसदों की खरीद फरोख्त करके पार्टियों को तोड़ा है।एनडीए के घटक दलों को ये झुनझुना मंत्रालय देने के बाद अब इनका अगला चरण इन पार्टियों को खत्म करना होगा।
संजय सिंह ने कहा कि अगर गलती से भी बीजेपी का स्पीकर बन गया तो उसके तीन बड़े खतरे हैं। पहला, बाबा साहब अंबेडकर द्वारा लिखे गए संविधान की धज्जियां उडाई जाएंगे। दूसरा, एनडीए के घटक दल टीडीपी, जेडीयू, जेडीएस, आरएलडी इन सभी छोटी से लेकर बड़ी पार्टियों को तोड़-तोड़कर बीजेपी के साथ मिलाया जाएगा। तीसरा, कोई भी सांसद अगर सरकार के मनमाने बिल के खिलाफ आवाज उठाएगा तो उसे मार्शल से बाहर फिकवा दिया जाएगा। भारतीय संसदीय इतिहास में पहली बार एक साथ 150 सांसदों को मोदी सरकार ने निलंबित किया था। यह केवल कहने की बात होती है कि ये लोकसभा या राज्यसभा के अध्यक्ष का फैसला है, क्योंकि निलंबन का प्रस्ताव सरकार लेकर आती है। संसदीय कार्यमंत्री द्वारा निलंबन प्रस्ताव लाने पर सांसदों को निलंबित करके सदन से बाहर किया जाता है। चूंकि निलंबन की कार्यवाही और मार्शल द्वारा सदन से बाहर निकाले जाने का सबसे ज्यादा भुक्त भोगी मैं खुद हूं, इसलिए सांसदों को कम से कम इस विषय में मेरी सलाह माननी चाहिए। भाजपा वाले चिल्ला चिल्लाकर कहते हैं कि संजय सिंह 6 साल में 56 बार वेल के अंदर गए। लेकिन मैं वहां अपनी लड़ाई लड़ने नहीं बल्कि जनता के मुद्दे उठाने के लिए गया। देश के किसान, नौजवान, पहलवान, मणिपुर, शिक्षा मित्र, और वृद्धा पेंशन जैसे मुद्दों पर सवाल पुछने पर मुझे सदन से बाहर निकाल दिया गया।
संजय सिंह ने कहा कि मैं टीपीडी, जेडीयू जैसे दलों से अनुरोध करूंगा कि कम से कम स्पीकर अपना बनाइए। ये आपकी पार्टियों के हित में है। यह बाबा साहब अंबेडकर के संविधान, भारत के लोकतंत्र और देश के संसदीय परंपराओं के हित में है कि लोकसभा स्पीकर टीडीपी का होना चाहिए। अगर बीजेपी इसपर समर्थन नहीं करती है तो इंडिया गठबंधन के घटक दलों को निश्चित रूप से इस पर विचार करना चाहिए। अगर टीडीपी बीजेपी के समर्थन के बिना अपना स्पीकर का उम्मीदवार मैदान में उतारेगी तो उसमें इंडिया गठबंधन के सभी घटक दलों की उसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
उत्तर प्रदेश में भाजपा की सीटें कम होने के बाद लगाता उत्तर प्रदेश के लोगों को निशाना बनाए जाने के विषय में राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि चुनाव परिणाम आने के बाद से भाजपा जिस तरह से उत्तर प्रदेश और खासतौर से अयोध्यावासियों को गंदी गालियां दे रही हैं वो बहुत ही अफसोसजनक और पीड़ादायक है। यूपी के लोगों ने आपको तीन-तीन बार प्रधानमंत्री बनाया, लेकिन अब आप अयोध्या के लोगों को गालियां दे रहे हैं? आप प्रभु श्री राम की नगरी की प्रजा को गालियां दे रहे हैं? पूरी बीजेपी मिलकर हिंदुओं और यूपी को गाली दे रही है। यूपी ने पहले अपको 74 सीटें दीं, फिर 61 सीटें दी अगर एक बार कम सीटें दे दीं तो क्या आप उन्हें गाली दोगे? यह बीजेपी का असली चरित्र है। इन्होंने मुसलमानों, ईसाई, सिखों, दलितों पिछड़ों को गाली दिया और फिर आदिवासी युवक से सिर पर पेशाब किया। हाथरस कांड के समर्थन में खड़े हुए। जाटों और मराठों को गाली दिया और अब सारी सीमाएं पार करके किसानों और जवानों को गाली देने के बाद अब ये हिंदुओं को गालियां दे रहे हैं।
संजय सिंह ने कहा कि भाजपा को खुद आत्म चिंतन करना चाहिए कि प्रधानमंत्री के मन में कितना अहंकार आ गया था। भाजपा वाले गाना गा रहे थे कि जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे। हिंदू धर्म में मान्यता है कि प्रभु श्री राम सृष्टि के रचयिता हैं, वो इंसान को लेकर आए हैं। लेकिन मोदी जी और बीजेपी की मान्यता है कि वो राम को लेकर आए हैं। प्रभु श्री राम ने उनके इस अहंकार को तोड़ा है। राम वन गमन पथ मार्ग पर बीजेपी अयोध्या, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, प्रयागराज, चित्रकूट, रामपुर, सीतापुर से लेकर श्रावस्ती सब जगह हारी। इनका सफाया हो गया। इसलिए पहले अपने मन से अहंकार को निकालिए। प्रधानमंत्री बड़ी मुश्किल से काशी से जीत पाए हैं। कांग्रेस पार्टी को 1952 से अब तक काशी से सबसे ज्यादा वोट मिले। अजय राय वहां से चुनाव भले हार गए लेकिन वहां से कभी कांग्रेस को 4 लाख 65 हजार वोट नहीं मिले थे। इसलिए अयोध्यावासियों और हिंदुओं को गाली देने के बजाय बीजेपी अपने अंदर की कमियों को झांक कर देखे। अब तो प्रधानमंत्री जय श्री राम का नारा भी भूल गए हैं।
संजय सिंह ने कहा कि भाजपा दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों से नफरत करती है। दलित समाज से आने वाले अवधेश प्रसाद पासी का अयोध्या से सांसद बनना भाजपा को हजम नहीं हो रहा है, इसलिए वो मां-बहन की गालियां दे रही हैं। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने अपना आवास खाली किया तो उसे गंगा जल से धोया गया। उन्होंने कन्नौज में अपनी पत्नी के साथ मंदिर में दर्शन किए जो भाजपा वालों ने उसे भी गंगा जल से धो दिया। यह भाजपा की मानसिकता है। उत्तर प्रदेश के का दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों ने अपने इस अपमान का बदला लिया है। आपने ऐसे व्यक्ति को कैबिनेट मंत्री बनाया है जो कहता है कि श्री राम भगवान नहीं है, बल्कि वो केवल एक काल्पनिक कल्पना हैं। वो कहते हैं कि रावण भगवान श्री राम से श्रेष्ठ था। वो रामचरित मानस को भी नहीं मानता है। क्या बीजेपी और आरएसएस भी मानती है कि श्री राम भगवान नहीं, केवल एक कल्पना मात्र हैं? क्या वो रावण को श्री राम से श्रेष्ठ मानते हैं? क्या रामचरित मानस में उनकी आस्था नहीं है? आपने ऐसे विचार रखने वाले जीतन राम मांझी को कैसे अपना कैबिनेट मंत्री बना दिया?