Scrollup

यमुना में दिल्ली के हिस्से का पूरा पानी छोड़ने की मांग को लेकर हो रही बातचीत और चिट्ठी का हरियाणा सरकार पर कोई असर नहीं पड़ा है। लिहाजा केजरीवाल सरकार ने अब सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया है। जल मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली के हक के पानी की मांग को लेकर हम सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं। हरियाणा सरकार द्वारा यमुना में पर्याप्त पानी नहीं छोड़ रहा है। इस वजह से दिल्ली में जल संकट गहराता जा रहा है। इससे निपटने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सरकार ने वॉटर टैंकर वॉर रूम बनाया है, जहां से दिल्लीवासी 1916 पर कॉल कर पानी के टैंकर मंगा सकते हैं। पानी की बर्बादी रोकने के लिए डीजेबी की 200 टीमें बनाई गई है। निर्माण साइटों, कार वाशिंग और कार रिपेयर सेंटर पर डीजेबी के पोर्टेबल पानी के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। आदेश का पालन न करने पर उसे सील कर दिया जाएगा। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि सभी दिल्लीवासी इस आपात स्थिति में सरकार का सहयोग करें और पानी की बर्बादी करने से बचें।

जल मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से पानी का संकट बना हुआ है। दिल्ली के कुछ हिस्सों में पानी की पर्याप्त सप्लाई नहीं आ रही है। इस समस्या का मुख्य कारण हरियाणा से दिल्ली के हिस्से का पूरा पानी यमुना में नहीं छोड़ा जाना है। सबको पता है कि दिल्ली पानी के लिए काफी हद तक यमुना पर निर्भर है। यमुना के पानी से दिल्ली के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट चलते हैं। हरियाणा से यमुना के जरिए दिल्ली में जब पानी आता है तो उसे वजीराबाद तालाब पर रोका जाता है। वहां से तीन वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला में पानी पहुंचाया जाता है। आज मैंने वजीराबाद तालाब का निरीक्षण किया। वहां साफ-साफ देखने को मिला कि पानी का सामान्य स्तर 674 फीट से घटकर 670.3 फीट पर है। जब वजीराबाद तालाब में पानी नहीं होगा तो स्वभाविक तौर पर वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से पानी की सप्लाई पर असर पड़ेगा। दिल्ली सरकार आज इस पानी के मसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केस फाइल कर रही है।। हम सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं। हरियाणा और उत्तर प्रदेश के जिन हिस्सों से दिल्ली में पानी आता है। सुप्रीम कोर्ट उनको आदेश दे कि दिल्लीवालों को उनके हक का पानी मिलना चाहिए। इसके अलावा दिल्ली सरकार द्वारा कई आपातकाली कदम भी उठाए जा रहे हैं।

जल संकट से निपटने के लिए केजरीवाल सरकार की तैयारी

सेंट्रल वॉटर टैंकर का वॉर रूम

पूरी दिल्ली में पानी की सप्लाई में कमीं है। पानी की कमी वाले इलाकों में वॉटर टैंकर भेजे जाते हैं। हम एक सेंट्रल वॉटर टैंकर का वॉर रूम दिल्ली जल बोर्ड में बनाने जा रहे हैं। एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी इस वॉर रूम का नेतृत्व करेंगे। यह एक सेंट्रल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर होगा। जो भी दिल्लीवासी अपने इलाके में वॉटर टैंकर चाहते हैं वो 1916 पर कॉल करें। 1916 नंबर की ये कॉल हमारे वॉटर टैंकर के वॉर रूम में जाएगी और वहां से जहां-जहां भी पानी के सप्लाई की कमी है, वहां ये पानी के टैंकर पहुंचाए जाएंगे।

