आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव को लेकर विभिन्न सर्वे एजेंसियों के आए एग्जिट पोल को फर्जी और हास्यास्प्रद बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने सर्वे एजेंसियों को एक्सपोज करते हुए कहा कि भाजपा एग्जिट पोल के जरिए देश की जनता को भ्रमित और मतगणना को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। सर्वे एजेंसियों ने खुद ही अपने एग्जिट पोल को अविश्वसनीय बना दिया है। मसलन, झारखंड में सीपीआईएम चुनाव नहीं लड़ रही है, लेकिन उसे 2-3 सीटें दी जा रही हैं, जबकि बिहार में 5 सीटों पर चुनाव लड़ रही एलजेपी को 6 सीटें दी जा रही हैं। उत्तराखंड में कुल 5 सीटें हैं लेकिन भाजपा को 6 सीटें दी जा रही हैं। इसी तरह, राजस्थान में कुल 25 सीटें हैं और नतीजे 33 सीटों के दिखाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल कई बार गलत साबित हुए हैं और विपरित परिणाम आने पर सर्वे एजेंसियों की कोई जवाबदेही नहीं होती है। इसलिए देश में एग्जिट पोल बंद होने चाहिए। यह केवल मतगणना से पहले प्रशासनिक तंत्र और चुनाव आयोग को प्रभावित करने की एक गलत कोशिश है।
सोमवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि पिछले दो दिन से लगातार एग्जिट पोल के नतीजों को लेकर बीजेपी द्वारा लड्डू बाटे जा रहे हैं, देश की जनता को भ्रमित किया जा रहा है और 4 जून को होने वाली मतगणना को प्रभावित करने की एक नाजायज कोशिश की जा रही है। ये एग्जिट पोल खुद अपने आप को झूठा और गलत साबित कर रहे हैं। मैं एग्जिट पोल करने वाली सभी एजेंसियों को धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने अपने आप को खुद पूरे देश के सामने एक्सपोज कर दिया है कि देश के लोगों उनके एग्जिट पोल पर बिल्कुल भरोसा न करें। उन्होंने खुद अपने एग्जिट पोल को हास्यास्पद बना दिया और देश की जनता को बता दिया कि कभी भी इस एग्जिट पोल पर भरोसा मत करना। ऐसा भारत के चुनावी और एग्जिट पोल के इतिहास में पहली बार घटित हुआ है।
संजय सिंह ने टीवी चैनलों पर दिखाए गए एग्जिट पोल के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि झारखंड में सीपीआईएमएल (मार्क्सवादी लेनिनवादी) लोकसभा चुनाव लड़ रही है, जबकि सीपीआईएम चुनाव नहीं लड़ रही है, लेकिन एग्जिट पोल में दिखाया जा रहा है कि सीपीआईएम को 2 से 3 सीटें मिल रही हैं। सीपीआईएम चुनाव ही नहीं लड़ रही है फिर भी उसे सीटें दिखा रहे हैं। यहां सीपीआईएमएल एक सीट पर ही चुनाव लड़ रही है। वहीं, तमिलनाडू में कांग्रेस 9 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, लेकिन उसे 15 सीटों पर जिताया जा रहा है। इसी तरह, उत्तराखंड में कुल 5 लोकसभा सीटें हैं, लेकिन बीजेपी को 6 सीटें दी जा रही हैं। तमिलनाडू में बीजेपी का 37 फीसद वोट शेयर दिखाया जा रहा है। भगवान भी इस एग्जिट पोल पर भरोसा नहीं करेगा कि बीजेपी को तमिलनाडू से 37 फीसद वोट शेयर मिल रहा है। हरियाणा में कुल 10 लोकसभा सीटें हैं, जबकि एग्जिट पोल में दिखाया जा रहा है कि 16 से 19 सीटें आएंगी, जिसमें से 6-8 सीटें एनडीए और बाकी ‘इंडिया’ को दी गई हैं। हिमाचल प्रदेश में कुल 4 लोकसभा सीटें हैं, जबकि एग्जिट पोल में दिखाया जा रहा है कि 6 से 8 सीटों पर नतीजे आएंगे। यानि की वहां 4 सीटों पर मतगणना होगी लेकिन ये वहां 6 से 8 सीटों पर नतीजे बता रहे हैं। राजस्थान में कुल 25 सीटें हैं लेकिन इन्होंने एग्जिट पोल में 33 सीटों के नतीजे दिखा दिया है। ये कहां से एग्जिट पोल बनाया है? बिहार में एलजेपी 5 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, लेकिन उसे 6 सीट दे दिया।
