नई दिल्ली, 06 अप्रैल 2024
देश की जनता अब ईडी की निष्पक्षता पर प्रश्न उठा रही है। इलेक्टोरल बॉन्ड से सामने आए भाजपा के शराब घोटाले पर ईडी की चुप्पी ने लोगों को यह सोचने के लिए विवश कर दिया है कि क्या ईडी केवल भाजपा के लिए काम करती है? ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता जस्मीन शाह ने कहा कि ऐसा लगता है कि भाजपा ने ईडी को गांधी जी के तीन बंदर बना दिया है। इसलिए उसने ठान लिया है कि भाजपा के खिलाफ कोई सबूत आया भी, तो वो न तो उसके खिलाफ कुछ सुनेगी, न देखेगी और न तो कुछ बोलेगी। उन्होंने ईडी से पांच प्रश्न पूछा कि आरोपी सरथ रेड्डी ने भाजपा को 55 करोड़ दिए। 16 दिन से यह मनी ट्रेल देश के सामने है। फिर भी उसने अब तक जांच शुरू क्यों नहीं की? ईडी बिना तथ्यों के आम आदमी पार्टी को को आरोपी बनाने को कर रही है, लेकिन 55 करोड़ लेने की मनी ट्रेल साबित होने के बाद भी भाजपा को आरोपी और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है? अगर ईडी निष्पक्ष जांच एजेंसी है, तो इन तथ्यों की तुरंत जांच करे।
पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता जस्मीन शाह ने कहा कि पिछले दो हफ्तों से दिल्ली के तथाकथित शराब घोटाले से जुड़े अहम तथ्य बाहर आए हैं। खासकर तीन मुख्य आरोपी, जिनके बयान के आधार पर गैरकानूनी तरीके से सीएम अरविंद केजरीवाल को रात के अंधेरे में गिरफ्तार किया गया। जब से देश के सामने सरथ रेड्डी, मगुंटा रेड्डी और राघव रेड्डी से जुड़े तथ्य बाहर आए हैं, तबसे पूरा देश ईडी से सवाल पूछ रहा है कि जिस सरथ रेड्डी को ईडी ने तथाकथित शराब घोटाले का ‘किंगपिन’ बताया था, उसने बीजेपी को 55 करोड़ रुपए क्यों दिए और उसका बीजेपी से क्या रिश्ता है?
उन्होंने आगे कहा कि मगुंटा रेड्डी के बेटे राघव रेड्डी को 5 महीने जेल में सड़ाया गया, जिसके बाद वो अपने बयान से पलट गया और उसके बयान के आधार पर आपने एक तरफ सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया और दूसरी तरफ 29 मार्च को एनडीए अलायंस मगुंटा रेड्डी को लोकसभा चुनाव का टिकट दे देती है। इस पर कई सवाल उठ रहे हैं। आज देश का हर व्यक्ति ईडी से सवाल कर रहा है कि अगर ऐसे फर्जी बयान के आधार पर अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है तो इनके बीजेपी से रिश्तों की भी जांच होनी चाहिए। लेकिन आज ईडी का हाल गांधीजी के तीन बंदरों की तरह हो गया है। बीजेपी ने ईडी को उन तीन बंदरों की तरह बना दिया है, जो न कुछ बुरा देखते हैं, न सुनते हैं और न ही बुरा कहते हैं। इसलिए ईडी को बीजेपी के खिलाफ जो भी सबूत दिए जाएं, लेकिन वो कहती है कि हम बीजेपी के खिलाफ कुछ नहीं सुनेंगे, कुछ नहीं देखेंगे और कुछ नहीं बोलेंगे।
