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हिमाचल प्रदेश से दिल्ली को मिल रहे अतिरिक्त पानी को हरियाणा की भाजपा सरकार द्वारा रोकने पर आम आदमी पार्टी ने कड़ी आपत्ति जताई है। ‘‘आप’’ की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार दिल्ली को उसके हक का पानी नहीं दे रही है। उसने हिमाचल से 137 क्यूसेक और दूसरे माध्यमों से दिल्ली को मिल रहे 200 क्यूसेक पानी को भी रोक दिया है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार को अतिरिक्त पानी देने का आदेश दिया था और यह पानी हरियाणा होते हुए दिल्ली आना था, लेकिन हरियाणा की भाजपा सरकार द्वारा इसे रोका जा रहा है। वहीं, एलजी कह रहे हैं कि दिल्ली सरकार हरियाणा सरकार पर ग़लत आरोप लगा रही है। लगता है कि उनको सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मालूम है। एलजी को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि वो भाजपा के लिए नहीं, दिल्लीवालों के लिए जवाबदेह हैं। अगर वो चाहते तो हरियाणा सरकार से बात कर यह मामला सुलझा सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं कर रहे हैं।

आम आदमी पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर कहा कि दिल्ली सबकी है और सबको अपनाती है। देशभर के लोग अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य और बेहतर रोजगार के लिए यहां आते हैं। वहीं भाजपा दिल्ली के 3 करोड़ लोगों के पानी का हक रोक रही है। लेकिन अरविंद केजरीवाल की सरकार और आम आदमी पार्टी दिल्लीवालों को उनका हक दिला कर रहेगी। सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट कर हम हर जगह संघर्ष करेंगे और भाजपा की नकारात्मक राजनीति दिल्ली में एक बार फिर फेल होगी। 31 मई को दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट गई और बताया कि अचानक हीट वेव के चलते दिल्ली में तापमान 53 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है और पानी की मांग बढ़ गई है। हमने कोर्ट को बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी दिल्ली को देने के लिए तैयार हैं। हमने सुप्रीम कोर्ट से मांग की कि हरियाणा सरकार को हिमाचल से दिल्ली तक पानी आने देने का आदेश दिया जाए, क्योंकि हिमाचल प्रदेश दिल्ली से सीधे नहीं जुड़ा है। हिमाचल से मिलने वाला पानी हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज के जरिए दिल्ली के वजीराबाद तालाब तक पहुंच पाएगा।

प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि हमने कोर्ट को बताया कि इस बार मानसून आने में देरी हो रही है। 30 जून 2024 तक मानसून आने की संभावना है। इसलिए पानी की कमी को पूरा करने के लिए हमें थोड़े समय के लिए यह व्यवस्था चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने 3 जून 2024 को एक आदेश दिया। इसके तहत सब स्टेक होल्डर्स की मीटिंग हुई और मीटिंग के बाद 6 जून 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली को 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी हिमाचल प्रदेश देने को तैयार है। भाजपा की हरियाणा इस पानी को बिना किसी रुकावट के हथिनीकुंड बैराज से होते हुए दिल्ली आने दे। लेकिन हरियाणा की भाजपा सरकार ने हिमाचल प्रदेश से आने वाला 137 क्यूसेक पानी तो रोका ही, साथ ही एक दूसरे चैनल से दिल्ली आने वाले 1050 क्यूसेक पानी में से 200 क्यूसेक की सप्लाई भी रोक दी है।

प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि इसी नकारात्मक राजनीति का नतीजा है कि भाजपा हरियाणा में आधी हो गई है और जल्द ही यहां साफ भी हो जाएगी। उन्हें किस बात का अहंकार है? पानी सबका होता है। उत्तर भारत में पानी का मुख्य स्रोत झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलज और सिंधू नदी है। जिसके पानी को पूरे उत्तर भारत में वितरित किया जाता है। इनके ऊपर यमुना बोर्ड की तरह एक बोर्ड बैठता है। यह बोर्ड सभी स्टेक होर्डर्स को इकट्ठा करता है। इसमें प्रत्येक राज्य के मंत्री और प्रशासनिक अधिकारी शामिल होते हैं और बताते हैं कि उनके राज्य को कितने पानी की जरूरत है। जिसके बाद बोर्ड सबकी जरूरत के हिसाब से पानी बांट देता है। अब हथिनीकुंड बैराज से दिल्ली के वजीराबाद तालाब में पानी आना है, लेकिन भाजपा को इसमें भी दिक्कत है।

प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि एलजी साहब कह रहे हैं कि दिल्ली सरकार बिना किसी कारण हरियाणा सरकार पर आरोप लगा रही है। क्या एलजी साहब को सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर की जानकारी नहीं है? उनको ये समझना चाहिए कि वो दिल्ली के एलजी हैं और दिल्ली के लोगों के लिए हैं। दिल्ली की समस्याओं को सुलझाने के लिए एलजी बने हैं न कि उनकी जवाबदेही भाजपा के हेडक्वार्टर पर है। अगर एलजी चाहते तो इस मामले का हल निकलवा सकते थे। वो केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार को कह सकते थे कि हरियाणा दिल्ली के ट्रीटेड पानी को लेकर कृषि में इस्तेमाल कर ले, लेकिन दिल्ली के हक का पानी न रोके। ऐसा भी संभव था। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और इस विषय पर राजनीति की। जैसा कि उन्हें भाजपा हेडक्वार्टर से मिले थे। हमारी अपील है कि इतनी भीषण गर्मी में हमने कुछ समय के लिए यह व्यवस्था मांगी है, जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश दिए है। तो भाजपा को अपनी गंदी राजनीति बंद करनी चाहिए। बीते चुनाव के सबक लेना चाहिए और दिल्ली के पानी को तुरंत छोड़ देना चाहिए।

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