दिल्ली ने मई में ही बिजली खपत के मामले में अपने 15 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यहां बिजली की मांग 7 हजार मेगावॉट के पार पहुंच गई है। फिर भी केजरीवाल सरकार अपने नागरिकों को 24 बिजली दे रही है। बिजली मंत्री आतिशी ने बताया कि इस समय दिल्ली भीषण गर्म हवाओं का सामना कर रही है। इस वजह से 21 मई को बिजली की डिमांड 7717 मेगावॉट तक पहुंच गई थी। भीषण गर्मी और भारी मांग के बावजूद दिल्ली में विद्युत आपूर्ति में कहीं कोई दिक्कत नहीं आ रही है और कहीं पर भी पावर कट नहीं लग रहे हैं। उन्होंने बताया कि अक्सर जुलाई-अगस्त में उमस भरी गर्मी के चलते बिजली की खपत बढ़ जाती है, लेकिन इस बार मई में ही काफी मांग बढ़ गई है। ऐसे में अनुमान है कि जुलाई-अगस्त में बिजली की मांग 8 हजार मेगावॉट तक पहुंच सकती है और इसके लिए दिल्ली सरकार अभी से तैयार है। वहीं, दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में जहां बीजेपी की सरकार है, वहां लंबे-लंबे पॉवर कट लग रहे हैं। यूपी के नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में ज़बरदस्त बिजली कटौती हो रही है।
दिल्ली की बिजली मंत्री आतिशी ने बुधवार को दिल्ली सचिवालय में प्रेसवार्ता कर भीषण गर्मी में बिजली की बढ़ती मांग के बाद भी 24 घंटे बिजली आपूर्ति करने का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से तापमान लगातार 45 डिग्री से उपर रहा है। मंगलवार को दिल्ली के कुछ हिस्सों में तापमान 48 डिग्री तक पहुंच गया। बढ़ती गर्मी की वजह से बिजली की मांग 15 साल में पहली बार अपनी पीक पर मई में ही पहुंच गई है। दिल्ली में अक्सर जुलाई-अगस्त के महीने में बिजली की पीक डिमांड आती है। लेकिन 21 मई को दिल्ली अपने ऐतिहासिक डिमांड पर पहुंचा। 21 मई को दिल्ली में बिजली की पीक मांग 7717 मेगावॉट रही है। यह दिल्ली के इतिहास में अब तक की सबसे अधिक बिजली की मांग रही है। मुझे इस बात की खुशी है कि मई में बिजली की ऐतिहासिक पीक डिमांड होने के बाद भी दिल्ली में विद्युत आपूर्ति में कोई भी समस्या नहीं आई है। इस भीषण में इतनी पीक डिमांड के बावजूद दिल्ली में केजरीवाल सरकार 24 घंटे बिजली दे रही है। दिल्ली में कहीं पर भी लोड शेडिंग या ब्लैक आउट नहीं है। जिस तरह पिछले 9 साल से दिल्ली में बिजली आपूर्ति चली आ रही है, वैसे ही इतनी भीषण गर्मी में भी बिजली की आपूर्ति की जा रही है।
बिजली मंत्री आतिशी ने 2014 की गर्मियों को याद दिलाते हुए कहा कि दिल्ली ने 2014 के हिट वेव को भी देखा था। 2014 में बिजली की पीक डिमांड 5925 मेगावाट तक गई थी। लेकिन इतनी ही विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने में दिल्ली में बहुत लंबे-लंबे ब्लैक आउट हुए थे। छह से आठ घंटे तक बिजली की कटौती हुई थी। वहीं, आज बिजली की पीक डिमांड 7717 मेगावॉट पहुंचने के बाद भी दिल्ली में 24 घंटे बिजली उपलब्ध है। इसके लिए मैं दिल्ली सरकार के विद्युत विभाग, तीनों पावर कंपनियों को बधाई देना चाहूंगी कि उनके शानदार प्रबंधन की वजह से दिल्लीवालों को बिजली की कोई समस्या नहीं हो रही है। मैं दिल्लीवालों की तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का धन्यवाद करना चाहूंगी कि शायद दिल्ली पूरे देश में इकलौता राज्य है, जो 24 घंटे बिजली देता है।
बिजली मंत्री आतिशी ने दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में बिजली आपूर्ति का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में भाजपा की सरकार है। वहां पर पिछले दो दिन में लंबे-लंबे पावर कट हुए हैं। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के कई सोसायटीज में 21 व 22 मई को 4 घंटे से ज्यादा पावर कट हुआ। 21 और 22 मई को नोएडा के करीब 25 सेक्टरों में 8 घंटे से ज्यादा पावर कट हुए। इसी तरह, गाजियाबाद के कई हिस्सो में 6-6 घंटे के लंबे पावर कट हुए हैं। लोनी में 14 घंटे की पावर कट हुई है। इसी तरह, हरियाणा में भी भाजपा की सरकार है। हरियाणा के गुरुग्राम में पिछले 3 दिन में लगातार दिन में 10 बार से ज्यादा पावर कट हुए हैं। कुछ सोसाटीज में तो सुबह से रात तक 13 बार पावर कट हुए हैं। क्योंकि हरियाणा विद्युत आपूर्ति का प्रबंधन नहीं कर पाई। इसी तरह, मध्यप्रदेश के भोपाल, उज्जैन, राजस्थान समेत जिन राज्यों में भी भाजपा की सरकार है, वहां पर इस हिट वेव में लंबे पावर कट देखने को मिले हैं।
आतिशी ने कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अरविंद केजरीवाल से यही परेशानी है। क्योंकि मोदी जी अपना एक भी वादा पूरा नहीं कर पाते हैं। आज भाजपा शासित राज्यों में भयंकर पावर कट हो रहे हैं। दूसरी तरफ अरंिवद केजरीवाल अपना हर वादा पूरा कर रहे हैं। केजरीवाल ने दिल्लीवालों को 24 घंटे बिजली देने का वादा किया था। इस गंभीर हिट वेव स्थिति में भी दिल्लीवालों को 24 घंटे बिजली मिल रही है। उन्होंने कहा कि जुलाई और अगस्त में उमस भरी गर्मी के चलते एसी का इस्तेमाल बढ़ जाता है। इससे करीब 25 फीसद बिजली की मांग बढ़ जाती है। अगर हम उस गणना के हिसाब से जाएं तो जुलाई-अगस्त में बिजली का पीक पावर लोड 8 हजार मेगावाट तक जा सकता है। दिल्ली सरकार और तीनों बिजली कंपनियां 8 हजार मेगावाट बिजली की आपूर्ति के लिए भी तैयार हैं।