“आप” के वरिष्ठ नेता जस्मीन शाह ने कहा कि जब सीएम अरविंद केजरीवाल ने ये सारे सबूत राउज एवेन्यू कोर्ट में जज के सामने रखे कि सरथ रेड्डी का 55 करोड़ रुपए का मनी ट्रेल बीजेपी के अकाउंट में है। बड़ी हैरानी की बात है कि ईडी के पक्षकार वकील एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजू ने एक झटके में इसे नकार दिया कि बीजेपी के खाते में जो पैसे आए हैं, उसका इस कथित शराब घोटाले से कुछ लेना देना नहीं है। ये बहुत बड़ी बात है कि ईडी के वकील कोर्ट के सामने ये साफ कहते हैं कि अगर बीजेपी को शराब घोटाले के 55 करोड़ रुपए मिले, तो इसमें क्या गलत है, इससे लेन-देन साबति नहीं होता। यानि ईडी ने एक झटके में इस तथ्य की जांच भी कर ली और फैसला भी सुना दिया। ईडी का यह हाल है। लिहाजा, आम आदमी पार्टी को मजबूर होकर ईडी से कुछ अहम सवाल पूछने पड़ रहे हैं। अगर वाकई ईडी देश की एक निष्पक्ष जांच एजेंसी होती तो इसकी हमें सवाल पूछने की नौबत ही नहीं आनी चाहिए थी। ईडी दो साल से से इस मामले की जांच कर रही है। करीब 500 गवाह बुला चुकी है, 250 से ज्यादा रेड हो चुकी है और लगातार मनी ट्रेल खोज रही है। जब चुनाव आयोग की वेबसाइट पर 21 मार्च को यह डाटा सार्वजनिक हो जाता है और मनी ट्रेल साबित हो जाती है, तब भी ईडी चुप है। इसलिए ये सावल जरूर पूछे जाएंगे।
आम आदमी पार्टी ने ईडी से पूछे पांच सवाल-
1- जब ईडी ने जांच नहीं की तो उसके वकील ने क्यों कहा कि कथित शराब घोटाले से भाजपा का लेना-देना नहीं- जैस्मीन शाह
हमारा पहला सवाल है कि देश के सामने मनी ट्रेल की लिस्ट आए 16 दिन हो गए हैं, जिसमें ये भी स्पष्ट है कि ये लेन-देन शराब नीति लागू होने के समय नहीं, बल्कि ईडी की जांच शुरु होने के बाद शुरु होती है। तथाकथित शराब घोटाले का ‘किंगपिन’ सरथ चंद्र रेड्डी खुद बीजेपी को 55 करोड़ रुपए देता है। जब 16 दिनों से ेा सारे तथ्य सार्वजनिक हैं तो ईडी ने इसपर क्या जांच की है, कितनी रेड हुई हैं, कितने समन हुए हैं? अगर आपने इस मामले की जांच नहीं की है तो आपके वकील एएसजी राजू ने राउज एवेन्यू कोर्ट में इसके जबाव में बिना सोचे ये क्यों कह दिया कि बीजेपी का कथित शराब घोटाले से कुछ लेना देना नहीं है।
2- 55 करोड़ रुपए की मनी ट्रेल मिलने के बाद भाजपा को आरोपी क्यों नहीं बनाया?- जस्मीन शाह
दूसरा सवाल, ईडी बार-बार कह रही है कि हम आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाने की सोच रहे हैं, क्योंकि अभी भी 2 साल की जांच के बाद ये आशंका है कि मनी ट्रेल आम आदमी पार्टी के पास गया होगा, जबकि इसके कोई सबूत भी नहीं हैं। एक चवन्नी भी बरामद नहीं हुई। ईडी को इसका जवाब देना होगा कि जिस बीजेपी के पास 55 करोड़ रुपए की मनी ट्रेल मिली, उसे अब तक आपने आरोपी क्यों नहीं बनाया? क्या उसे आरोपी इसलिए नहीं बनाया गया, क्योंकि वो देश की सबसे बड़ी पार्टी है, केंद्र में भाजपा की सरकार है? क्या इसलिए भाजपा को आरोपी नहीं बनाया, क्योंकि ईडी को जो भी आदेश आते हैं वो बीजेपी के मुख्यालय से आते हैं।
- आरोपी मंगुंटा रेड्डी को टिकट देने के पीछे क्या लेन-देन है?- जस्मीन शाह
