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नई दिल्ली, 02 अप्रैल 2024

तथाकथित शराब घोटाले में आखिरकार सत्य की जीत हुई। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को जमानत दे दी। पिछले छह महीने से वो जेल में थे। ईडी बार-बार उनकी जमानत याचिका का विरोध कर रही थी, लेकिन इस बार कोर्ट के सामने उसकी एक भी दलील नहीं चली। आम आदमी पार्टी का कहना है कि आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि तथाकथित शराब घोटाले में ना मनी ट्रेल मिला और ना कोई सबूत है। अगर ईडी के पास सबूत होता तो वो बेल का विरोध करती। संजय सिंह को जमानत मिलने से भाजपा और ईडी की साजिश का पर्दाफाश हो चुका है। ईडी कोई रिकवरी भी दिखाने में असफल रही। जिससे कि मनी ट्रेल साबित हो सके। कोर्ट ने पूछा कि जब कोई रिकवरी नहीं हुई तो पीएमएलए कैसे लगाया गया? पार्टी का कहना है कि शराब कारोबारी सरथ रेड्डी ने भाजपा को 55 करोड़ दिए, जो इस केस का इकलौता स्थापित मनी ट्रेल है। ईडी को इस मनी ट्रेल की जांच करनी चाहिए और एफआईआर दर्ज कर भाजपा को आरोपी बनाना चाहिए।

21 मार्च को सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से चीजें बदलनी शुरू हो गई हैं- सौरभ भारद्वाज

तथाकथित शराब मामले में जेल में बंद सांसद संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज, आतिशी और जस्मीन शाह ने संयुक्त प्रेसवार्ता की। पार्टी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हमने पहले ही कहा था कि 21 मार्च हिन्दुस्तान की सियासत का बहुत बड़ा दिन था। 21 मार्च के बाद से चीजें बदलनी शुरु हो गईं हैं। दो अप्रैल को मंगलवार के दिन संकट मोचन हनुमान ने आम आदमी पार्टी के ऊपर से कुछ संकट कम किए हैं। सुप्रीम के तीन जजों की बेंच ने आम आदमी पार्टी से सांसद संजय सिंह की बेल याचिका सुनी। जज साहब ने इस मामले खुद केंद्र सरकार और ईडी से प्रश्न किए, जिसके वो जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि मामले में आरोपी दिनेश अरोड़ा ने जेल जाने बाद पूछताछ के दौरान और सरकारी गवाह बनने के बाद 10 बार बयान दिए। इन सभी बयानों में उसने सांसद संजय सिंह के बारे में कोई बात नहीं कही। इसके बाद दिनेश अरोड़ा को दोबारा गिरफ्तार किया गया और उसने अपने 11वें बयान में बहुत गोल-मोल सी बात कहता है कि मेरे एक आदमी ने संजय सिंह के एक आदमी को 1-1 करोड़ रुपए दो बार में दिए। इसमें दिनेश अरोड़ा के उस आदमी और संजय सिंह के उस आदमी की कोई गवाही नहीं है। वो 2 करोड़ रुपए कहां हैं, इसकी किसी को कोई जानकारी नहीं है। कोई रिकवरी या अटैचमेंट नहीं हुई। केवल एक आदमी के बयान को आधार बनाकर, जिसने अपने पहले 10 बयानों में कहीं संजय सिंह के बारे में कुछ नहीं कहा है, उसके ऊपर दबाव डालकर 11वां बयान लिया गया, ताकि राज्यसभा के ऐसे सांसद को गिरफ्तार किया जा सके, जो केंद्र सरकार से कड़े सवाल पूछता है। उसने पास इसका जवाब नहीं था।

कोर्ट ने ईडी से कहा कि जब एक गवाह ने 11 बयान दिए तो 10 बयानों को कचरे में कैसे डाल देंगे?- सौरभ भारद्वाज

“आप” नेता सौरभ भारद्वाज ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का दूसरा सवाल था कि क्या कोई पैसा रिकवर हुआ है या कोई पैसा अटैच किया गया है? जब कोई पैसा रिकवर ही नहीं हुआ तो पीएमएलए कैसे लगाया गया है? ईडी के पास इसका कोई जवाब नहीं था। आखिरकार कोर्ट ने ये कहा कि ये कैसे मान लिया जाए कि जब एक गवाह ने 11 बयान दिए तो उसमें से 10 बयानों को आप कचरे के डब्बे में डाल देंगे और एक बयान जो संजय सिंह के खिलाफ है, उसे कोर्ट के सामने रखेंगे, आप ये फैसला कैसे कर सकते हैं? आपने बाकी के 10 बयान रिकॉर्ड पर क्यों नहीं डाले हैं? केंद्र सरकार के पास इसका भी कोई जवाब नहीं था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राउज एवेन्यू कोर्ट में भी कहा था कि एक-एक आदमी से 7 बार बयान लिए गए हैं। जब 6 बार उसने कुछ नहीं बोला तो आपने उनके बच्चों को 6-6 महीने जेल में सड़ाया। फिर जब आपने उनसे मेरे खिलाफ अपना बयान ले लिया, तो उसी के आधार पर मुझे गिरफ्तार कर लिया। आज सुप्रीम कोर्ट ने ठीक वही बात ईडी से पूछी, जिसके बारे में केंद्र सरकार के पास कई जवाब नहीं था।

