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आम आदमी पार्टी ने नीट 2024 परीक्षा में सामने आए घोटाला के लिए भाजपा की केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया है और सुप्रीम कोर्ट से इसकी जांच कराने की अपील की है। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता जस्मीन शाह ने कहा कि नीट परीक्षा के पेपर लीक होने और रिजल्ट में पाई गई अनियमितताएं देश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। ‘‘आप’’ सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में एसआईटी से इस घोटाले की जांच कराने और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग करती है। उन्होंने कहा कि चौकाने वाली बात ये है कि बिहार, गुजरात और हरियाणा समेत भाजपा व एनडीए शासित राज्यों में ही गड़बड़ी सामने आई है। हरियाणा के झज्जर सेंटर से टॉप 100 में कई छात्र शामिल हैं और ये छात्र दूसरे राज्यों के रहने वाले हैं। नीट परीक्षा में पहली बार एक साथ 67 छात्रों ने टॉप किया है और सबको 720 में से 720 नंबर मिले, जबकि अभी तक दो-तीन छात्र ही टॉपर हुआ करते थे। भाजपा की केंद्र सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं को कमजोर कर देश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।

‘आप” के वरिष्ठ नेता जस्मीन शाह ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर कहा कि 4 जून को प्री-मेडिकल नीट एग्जाम के रिजल्ट आए है और तभी से देशभर के युवाओं में भारी गुस्सा है। नीट रिजल्ट को लेकर कई प्रकार की अनियमितताएं सामने आई हैं, जो समझ से बिल्कुल परे है। देश की प्रतियोगी परीक्षा के इतिहास में आज तक कभी इतनी बड़ी गड़बड़ियां बाहर नहीं आई हैं। देश में हर साल नेशलन लेवल की दर्जनों परीक्षाएं होती हैं। लेकिन 4 जून जब नीट परीक्षा के रिजल्ट बाहर आते हैं, तो देश के हजारों युवा बीजेपी की केंद्र सरकार से सवाल पूछ रहे हैं। ये बहुत दुखद घटना है। 2024 के नीट एग्जाम में गड़बड़ी की पूरी क्रोनोलॉजी तभी से शुरु हो गई थी, जब ये एग्जाम हुए थे। देश में 5 मई को नीट की परीक्षा हुई थी जिसमें कुल 24 लाख छात्रों ने पेपर दिया था। देश भर में 5000 सेंटर में ये परीक्षा हुई। उसी दौरान दो घटनाएं बाहर आई, जिसमें पहला मामला बिहार से पेपर लीक का होता है। बिहार पुलिस तुरंत 13 लोगों को गिरफ्तार करती है। उसके बाद गुजरात से भी पेपर लीक की घटना बाहर आती है, वहां पर भी 3 लोग गिरफ्तार होते हैं। लेकिन ये घटना घटने के बाद दोनों राज्यों की सरकार ने पूरे मामले में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया कि क्या वाकई में पेपर लीक हुआ था, कितने लोगों तक ये लीक पेपर पहुंचा था? नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) जो ये परीक्षा करवाती है, वो भी इस मामले पर पूरी तरह से चुप है। इन्होंने पेपर लीक के आरोपियों को तो गिरफ्तार किया लेकिन इस मामले पर कुछ बोल नहीं रहे हैं। तभी से नीट परीक्षा पर सवालिया निशान लगने शुरु हो गए।

