नई दिल्ली, 18 अप्रैल 2024
आम आदमी पार्टी ने मोदी सरकार की तानाशाही से देश के संविधान और लोकतंत्र बचाने के लिए सावधान हो जाने की अपील की है। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता संजय सिंह का कहना है कि भाजपाई और मोदी जी, बाबा साहब के लिखे संविधान और जनता को मिले वोट के अधिकार को छीनने के लिए 400 सीटें मांग रहे हैं। अगर गलती से भी मोदी जी की सरकार आ गई तो 2024 का यह चुनाव आखिरी होगा। इसके बाद ये लोग देश में आरएसएस के नागपुर वाला संविधान लागू कर देंगे, क्योंकि इनको बाबा साहब के लिखे संविधान में कोई आस्था नहीं है। फिर देश में कोई चुनाव नहीं होगा और जनता के सारे अधिकार छीन लिए जाएंगे। संजय सिंह ने कुछ घटनाक्रमों का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा बड़े-बड़े नेता और लोकसभा प्रत्याशी जनता से खुलेआम कह रहे हैं कि संविधान बदलने के लिए हमें एक तिहाई बहुमत दे दो। अगर भाजपाई बाबा साहब का संविधान बदलने में कामयाब हो गए तो फिर इनके सामने कोई सिर उठाकर नहीं रह पाएगा।
गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि राजनीतिक दलों के नेताओं और देश की जनता के मन में लगातार यह बात मजबूत हो रही है कि 2024 का चुनाव अंतिम चुनाव है। अगर गलती से भी मोदी जी की सरकार आ गई तो फिर ये लोग संविधान बदल देंगे, चुनाव और आरक्षण खत्म कर देंगे। किसानों, युवाओं और महिलाओं के अधिकार के छीन लेंगे। अब यह आशंका हर दिन और मजबूत होती जा रही है। इसके एक नहीं कई उदाहरण है, जो लोगों में संविधान बदलने की धारणा और मजबूत कर रही है।
संजय सिंह ने कहा कि देश के गृहमंत्री ने कहा है कि भाजपा 50 साल तक राज करेगी। उनके दिमाग में ये बात कहा से आई? चुनाव कौन जीतेगा-कौन हारेगा, यह जनता तय करती है। 2017 में आरएसएस के प्रमुख नेता मोहन वैद्य ने कहा था कि देश में आरक्षण खत्म होना चाहिए। देश के लोगों के लिए बाबा साहब अंबेडकर ने भारत का संविधान लिखा है। लेकिन भाजपा के लिए आरएसएस के प्रमुख संविधान लिखते हैं। आरएसएस को देश के संविधान में आस्था नहीं है। इसीलिए बाबा साहब के संविधान को बदलना चाहते हैं। इसे तार-तार करना चाहते हैं। भाजपाइयों पर नागपुर का संविधान लागू होता है। इसीलिए प्रधानमंत्री ने बड़े अहंकार में कहा कि अगर खुद बाबा साहब भी आ जाएं तो संविधान बदल नहीं सकते। मोदी जी बाबा साहब को किस बात का चैलेंज दे रहे हैं? बाबा साहब ने तो संविधान के रूप में एक बच्चे को जन्म दिया है, वो उसी का कत्ल क्यों करेंगे? वो कोई बदलाव क्यों करेंगे? इसका मतलब बदलाव की मंशा मोदी जी, आरएसएस और नागपुर में बैठ हुए लोगों के मन में है। संविधान बदलने के बाद रूस के पुतिन और कोरिया के किम जोंग की तरह देश में चुनाव कराने की जरूरत ही नहीं होगी। मोहन भागवत ने 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के पहले कहा था कि देश में आरक्षण खत्म होना चाहिए और इसकी समीक्षा होनी चाहिए। बाद में जब उनपर हमले होने लगे, तब लीपा पोती करने में लग गए।
संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के सांसद और नेता घूम-घूमकर 400 सीटें मांग रहे हैं। मोदी जी को 400 सीटें अपने काम पर नहीं चाहिए और न तो बेरोजगारों, महंगाई, किसानों की आय दोगुनी, सबको पक्का मकान देने, कालाधन लाने और सबके खाते में 15 लाख रुपए डालने के लिए चाहिए। मोदी जी इन मुद्दों पर चुनाव में वोट ही नहीं मांग रहे हैं। इसलिए वो अपने किसी काम की चर्चा नहीं करते हैं। मोदी जी इलेक्टोरल बॉन्ड और नोटबंदी के घोटाले, पूंजीपतियों का 15 लाख करोड़ रुपए माफ करने जैसे मुद्दे पर चर्चा नहीं नहीं करते हैं। बल्कि मोदी जी 400 सीटें इसलिए मांग रहे हैं, क्योंकि उनको देश का संविधान बदलना है।