तीसरा सवाल, ईडी ने बिना किसी सबूत के फर्जी गवाह सरथ चंद्र रेड्डी, मगुंटा रेड्डी और राघव मगुंटा के बयान के आधार पर एक राष्ट्रीय पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और एक चुने हुए सिटिंग मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन जिस पार्टी के खाते में 55 करोड़ रुपए की मनी ट्रेल पाई गई, उस पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा से आपने क्या पूछताछ की? आपने उनको अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया? अगर इस देश में एक समान कानून है तो, ये कानून केवल आम आदमी पार्टी पर क्यों लागू होता है? वो भी तब जब ईडी के पास कोई सबूत नहीं है। वहीं, बीजेपी के खिलाफ सबूत हैं, लेकिन फिर भी आप 16 दिन से बीजेपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। पूरे देश ने देखा कि इस केस के एक गवाह मगुंटा रेड्डी को एनडीए ने लोकसभा चुनाव का टिकट दे दिया है। फिर तो ये सवाल पूछा जाएगा कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बयान देते ही उसके बेटे को जमानत भी मिल गई और बीजेपी ने अपने सहयोगी टीडीपी से टिकट इतना बड़ा इनाम भी दे दिया। पूरे देश ने मगुंटा रेड्डी और प्रधानमंत्री मोदी की आपस में हाथ मिलाते हुए तस्वीरें देखीं। जो इनाम बीजेपी ने मगुंटा रेड्डी को दिया उसके पीछे क्या लेन-देन है।
4- भाजपा से मंगुटा रेड्डी को मिल रहे एक के बाद एक ईनाम की ईडी जांच क्यों नहीं कर रही?- जस्मीन शाह
चौथा सवाल, एक तरफ ईडी बिना किसी सबूत के गोवा में आम आदमी पार्टी के नेताओं पर सवाल उठाती है, उनको समन भेजकर पूछताछ करती है, लेकिन कथित शराब घोटाले के मुख्य आरोपी राघव और मगुंटा रेड्डी को बीजेपी एक के बाद एक इनाम दे रही है। ईडी इन सब चीजों की जांच क्यों नहीं कर रही है? जब से इन दोनों ने ईडी ने अनुसार बयान दिए हैं, वो जो कहलवाना चाहती थी, वैसे बयान दिए हैं, तबसे इनके और बीजेपी के बीच क्या लेन-देन हुए हैं, इसकी जांच क्यों नहीं होती? जुलाई 2023 में ये घटना घटती है, उन्हें जमानत मिलती है और मार्च 2024 में लोकसभा का टिकट मिलता है। इन 9 महीनों में इन्हें माफीनामा, जमानत और लोकसभा टिकट मिल जाता है। इसमें जरूर कुछ बड़ी गड़बड़ है। देश सब कुछ समझ रहा है, लेकिन ईडी क्यों चुप है? ईडी कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?
- मगंुटा रेड्डी के चुनाव का खर्च कौन उठा रहा है, इसी जांच क्यों नहीं हो रही?- जस्मीन शाह
पांचवा सवाल, दो साल पहले गोवा में चुनाव हुए थे और आज भी ईडी हमारे कार्यकर्ता और ठेकेदारों से सवाल पूछ रही है कि अगर आपने 100 कुर्सियां लगाईं तो उसका खर्चा कैसे उठाया या पोस्टर्स का खर्चा कैसे निकाला? जबकि मगुंटा रेड्डी लोकसभा चुनाव में भाग ले रहे हैं। वो चुनाव प्रचार कर रहे हैं, और हर जगह मोदीजी की तस्वीर लगा रहे हैं। इनका खर्चा कौन उठा रहा है। इसकी जांच क्यों नहीं हो रही है। इन सब खर्चों का पैसा कहां से आ रहा है। बीजेपी और टीडीपी के बीच क्या लेन-देन है? जबकि ये बिल्कुल साफ है कि जिस बीजेपी के कहने पर मगुंटा रेड्डी ने सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बयान दिया, उसे टीडीपी ने बीजेपी के कहने पर चुनाव का टिकट दे दिया। हमें मजबूरन देश के सामने ईडी से ये पांच अहम सलवाल पूछने पड़ा रहे हैं। हमें दुख है कि ये सारे तथ्य सार्वजनिक है लेकिन ईडी पूरी तरह से चुप है। ईडी ये जता रही है कि ऐसी कोई घटना घटी ही नहीं है। आम आदमी पार्टी का ईडी से आग्रह है कि वो जल्द से जल्द इन पांचों सवालों के जवाब दे