जस्मीन शाह ने कहा कि जब 4 जून को नीट के नतीजे आए तो सारे संदेह दूर हो गए। देश के युवाओं के भविष्य के साथ इतना बड़ा खिलवाड़ इससे पहले कभी नहीं हुआ। नीट एग्जाम में केवल गड़बड़ियां ही नहीं है, बल्कि अक बहुत बड़ा घोटाला हुआ है। यह गड़बड़ियां कैसे हो सकती हैं? नीट में अमूमन हर साल दो या तीन टॉपर घोषित होते थे। लेकिन इस साल 67 टॉपर्स घोषित हुए हैं, जिन्हें 720 में से 720 अंक मिले हैं। देश के इतिहास में आज तक किसी प्रतियोगी परीक्षा में इतने बच्चों को 100 फीसद नंबर नहीं मिले, जैसा इस एग्जाम में हुआ है। 2023 में केवल छात्रों को पूरे अंक मिले थे। 2022 में 4 छात्रों को टॉपर घोषित किया गया था। 2021 में 3 टॉपर बने थे। इसमें ये भी पता चलता है कि इन 67 टॉपर में से 6 टॉपर हरियाणा के झज्जर के एक सेंटर से निकले हैं। ये भी देश में पहली बार हो रहा है कि देश में 24 लाख बच्चों ने 5 हजार सेंटर में पेपर दिया लेकिन 6 बच्चे एक ही सेंटर से 100 फीसद अंक लाकर टॉपर बने हों। बाकी 61 टॉपर अलग-अलग सेंटर से हैं, जबकि ये 6 छात्र झज्जर के एक सेंटर से हैं। चौंकाने वाली बात ये भी है कि हरियाणा झज्जर के इस सेंटर में कई केंडिडेट अपना गृह राज्य छोड़कर यहां परीक्षा देने आए थे। जबकि इन बड़े प्रतियोगी परीक्षा में हर छात्र अपने घर से करीबी सेंटर को चुनता है। कोई भी केंडिडेट एग्जाम देने के लिए दूसरे राज्य नहीं जाता। इसलिए परीक्षा के लिए 5,000 सेंटर खोले गए हैं। इन 6 टॉपर्स के अलावा झज्जर के इस सेंटर से कई बच्चे टॉप 100 में हैं।

जस्मीन शाह ने कहा कि एग्जाम का ऐसा स्कोरिंग पैटर्न सामने निकल कर आ रहा है जो सबकी समझ से परे है। नीट एग्जाम में हर सही जवाब के लिए 4 अंक दिए जाते हैं। अगर आप गलत जवाब देते हो तो एक अंक कम हो जाता है। लेकिन कई ऐसे छात्र हैं जिनको 718 या 719 अंक मिले हैं। ये नंबर गणितीय हिसाब से भी सही नहीं बैठते हैं। सारे केंडिडेट आज दंग हैं कि कुछ बच्चों को ऐसे नंबर कैसे मिल रहे हैं जो समझ से बिल्कुल परे हैं। जब चारों तरफ से दवाब पड़ा तो पत चला कि एनटीए ने बच्चों को ग्रेस मार्क्स दिए हैं। हालांकि एनटीए ने खुद आकर इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है। कहते हैं कि पेपर के दौरान बच्चों का कुछ समय बर्बाद हुआ था तो उन्होंने अपने फार्मूले के हिसाब से बच्चों को ग्रेस मार्क्स दे दिए। एनटीए की प्रतिक्रिया और सवाल खड़े करती है, क्योंकि उसकी गाइडलाइन में ग्रेस मार्क्स का कोई प्रावधान नही है। इसका कोई फार्मूला नहीं है। वो कह रहे हैं कि हमने केवल 4 राज्यों के 4 या 5 सेंटर्स के बच्चों को ग्रेस मार्क्स दिए हैं। आपने ये कैसे तय कर लिया? पूछने पर पता चला कि 1,563 बच्चों को ग्रेस मार्क्स मिले हैं। इनमें से कई बच्चे ऐसे हैं जिनको ग्रेस मार्क्स में 100 अंक भी मिले हैं।

जस्मीन शाह ने कहा कि देश के इतिहास में किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में ऐसा नहीं हुआ। ये बहुत बड़ा घोटाला है। इसके चलते जिन बच्चों को ग्रेस मार्क्स मिले हैं जो मेरिट लिस्ट में लाखों की सख्या से ऊपर हो जा रहे हैं। जिन बच्चों को ग्रेस मार्क्स नहीं मिले हैं और वो अपनी सालों की मेहनत से नंबर लाए हैं और वो देख रहे हैं कि उनके सामने कई बच्चों को ग्रेस मार्क्स मिल रहे हैं और उनकी सालों की मेहनत बर्बाद हो गई। अब जब देश के युवा सरकार से सवाल पूछ रहे है तो बीजेपी और उसकी केंद्र सरकार चुप है। देश के युवाओं के जज्बातों और उनके भविष्य के साथ इतना खिड़वाड़ हो रहा है लेकिन बीजेपी चुप है। ये बहुत गंभीर मामला है। देश की प्रतियोगी परीक्षा के ढांचे पर इतने सवाल कभी नहीं उठे। जेईई और नीट की परीक्षा पर पूरी दुनिया की नजर रहती है। पूरी दुनिया देख रही है कि जो बीजेपी भारत को विश्व गुरु बनाने की बात करती है वो एक प्रतियोगी परीक्षा भी ढंग से नहीं करावा पा रही है। आज केंद्र सरकार की इन हरकतों और इनकी चुप्पी की वजह से देश में प्रतियोगी परीक्षाएं कराने वाले सिस्टम पर लोगों की विश्वसनीयता कम हो रही है। यह बहुत गंभीर मामला है।