उन्होंने कहा कि अयोध्या के भाजपा सांसद लल्लू सिंह एक सभा में खुलेआम कहते हैं कि 400 सीट इसलिए चाहिए क्योंकि हमें संवाधान बदलना है। बीजेपी की लोकसभा चुनाव की उम्मीदवार ज्योति मिर्धा और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े भी कहते हैं कि 400 सीट दे दो, क्योंकि संविधान बदलना है। अभी हाल ही में मेरठ से भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल ने कहा है कि भाजपा को 400 सीट चाहिए क्योंकि हमें संविधान बदलना है। अरुण गोविल प्रधानमंत्री के खास माने जाते हैं। भाजपाई भारत का संविधान बदलना चाहते हैं। इस देश के 85 फीसद लोगों के अधिकार, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और अल्पसंख्यों से आरक्षण, युवाओं के अधिकारों, किसानों से एमएसपी का अधिकार छीनना चाहते हैं। जिस वोट के अधिकार की वजह से बड़े-बड़े नेता, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री जनता के सामने सिर झुकाते हैं, वो अधिकार छीनना चाहते हैं।
संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कई फैसलों से संविधान बदलने की उनकी मंशा के पीछे का उद्देश्य दिखता है। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने दिल्ली के अंदर सर्विसेज को निर्वाचित सरकार को देने का फैसला सुनाया था। लेकिन मोदी जी ने संसद में कानून लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदल दिया। जब सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाली कमेटी में मुख्य न्यायाधीश को रखा तो मोदी सरकार ने कानून लाकर कोर्ट के फैसले को बदल दिया। इन घटनाओं से प्रधानमंत्री की मंशा जाहिर होती है कि वो नागपुर का संविधान देश में लाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के द्वारा लिखे गए देश के संविधान से अगर कोई छेड़छाड़ करेगा तो हम जान की बाजी लगाकर लड़ेंगे। हम बाबा साहब के संविधान से किसी को छेड़छाड़ नहीं करने देंगे। मोदी जी को आरक्षण खत्म नहीं करने देंगे, किसानों और युवाओं के हक नहीं मारने देंगे। 2019 से 2024 की सरकार में मोदी सरकार ने संविधान बदलने का ट्रेलर दिखाया है। 2024 का चुनाव जीतने के बाद आरएसएस और नागपुर का संविधान देश में लागू करेंगे। इनका नागपुर का संविधान कहता है कि देश में आरक्षण खत्म होना चाहिए।
इस दौरान संजय सिंह ने मीडिया के सामने आरएसएस के प्रमुख नेता मोहन वैद्य का 2017 का वह बयान दिखाया जिसमें वो कह रहे हैं कि आरक्षण देना अलगाववाद बढ़ाने की प्रक्रिया है। संजय सिंह ने कहा कि हमें तो बाबा साहब, डॉ लोहिया, जेपी समेत देश के निर्माताओं ने सिखाया कि आरक्षण देना विशेष अवसर का सिद्धांत है। आरक्षण समाज में शोषित और वंचित लोगों को आगे बढ़ाने का अधिकार देता है। लेकिन मोहन वैद्य कह रहे हैं कि आरक्षण अलगाववाद को बढ़ाने का प्रयास है। यही आरएसएस और बीजेपी का मानसिकता है। ये इस बात का प्रमाण है कि 2024 मोदी सरकार आई तो आरक्षण खत्म हो जाएगा। इसके अलावा, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, 2019 में गृह मंत्री अमित शाह, मेरठ में बीजेपी के उम्मीदवार अरुण गोविल, ज्योति मिर्धा, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े और अयोध्या से बीजेपी सांसद लल्लू सिंह के बयान सुनाया, जिसमें ये लोग कह रहे हैं कि संविधान को बदलने में कुछ गलत नहीं है। संविधान बदलने के लिए संसद के दोनों सदनों में बहुमत की जरूरत होती है। हमें संविधान में कड़े बदलाव करने के लिए बहुमत लाना जरूरी है। संविधान को बदलने के लिए हमें दो तिहाई से अधिक बहुमत लाना है।
संजय सिंह ने कहा कि मैं सभी दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों के साथ-साथ देश के हर नागरिक से आगाह करना चाहता हूं कि आप सावधान हो जाइए। इस देश के 140 करोड़ लोग सावधान हो जाएं। अगर ये जीत गए तो आपसे वोट की ताकत छीन लेंगे। देश में ये 50 साल राज करना चाहते हैं। इसलिए ये लोग चुनाव और आरक्षण खत्म कर देंगे। इसके बाद देश में आपकी समस्याओं के समाधान के लिए कोई आपके पास नहीं आएगा। कोई आपके सामने सिर झुकाकर वोट मांगने नहीं आएगा। फिर आप न अपने अधिकार ले पाएंगे और न तो उसके सामने आवाज उठा पाएंगे