नई दिल्ली, 1 मई 2024
पार्टी मुख्यालय में हुई एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि पिछले दो-तीन सालों में हम सभी ने सैकड़ो ऐसे वीडियो देखे हैं, जिसमें एक जवान लड़का अचानक चलते-चलते गिर जाता है और उसकी मृत्यु हो जाती है, ऐसे ही एक युवती शादी के वक्त वरमाला के लिए खड़ी हुई है और अचानक से गिर जाती है और उसकी मृत्यु हो जाती है, गरबा आयोजन में जवान युवक और युक्तियां नृत्य कर रहे हैं और अचानक से उनमें से कोई गिर जाता है और पता चलता है कि उसकी मृत्यु हो गई है, कोई व्यक्ति रामलीला में किसी पात्र का किरदार निभा रहा है और अचानक गिर जाता है और पता चलता है कि उसकी मृत्यु हो गई है I उन्होंने कहा कि ये सभी वीडियो पब्लिक के बीच इस कारण से आ सके क्योंकि यह सभी लोग कुछ ना कुछ ऐसा काम कर रहे थे जिसका कि वीडियो बनाया जा रहा था, परंतु हजारों ऐसे लोग होंगे जिनकी मृत्यु हुई परंतु पता नहीं चल सका, क्योंकि वह कुछ ऐसा काम कर रहे होंगे, कि जिस समय उनकी वीडियो नहीं बन रहा था I उदाहरण के तौर पर कोई खाना खाते-खाते गिर गया और उसकी मृत्यु हो गई, कोई पढ़ाई करते-करते गिर गया और उसकी मृत्यु हो गई, कोई सो रहा था सोते-सोते उसकी मृत्यु हो गई, ऐसे दर्जनों उदाहरण मौजूद हैं जिसकी जानकारी पब्लिक के बीच नहीं आ सकी I
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब-जब कहीं भी इस प्रकार से किसी की मृत्यु हुई, तो लोगों मन में एक शक पैदा हुआ, कहीं यह कोरोना वैक्सीन के कारण तो नहीं हो रहा है I उन्होंने कहा कि आप गूगल पर इस बात की जांच कर सकते हैं, कि दर्जनों न्यूज़ चैनलों ने और अखबारों ने इस विषय पर खबर चलाई है, कि देश में अचानक से बढ़ते हार्ट अटैक मामलों का कारण कहीं कोरोना वैक्सीन तो नहीं है I उन्होंने कहा कि अब तक यह लोगों के मन में केवल एक शक था, परंतु अब यह बात सच साबित होती नजर आ रही है I सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यूनाइटेड किंगडम के एक कोर्ट में कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजैनिका पर लगभग एक हजार करोड़ रूपए का एक दावा वहां के लोगों द्वारा डाला गया है I उन्होंने बताया कि यह दावा उन लोगों ने डाला है जिनके घरों में इस वैक्सीन को लगवाने के बाद या तो किसी की मृत्यु हो गई या फिर गंभीर रूप से बीमार हो गए I सौरभ भारद्वाज ने बताया कि सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि दो दिन पहले यूके के कोर्ट में इस कंपनी एस्ट्राजैनिका ने इस बात को स्वीकार किया है, कि उनके द्वारा बनाई गई कोरोना वैक्सीन को लगाने के बाद कुछ साइडइफेक्ट होते हैं I कंपनी ने स्वीकार किया है कि इस कोरोना वैक्सीन को लगाने के बाद रेयर मामलों में ब्लड में क्लॉट बनते हैं और प्लेटलेट कम होती हैं, जिसके कारण ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक हो सकता है I
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि चिंता वाली बात यह है कि जो कोरोना वैक्सीन एस्ट्राजैनिका कंपनी ने बनाई थी, बिल्कुल हूबहू वही वैक्सीन भारत में आदार पूनावाला की कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया में कोविशील्ड के नाम से बनाई गई और जिसे भारत सरकार ने खूब प्रचारित किया और पूरे देश में लोगों को वह कोविशील्ड वैक्सीन लगाई गई I उन्होंने कहा कि हमारे देश के करोड़ों नागरिकों के लिए यह बड़ी ही चिंता का विषय है और सबके सामने एक बहुत बड़ा प्रश्न है, कि अब