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नई दिल्ली, 28 अप्रैल 2024

पार्टी मुख्यालय में हुई एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में माननीय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी द्वारा उनकी गिरफ्तारी को दी गई चुनौती वाली याचिका पर सुनवाई होनी है I उन्होंने बताया कि इस संबंध में अरविंद केजरीवाल जी ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक हलफनामे के जरिए अपना पक्ष रखा I उन्होंने बताया कि हलफनामे में अरविंद केजरीवाल जी ने कहा कि जब देश के अंदर देश के सबसे बड़े चुनाव हैं, संसद के चुनाव हैं, प्रधानमंत्री को चुनने के चुनाव हैं, चुनाव आयोग द्वारा आचार संहिता की घोषणा की जा चुकी है और उसके 5 दिन के अंतराल में इस देश की मुख्य विपक्षी एवं राष्ट्रीय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल को एक झूठे मुकदमे में गिरफ्तार किया गया I

सौरभ भारद्वाज ने बताया कि ईडी और सीबीआई के बारे में अरविंद केजरीवाल जी ने अपने हालतनामे में कहा है, कि जांच एजेंसियों का काम होता है सच्चाई को कोर्ट के सामने रखना I उन्होंने कहा कि ईडी और सीबीआई का यह सिद्धांत नहीं होता कि किसी भी प्रकार से अरविंद केजरीवाल को दोषी साबित करना है, परंतु जिस प्रकार से सीबीआई और ईडी ने काम किया और उस संबंध में अरविंद केजरीवाल जी ने जो साक्ष्य रखे हैं, कि अगर एक लाख पन्नों के दस्तावेज अगर सीबीआई और ईडी को मिले और उसमें 80000 दस्तावेज अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के पक्ष में हैं, तो उन 80000 दस्तावेजों को अदालत के सामने नहीं रखा गया, केवल वही दस्तावेज जो लोगों पर दबाव डालकर, लोगों को जेल में बंद करके, लोगों को पज़मानत का लालच देकर, माफ़ीनामा का लालच देकर, लोगों को एनडीए की तरफ से चुनाव लड़ने का टिकट का लालच देकर जो गवाहियां ली गई केवल और केवल वही गवाहियां कोर्ट के समक्ष ईडी और सीबीआई द्वारा रखी गई I उन गवाहों में जिन लोगों ने अपनी पिछली 6-8 बार की गवाहियों में इस बात को स्वीकार किया था, कि मैं अरविंद केजरीवाल जी से कभी नहीं मिला और इस आबकारी पॉलिसी से अरविंद केजरीवाल जी का कोई लेना-देना नहीं है, उन सभी गवाहियों को कोर्ट से छिपाया गया और जो दबाव में प्रताड़ित करके उन लोगों से गवाहियां ली गई, केवल वही गवाहियां कोर्ट के समक्ष ईडी और सीबीआई द्वारा प्रस्तुत की गई I उन्होंने कहा कि ईडी और सीबीआई को संविधान ने यह अधिकार नहीं दिया है I ईडी और सीबीआई का काम है कि जो भी तथ्य ईडी और सीबीआई को प्राप्त हुए हैं, पक्ष और विपक्ष में वह सभी तथ्य कोर्ट के समक्ष रखें, यदि ईडी और सीबीआई पक्ष वाले तथ्यों को छुपाएगी और जो दबाव बनाकर झूठे बयान अरविंद केजरीवाल जी के खिलाफ लिए गए हैं, केवल वही तथ्य कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करेगी तो कोर्ट निष्पक्ष रूप से कैसे निर्णय ले सकेगा, यह बात भी अरविंद केजरीवाल जी ने अपने हलफनामे में लिखी है I सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हमें यकीन है कि इस देश में प्रजातंत्र को बचाने के लिए और चुनाव प्रणाली की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट अरविंद केजरीवाल जी को चुनाव प्रचार करने की अनुमति जरूर देगी I

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि लगभग 2 साल से ईडी और सीबीआई इस मामले में जांच कर रही है, दर्जनों नोटिस ईडी और सीबीआई द्वारा जारी किए जा चुके हैं, परंतु पिछले दो वर्ष में ईडी और सीबीआई अरविंद केजरीवाल जी के खिलाफ एक भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाई है I उन्होंने कहा कि जब 2 साल में एक छोटा सा भी सबूत ईडी को नहीं मिला तो ऐसी क्या मजबूरी थी की ठीक लोकसभा के चुनाव से पहले देश की सबसे मुख्य और मजबूत विपक्षी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को गिरफ्तार किया गया I यह सीधे-सीधे देश की प्रजातांत्रिक प्रणाली पर एक हमला है I उन्होंने कहा कि सबको बराबरी का मौका देने का सिद्धांत जो कि भारत के संविधान का एक बड़ा हिस्सा है, अरविंद केजरीवाल जी की गिरफ्तारी उस सिद्धांत का सबसे बड़ा उल्लंघन है I

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जी की गिरफ्तारी के जरिए देश के सबसे बड़े चुनाव में अरविंद केजरीवाल जी को उनकी पार्टी के लिए प्रचार करने से रोकने का षड्यंत्र रचा गया है I उन्होंने कहा कि यदि अरविंद केजरीवाल की जेल से बाहर होते तो न केवल आम आदमी पार्टी के लिए प्रचार करते बल्कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे जी के लिए प्रचार करने जाते, उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव जी के लिए चुनाव प्रचार करने जाते, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के लिए चुनाव प्रचार करने जाते, कर्नाटक में कांग्रेस के लिए प्रचार करने जाते I क्योंकि अरविंद केजरीवाल जी विपक्ष की सबसे मुखर आवाज है और यदि वह जेल के बाहर होते तो इंडिया गठबंधन के सभी पार्टियों के लिए चुनाव प्रचार के लिए जाते इसी कारण से अरविंद केजरीवाल जी को एक षड्यंत्र के तहत गैर संवैधानिक तरीके से झूठे केस में फंसा कर गिरफ्तार किया गया है I सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जी एक सामान्य व्यक्ति की भाषा में लोगों से बात करते हैं और जनता के प्रश्न केंद्र सरकार से सीधे तौर पर पूछते हैं, सीधा प्रधानमंत्री को चुनौती देते हैं I ऐसे नेता विपक्ष में काम है और ऐसे नेता को चुनाव से ठीक पहले जेल में डालकर विपक्ष की आवाज को कमजोर करने की साजिश भाजपा शासित केंद्र सरकार द्वारा की गई है 

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