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आने वाले मानसून के मद्देनजर दिल्ली के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज आईटीओ स्थित यमुना के बैराज की वर्तमान स्थिति का जायजा लेने पहुंचे I मंत्री सौरभ भारद्वाज ने विभाग के अधिकारियों संग आईटीओ बैराज की वर्तमान स्थिति का निरीक्षण किया I अधिकारियों ने बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए बैराज पर चल रहे काम की संपूर्ण जानकारी मंत्री सौरभ भारद्वाज जी के समक्ष रखी I बीते वर्ष मानसून के समय इसी बैराज के कारण यमुना में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई थी, जिसके कारण यमुना के आसपास के क्षेत्र में जल भराव हो गया था और लोगों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ा था I बीते वर्ष की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए मानसून के आने से पहले ही इस बार परिस्थितियों से निपटने की तैयारी शुरू कर दी गई है I उन्हीं तैयारी का जायजा लेने ही मंत्री सौरभ भारद्वाज आईटीओ बैराज पहुंचे I

बैराज का दौरा करते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया, कि पिछले साल जिस मात्रा में वर्षा हुई और हरियाणा की ओर से जितना पानी यमुना में छोड़ा गया, बीते कई दशकों में इतना पानी कभी यमुना में नहीं आया था और यही कारण था, कि बीते वर्ष यमुना में बाढ़ की स्थिति बन गई थी I उन्होंने कहा कि हालांकि यह बैराज हरियाणा सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है, इस बैराज के संचालन की जिम्मेदारी हरियाणा सरकार की है, परंतु बीते वर्ष की स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही इस बार दिल्ली सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने समस्या से निपटने के लिए हरियाणा सरकार के साथ तालमेल करके सारी तैयारियां की है I उन्होंने पत्रकारों को बताया की विभाग द्वारा इस बार ऐसी तैयारी की गई हैं, कि यदि पिछली बार की भांति भी पानी यमुना में अगर आ जाएगा तो भी दिल्ली यमुना में बाढ़ नहीं आएगी और यमुना का पानी सड़कों पर नहीं आएगा I मौके पर मौजूद बड़ी-बड़ी मशीन जिनके द्वारा बैराज के आसपास जमा मिट्टी को हटाया जा रहा था, उसके संबंध में जानकारी देते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि लगभग पिछले 3 महीने से यह काम चल रहा है और सभी बैराज के आसपास से बड़ी मात्रा में जमा मिट्टी को हटा दिया गया है और सभी बैराजों को खोल दिया गया है I उन्होंने बताया कि कुछ बैराज जो नहीं खुल पा रहे थे उनको काटकर अलग हटा दिया गया है ताकि पानी के प्रवाह में किसी प्रकार की कोई रुकावट न आए I

बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए एक नई तकनीक की जानकारी देते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया, कि इस बार यमुना में पानी इकट्ठा ना हो और बाढ़ की स्थिति पैदा ना हो उससे निपटने के लिए पहली बार एक प्रयोग दिल्ली के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा किया गया है I उन्होंने बताया कि इस प्रयोग को पायलट कट कहा जाता है I इस प्रयोग के तहत बैराज के आसपास वर्षों से जमा मिट्टी को ठीक बैराज के सामने से खोजते हुए दूर तक छोटी-छोटी नहरे बना दी जाती हैं I इस कार्य को करने में यमुना में बनाई गई क्रत्रिम नहरों के बीच में वर्षों से जमा मिट्टी के छोटे छोटे टापू बन जाते हैं और जब पीछे से बारिश का पानी हरियाणा की तरफ से छोड़ा जाएगा, तो वह तेज बहाव के साथ इन क्रत्रिम नहरों से होते हुए आगे निकलेगा और उसके बहाव के साथ बीच-बीच में बने मिट्टी के यह टापू उस पानी के साथ बेहकर आगे निकल जाएंगे, जिससे कि पानी के रुकने की सारी संभावनाएं समाप्त हो जाएगी और पानी तेज प्रवाह के साथ आगे निकल जाएगा I इस प्रक्रिया के माध्यम से यमुना में पानी के रुकने की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी और जब पानी के प्रवाह में कोई रुकावट ही नहीं होगी तो बाढ़ की सभी संभावनाएं भी समाप्त हो जाएंगी I

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पत्रकारों को बताया, कि पिछली बार यमुना में बाढ़ के कारण कुछ जगहों पर रेगुलेटर टूटने की भी घटनाएं हुई थी I इस बार परिस्थितियों से निपटने के लिए सारे रेगुलेटरों की अच्छी तरीके से मरम्मत कर दी गई है I जो रेगुलेटर टूटा था, उसे नया बनवाया गया है और साथ ही साथ बाकी सभी रेगुलेटरो कि पर्याप्त जांच कर ली गई है, उनकी पर्याप्त सर्विसिंग कर दी गई है, ताकि इस बार यमुना में पानी आने की स्थिति में किसी प्रकार की समस्या या दुर्घटना ना हो I उन्होंने कहा कि हमने उन सभी रेगुलेटर की एक बार टेस्टिंग भी की है और मुझे पूरी उम्मीद है कि इस बार बीते वर्ष की भांति ऐसी कोई भी खबर हमें सुनने को नहीं मिलेगी I

शहरी इलाकों में जल भराव की स्थिति पर पत्रकारों को जानकारी देते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि शहरी इलाकों में पानी भरने के विभिन्न अलग अलग कारण हैं, जिनकी जिम्मेदारी अलग-अलग विभागों जैसे कि डीडीए, पीडब्ल्यूडी और दिल्ली नगर निगम आदि के पास है I उन्होंने कहा की सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग की जो जिम्मेदारी है, यमुना में बाढ़ की स्थिति से निपटने की, विभाग का मंत्री होने के नाते मैं आप लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं, कि हमने इस वर्ष इस प्रकार से तैयारी की हैं, कि हमें पूरी उम्मीद है कि इस वर्ष यमुना में बाढ़ की स्थिति नहीं बनेगी I

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