उन्हें क्या करना चाहिए? न केवल लोगों के सामने बल्कि भारत सरकार के सामने भी यह एक बड़ा प्रश्न है, कि अब सरकार को क्या कदम उठाने चाहिए, जिससे कि यह पता चल सके की कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने के बाद कहीं भारत के लोगों में भी ब्लड क्लोट बनने की समस्या तो पैदा नहीं हो गई है I उन्होंने कहा कि अब इस मामले पर भारत सरकार को युद्ध स्तर पर काम करना पड़ेगा, एस्ट्राजैनिका कंपनी से बात करनी पड़ेगी, डॉक्टर से विचार विमर्श करना पड़ेगा और देखना पड़ेगा कि कौन सी ऐसी जांच हैं जो करवाई जाए और इस बात का पता लगाया जाए की यदि किसी व्यक्ति में इस वैक्सीन के साइड इफेक्ट हो रहे हैं, तो उसके क्या सिंप्टोम्स हैं, और किस प्रकार से उसकी जान बचाई जा सके I
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह इतना गंभीर मामला है, कि इस पर किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए I उन्होंने बताया कि हम इस बात का इंतजार कर रहे थे कि शायद एस्ट्राजैनिका के स्वीकार करने के पश्चात अब भारत सरकार इस पर कोई कड़ा कदम उठाएगी, परंतु दो दिन बीत चुके हैं भारत सरकार द्वारा कोई भी कदम इस संबंध में नहीं उठाया गया तो मजबूरन हमें यह प्रेस वार्ता करनी पड़ी है I उन्होंने कहा कि इस प्रेस वार्ता के माध्यम से हम भारत सरकार से पूछना चाहते हैं, कि यह इतना गंभीर मामला कि इस देश के करोड़ों लोगों की जान का सवाल है, इस मामले में भारत सरकार क्या कर रही है और अब तक क्या कदम उठाए हैं ? सौरभ भारद्वाज ने प्रेस वार्ता के दौरान ऐसी ही घटनाओं से संबंधित एक वीडियो दिखाई और बताया कि ऐसे सैकड़ो वीडियो सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं जिनमें इस प्रकार की घटनाएं देखने को मिली I उन्होंने बीबीसी की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि मार्च 2021 में बीबीसी ने एक रिपोर्ट सार्वजनिक की जिसमें बीबीसी ने बताया कि 2021 में ही यूरोप के कई देशों को कोविशील्ड वैक्सीन की गुणवत्ता पर शक पैदा हुआ और जिसके कारण यूरोप के कई देशों ने कोविशील्ड का इस्तेमाल अपने देश में बैन कर दिया था I सौरभ भारद्वाज ने यूरोप के कई देश के नाम बताए जिन्होंने अपने देश में कोविशील्ड के इस्तेमाल को बैन किया था, जिसमें मुख्य रूप से जर्मनी, इटली, फ्रांस, स्पेन, नीदरलैंड, आयरलैंड, डेनमार्क, नॉर्वे, आइसलैंड और ऑस्ट्रिया आदि शामिल है I उन्होंने कहा कि यूरोप के अधिकांश देशों में कोविशील्ड को उस समय बैन कर दिया गया था, जिस समय भारत सरकार पूरे देश में इसका प्रचार कर रही थी और लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन लगा रही थी I
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह एक बड़ा प्रश्न है कि जिस समय यूरोप के अधिकांश देशों ने कोविशील्ड वैक्सीन को बैन कर दिया था, आखिर क्यों भारत सरकार पूरे देश में उसका प्रचार कर रही थी और लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन लगाने के लिए बाध्य किया जा रहा था ? उन्होंने कहा कि 2021 से लेकर अब तक केंद्र सरकार द्वारा इस बात का कोई जवाब नहीं दिया गया है और अब जब खुद इस वैक्सीन को बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजैनिका ने स्वीकार कर लिया है, कि इस वैक्सीन को लगाने की वजह से लोगों को ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक की शिकायतें हो सकती हैं उसके बावजूद भी भारत सरकार चुप बैठी हुई है