सभी 11 जोन में क्विक रिस्पॉन्स टीम

आतिशी ने बताया कि अभी सारे एडीएम और एसडीएम चुनाव की मतगणना में व्यस्त हैं। इसलिए 5 जून से दिल्ली के सभी 11 वॉटर जोन पर एक-एक एडीएम और एसडीएम स्तर के अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा। वो क्विक रिस्पॉन्स टीम बनाएंगे कि जहां-जहां पर भी पानी की कमी के हॉट स्पॉट हैं, वहां ये एडीएम और एसडीएम उनके साथ उनके तहसीलदार की टीम ग्राउंड पर पानी के टैंकर पहुंचाने के लिए पूरी तरह से मौजूद होंगे।

स्पेशल इलेक्ट्रीकल विभाग की टीम

दिल्ली में जहां-जहां भी बोरवेल का इस्तेमाल किया जा रहा है। दिल्ली जल बोर्ड के स्पेशल इलेक्ट्रिकल विभाग की टीम बनाई जा रही हैं, जो 24 घंटे इस पर काम करेंगी कि कोई भी बोरवेल खराब न हो या उसमें कोई दिक्कत न आए।

डीजेबी की 200 एनफोर्समेंट टीम

हमने बुधवार को ही घोषणा की थी कि हम दिल्ली जल बोर्ड की 200 एनफोर्समेंट टीम बना रहे हैं, जो पानी की बर्बादी की जांच करेगी। इन एनफोर्समेंट टीम का नेतृत्व करने के लिए एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को लगाया जा रहा है। जो पूरी दिल्ली में इन 200 एनफोर्समेंट टीम और इनके द्वारा काटे जा रहे चालान को मॉनिटर करेंगे।

कंस्ट्रक्शन साइट और कार सर्विस सेंटर में पोर्टेबल पानी के इस्तेमाल पर बैन

जल मंत्री आतिशी ने बताया कि आज के समय में पानी की कमी को स्थिति को देखते हुए दो कदम और उठाए जा रहे हैं। कंस्ट्रक्शन साइट पर किसी भी तरह से पोर्टेबल पानी का इस्तेमाल करने पर पूरी तरह से बैन लगाया जा रहा है। चाहे वो वॉटर टैंकर से हो, पानी की पाइप लाइन से हो या बोरवेल से हो। इनमें से किसी भी तरह से पानी को कंस्ट्रक्शन साइट पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। अगर कोई भी कंस्ट्रक्शन साइट पोर्टेबल वॉटर यानि पीने के पानी को इस्तेमाल करती पाई गई तो उन साइट को एमसीडी द्वारा सील किया जाएगा। एमसीडी की एनफोर्समेंट टीम शुक्रवार सुबह से कंस्ट्रक्शन साइट पर जाना शुरु कर देंगी। कई सारे ऐसे गाड़ी धोने वाले कार वॉशिंग और रिपेयर सेंटर हैं जो दिल्ली जल बोर्ड से आने वाले पीने के पानी को पाइप लाइन के जरिए इस्तेमाल कर रहे हैं। कार वॉशिंग और कार रिपेयर सेंटर में पीने के पानी का इस्तेमाल या दिल्ली जल बोर्ड के पानी का इस्तेमाल बिल्कुल बैन किया जा रहा है। शुक्रवार से डीपीसीसी की टीम ग्राउंड पर उतरकर कार वॉशिंग और कार रिपेयरिंग सेंटर का निरीक्षण शुरु करेंगी। अगर कहीं पर भी की कार वॉशिंग या कार रिपेयरिंग सेंटर पीने के पानी का इस्तेमाल करता हुआ पाया गया तो उसे तुरंत सील किया जाएगा।