संजय सिंह ने आगे कहा कि ये एग्जिट पोल अपने आप में बहुत हास्यास्पद और मजेदार है। उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन का 7 फीसद वोट शेयर बढ़ाया गया और बीजेपी के एनडीए गठबंधन का 4 फीसद वोट शेयर घटाया गया। साथ ही बीएसपी को 14 फीसद वोट शेयर दिखाया गया। कुर्मी मतदाताओं में इंडिया गठबंधन को ज्यादा मतदान करना दिखाया गया। दलित मतदाताओं में 30 से 33 फीसद के करीब इंडिया गठबंधन के पक्ष में दिखाया गया। लेकिन इंडिया गठबंधन की सीटें कम हो गईं और एनडीए की सीटें ज्यादा हो गईं। ये कौन सा प्रयोग कर रहे हैं? ये कैसा एग्जिट पोल है? इसी तरह, केरल में एनडीए को 27 फीसद वोट शेयर आ रहा है। जहां लेफ्ट पार्टी का शासन है वहां बीजेपी को उससे ज्यादा 27 फीसद के करीब वोट शेयर मिले हैं। ये एग्जिट पोल कहां तैयार किए गए हैं? इसलिए मैं एग्जिट पोल बनाने वालों का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने पूरे देश को ये बता दिया कि हमारे एग्जिट पोल पर भरोसा ही मत करना। उनपर एग्जिट पोल के नंबर बदलने के लिए दवाब बना होगा। इसलिए उन्होंने कहा कि ठीक है मोदी जी, हम ऐसा नंबर बदल देते हैं, जिस पर जनता विश्वास ही नहीं करेगी।
संजय सिंह ने पहले गलत साबित हो चुके एग्जिट पोल के आंकड़े का उदाहरण देते हुए कहा कि 2004 में एग्जिट पोल के नतीजे आए थे, जब ‘इंडिया शाइनिंग’ का जोरदार नारा दिया गया था। उस इंडिया शाइनिंग के नारे में एक ने बीजेपी को 268 सीट दी थी, दूसरे चैनल ने 267, तीसरे ने 270, चौथे ने 263, पांचवें ने 265 सीटें दी थीं। जब नतीजे आए तो बीजेपी 2004 में ध्वस्त हो गई। 2021 में पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने पश्चिम बंगाल में 200 पार का नारा दिया था। सबने कोरोना से समय प्रचार करने से भी मना किया था, लेकिन वो कोरोना में भी 200 पार कह रहे थे। उस समय एक टीवी चैनल ने बीजेपी को 121, 148, 115, 185, 132, 115, 160, 192, 185 और 135 सीटें बीजेपी को दी थीं। नतीजे आने से पहले प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पूरे देश में भाजपाई लड्डू बांट रहे थे, नाच रहे थे। लेकिन जब नतीजे आए तो बीजेपी की मात्र 77 सीटें निकली। ये एग्जिट पोल का इतिहास है। एक नहीं अनेक बार एग्जिट पोल गलत साबित हुए हैं। हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 40 सीटें मिली थीं और बीजेपी को 25 सीटें मिली थीं। लेकिन जो एग्जिट पोल के नतीजे आए थे उसमें एक ने बीजेपी को 41, दूसरे ने 39, तीसरे ने 40, चौथे ने 32, पांचवें ने 33 और छठे ने 34 सीट दी थीं। एक भी एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित नहीं हुए।
संजय सिंह ने कहा कि एक टीवी चैनल ने अपने एग्जिट पोल में एनडीए को 370 से आस-पास सीट दिखाई। वो कह रह हैं कि हम एआई का सर्वे लेकर आए हैं जिसमें 10 करोड़ लोगों का सैंपल साइज है। उसमें 460 सीट तक इंडिया गठबंधन बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा था तो उसने किसी तरह से खींचतान कर एनडीए को आगे पहुंचाया और इंडिया गठबंधन को पीछे कर दिया। एग्जिट पोल हर बार ये गलत साबित होता है। दिल्ली-पंजाब में हमने ये देखा कि पंजाब में कोई आम आदमी पार्टी को 92 सीट नहीं दे रहा था, लेकिन हमें 117 में से 92 सीट मिली। 2013 के एग्जिट पोल में दिल्ली हमें 0 से 6 सीट दी जा रही थी। जबकि हमारी 28 सीट आईं। दूसरी बार कोई 32, 25 तो कोई 22 दे रहा था लेकिन हमारी 62 सीटें आईं।
संजय सिंह ने कहा कि अब इस देश के अंदर एग्जिट पोल बंद होना चाहिए। ये मतगणना से पहले देश की जनता, प्रशासनिक तंत्र और चुनाव आयोग को प्रभावित करने की एक गलत कोशिश है। एग्जिट पोल एक बार नहीं, अनेक बार ये गलत साबित हुआ है। अगर अभी एग्जिट पोल के नतीजे मतगणना के परिणाम से मैच नहीं खाएंगे तो इन न्यूज और सर्वे एजेंसियों की कोई जवाबदेही नहीं है। इन्होंने दिल्ली, पश्चिम बंगाल, पंजाब और हिमालच प्रदेश के एग्जिट पोल के गलत साबित होने पर माफी नहीं मांगी। 2004 में जब एग्जिट पोल गलत हुआ था तब भी इन्होंने माफी नहीं मांगा। आप देश की जनता, मतगणना की प्रक्रिया और चुनाव आयोग को मतगणना से पहले क्यों भ्रमित करना चाहते हैं? इसलिए हम इसे एग्जिट पोल का पोल खोल कह रहे हैं। इसपर देश की जनता को बिल्कुल भरोसा नहीं करना चाहिए। 4 जून को मतगणना केंद्रों के अंदर और बाहर पूरी सावधानी बरतनी चाहिए कि एक भी मतगणना के दौरान बीजेपी वाले एक भी वोट का हेर-फेर न कर पाएं। क्योंकि एग्जिट पोल वाले तो खुद ही चिल्ला-चिल्लाकर कह रहे हैं कि हम पर भरोसा मत करिए। इंडिया गठबंधन को 295 सीटें मिलने जा रही है। चार जून को इंडिया गठबंधन सरकार बनाएगी। हमने जनता से जो वादे किए हैं, उसे पूरा करेंगे।