जस्मीन शाह ने कहा कि ये पहली बार नहीं है, जब बीजेपी की देखरेख में पेपर लीक हो रहे हैं। इस परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। बीजेपी का लंबा इतिहास रहा है। गुजरात में जहां 25 साल से इनकी सरकार है, कहा जाता है कि गुजरात में पेपर लीक एक ऑर्गेनाइज्ड क्राइम है। यहां पिछले 11 सालों में एग्जाम सेंटर से 11 बार पेपर लीक हो चुके हैं। गुजरात में जनवरी 2023 में पंचायत जूनियर क्लर्क का एग्जाम हुआ था। 10 लाख बच्चों को पेपर देना था। लेकिन पेपर लीक हो गया। नवंबर 2019 में गुजरात सब-ऑर्डिनेट सर्विसेज बोर्ड एग्जाम का पेपर होना था लेकिन वो भी लीक हो गया। 6 लाख केंडिडेट्स का भविष्य अंधेरे में चला गया। यूपी में भी बीजेपी की डबल इंजन सरकार है। यहां फरवरी 2024 में पुलिस कॉन्सटेबल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ। 48 लाख नौ जवान यह परीक्षा दे रहे थे। उनके और उनके परिवार पर क्या बीती होगी जो सालों उम्मीद लगाए बैठे थे कि उनको बच्चों को नौकरी मिलेगी। 2021 में भी यूपी टेट (टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) का पेपर भी लीक हो गया जिससे 21 लाख केंडिडेट्स का भविष्य अंधेरे में चला गया।

जस्मीन शाह ने कहा कि बीजेपी का ये इतिहास रहा है कि इन्होंने लगातार प्रतियोगी परीक्षाओं की व्यवस्था को कमजोर करने का काम किया है। गौर करने वाली बात ये भी है कि ये सारी अनियमितताएं बीजेपी शासित राज्यों से ही निकल कर आ रही हैं। नीट के पेपर लीक की पहली घटना भी बिहार के पटना से निकल कर आती है जहां एनडीए की सरकार है। दूसरी घटना गुजरात से सामने आई जहां बीजेपी की सरकार है। हरियाणा में जहां से 6 टॉपर एक ही सेंटर से निकल कर आए हैं वहां भी बीजेपी की सरकार है। कहीं न कहीं ये साफ है कि ये कोई छोटा-मोटा घोटाला नहीं है, बल्कि ये बीजेपी सरकार या उनके नेताओं की सांठ-गांठ से हो रहा है।

जस्मीन शाह ने आम आदमी पार्टी की तरफ से देश के युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम आपकी लड़ाई में आपके साथ हैं। हमें पता है कि कई युवा सुप्रीम कोर्ट गए हैं। क्योंकि सरकार ने जवाब देना बंद कर दिया है, वो चुप है। हम देश के युवाओं के साथ उनकी भविष्य की लड़ाई में उनके साथ खड़े हैं। हम पूरी ताकत के साथ उनको सपोर्ट करेंगे। साथ ही हम सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करते हैं कि वो इस पूरे मामले का संज्ञान लें। इस पूरे स्कैम की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की देख रेख में एसआईटी का गठन होना चाहिए। बीजेपी की पुलिस या सीबीआई की जांच पर आज देश को भरोसा नहीं रह गया है। वो केवल बीजेपी के लोगों को बचाने का काम करेंगे। बीजेपी ने नीट परीक्षा में जो गड़बड़ियां की हैं उससे देश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। युवाओं में बहुत रोष है। बीजेपी इस घटना के लिए देश के युवाओं से माफी मांगे कि उससे गलती हुई है। उन्हें ये आश्वासन दे कि इसमें शामिल सभी दोषियों को सजा मिलेगी।

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