आतिशी ने सभी दिल्ली के लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस समय हम एक इमरजेंसी की स्थिति से गुजर रहे हैं। इस स्थिति के दो कारण हैं पहला, दिल्ली में इस समय जो हीट वेव चल रही है और दूसरा जिस तरह से हरियाणा से यमुना का पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। यमुना में आने वाला पानी ही वजीराबाद तालाब से वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में भेजा जाता है। अगर इन प्लांट में पानी नहीं जाएगा तो पानी को ट्रीट करके आगे कैसे सप्लाई किया जाएगा? पिछले कई सालों के आंकड़ें बताते हैं कि 30 मई को तकरीबन 674.5 से 673.8 के स्तर पर वजीराबाद तालाब में पानी रहता है। लेकिन आज ये 670.3 फीट पर गिर गया है, जिससे ये तीनों वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि सभी दिल्लीवासियों से अपील है कि इस आपातकालीन परिस्थिति में सरकार के साथ सहयोग करें। कम से कम पानी का इस्तेमाल न करें। किसी भी तरह से पानी की बर्बादी न करें। जब सभी दिल्लीवासी साथ आएंगे तभी हम इस जल संकट का सामना कर सकेंगे।

वहीं, स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में हीट वेव चल रही है। मौसम विभाग ने पहले इसका अनुमान लगाया था कि दिल्ली में इस दौरान हीट वेव रहेगी। इस समय जल विभाग और स्वास्थ्य विभाग की बहुत अहम भूमिका हो जाती है। बिना अपने मंत्रियों को बताए और उनसे अनुमति लिए स्वास्थ्य विभाग के सचिव एसबी दीपक कुमार और जल विभाग के सीईओ अंबरासू दोनों छुट्टी पर बताए जा रहे हैं। मैं भी की कई दिनों से बीमार हूं, लेकिन जब इतनी बड़ी आपदा हो तो अपने निजी मामलों को एक तरफ रखना चाहिए। हमें तो इस बात की जानकारी ही नहीं है कि उनके छुट्टी पर जाने की क्या वजह है। दिल्ली की जनता हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। मुख्य सचिव ने आज मीटिंग में बताया कि उन्होंने दोनों को छुट्टी दी है। मुख्य सचिव इतने जरूरी विभाग के प्रमुख को बिना मंत्रियों को सूचना दिए खुद ही छुट्टी दे रहे हैं। ये हैरान करने वाली बात है और दुर्भाग्यपूर्ण है।

सौरभ भारद्वाज ने बताया कि हम सुप्रीम कोर्ट से मांग करेंगे कि हम सब दिल्ली में पानी की कमी देख रहे हैं। सारा देश एक है। अगर आस-पास के राज्यों के अंदर थोड़ी भी पानी देने की गुंजाइश है तो आस-पास के राज्य दिल्ली को थोड़े दिनों के लिए पानी दे दें, ताकि दिल्ली से पानी का ये संकट दूर हो सके। अगर हमें कम से कम 50 एमजीडी पानी भी वजीराबाद तालाब में मिल जाए तो उससे थोड़ी राहत होगी।

जल और स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्य सचिव को दिए जरूरी निर्देश

दिल्ली में भीषण गर्मी और गहराते जल संकट के मद्देनजर गुरुवार को जल मंत्री आतिशी और स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं का समुचित प्रबंधन को लेकर मुख्य सचिव के साथ अहम बैठक की। दोपहर 12 बजे दिल्ली सचिवालय में यह बैठक हुई। दोनों मंत्रियों ने मुख्य सचिव से जल संकट से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों पर विस्तार से जानकारी ली। इस दौरान दिल्ली की जनता को पानी की समस्या का सामना न करना पड़ेगा, इसके लिए सख्त कदम उठाने के लिए कई अहम फैसले लिए गए। इसके अलावा, भीषण गर्मी के चलते बीमार होकर अस्पतालों में आने वाले लोगों के लिए समुचित इलाज की व्यवस्था उपलब्ध को लेकर भी आवश्यक निर्देश दिए। इस अवसर पर संबंधित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

When expressing your views in the comments, please use clean and dignified language, even when you are expressing disagreement. Also, we encourage you to Flag any abusive or highly irrelevant comments. Thank you.

socialmedia