अब भाजपा वाले कहेंगे कि अभी संजय सिंह की बेल ही तो हुई है, इसका मतबल ये नहीं कि उन्होंने कुछ नहीं किया- सौरभ भारद्वाज

उन्होंने बताया कि कोर्ट ने लंच का समय आते-आते ईडी से कहा कि अगर आप कोई निर्देश लेकर आते हैं तो लाइए, वरना हम इनको रिहा करेंगे और रिहाई के आदेश में जो जजमेंट लिखेंगे वो आपके पूरे केस को तहस नहस कर देगा और इसके नजीते अच्छे नहीं होंगे। डर के मारे ईडी के पास कोई रास्ता नहीं बचा कि संजय सिंह को जेल में रख सकें। पीएमएलए कानून का सेक्शन 45 इतना कठिन और क्रूर है जिसके तहत लोगों को बेल नहीं मिलती है। उसमें कहा गया है कि आरोपी को कोर्ट को पूरी तरह से ये आश्वस्त करना होगा कि उसका उस मामले से कोई लेना देना नहीं है। और अगर कोर्ट इसमें जमानत दे रहा है तो इसका मतलब है कि कोर्ट को ये लगता है कि संजय सिंह बेगुनाह हैं। ये कोई छोटा-मोटा कोर्ट नहीं, बल्कि देश की सबसे बड़ी अदालत है जिसने संजय सिंह को जमानत दी है। उन्होंने कहा कि आज पूरे देश के लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा दिन है। ये खुशी और उम्मीद का दिन है कि अब शायद कुछ लोग जेल से बाहर निकलकर इस देश के लोकतंत्र को बचा लेंगे। अब तक बीजेपी के लोग कहते थे कि बेल नहीं मिल रही है, इसका मतलब है कि जरूर कुछ किया है वरना बेल मिल जाती। अब वो कहेंगे कि बेल ही तो हुई है। इसका मतलब ये नहीं है कि उन्होंने कुछ नहीं किया है। उनका मानना है कि चित भी मेरी, पट भी मेरी और सिक्का मोदी जी का। आज से ये फर्क आपको सोशल मीडिया पर हर जगह दिखने लगेगा।

फर्जी मुकदमे में सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है- आतिशी

इस दौरान ‘‘आप’’ की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि आज संजय सिंह की जमानत ने साबित कर दिया कि आख़िरकार जीत सत्य की ही होती है। संजय सिंह की जमानत ने दिखा दिया कि, आप सत्य को दबा सकते हैं, लेकिन सत्य को मिटा नहीं सकते। हमने देखा कि किस तरह से पिछले 2 साल से एक-एक कर आम आदमी पार्टी के नेताओं को झूठे केसों में गिरफ़्तार किया जा रहा था। पहले सतेंद्र जैन, फिर मनीष सिसोदिया, फिर संजय सिंह और अरविंद केजरीवाल को गिरफ़्तार किया गया। लेकिन आज संजय सिंह की जमानत बताती है कि आखिरकार जीत सत्य की ही होती है। आज संजय सिंह की कोर्ट की कारवाई के दौरान दो महत्वपूर्ण चीजें पूरे देश के सामने निकलकर आईं। पहला, सुप्रीम कोर्ट ने जो सवाल पूछा, उसका ईडी के पास कोई जबाब नहीं था कि मनी ट्रेल कहा है? आज इस जांच को 2 साल हो चुके हैं। ईडी-सीबीआई ने इस केस की जांच में 500 से ज्यादा अफ़सर लगाए हैं, लेकिन एक रुपए भी प्रोसीड ऑफ़ क्राइम का नहीं मिला। आज जब कोर्ट ने ईडी से सवाल किया कि मनी ट्रेल कहा है? तो ईडी के पास कोर्ट के इस सवाल का कोई जबाव नहीं था।

गवाहों को डरा-धमका कर ‘‘आप’’ नेताओं के खिलाफ बयान लिए गए, इनके पहले के बयानों में किसी के नाम का जिक्र नहीं- आतिशी

वहीं, दूसरी महत्वपूर्ण बात यह निकली कि ईडी के जिस केस के तहत मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, अरविंद केजरीवाल को गिरफ़्तार किया गया, वो केवल सरकारी गवाहों के बयानों के आधार किया गया। जबकि इन सरकारी गवाहों ने अपने पिछले के बयानों में आम आदमी पार्टी के किसी भी नेता का नाम नहीं लिया। फिर उनपर दबाव बनाया गया, धमकाया गया, जेल में डाला गया। जैसे ही इन गवाहों ने ‘‘आप’’ नेताओं के खिलाफ गवाही दी, उसके बाद उनसे बयान लेना बंद कर दिया जाता है और उनको जमानत मिल जाती है। उन्होंने कहा, सीएम केजरीवाल ने राउज एवेन्यू कोर्ट में कहा था कि शराब कारोबारी सरथ रेड्डी ने 11 बयान दिए और मुख्यमंत्री के खिलाफ कुछ नहीं बोला। इसके बाद भी ईडी उसपर दबाव बनाती रही। उसको कई महीने जेल में रखा और आखिरकार उसने टूटकर-हारकर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बयान दिया और उसे बेल मिल गई। उन्होंने कहा कि, राघव मगुंटा रेड्डी ने 6 बयान दिए, जिसमें उसने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कुछ नहीं बोला। लेकिन उसे गिरफ़्तार कर 6 महीने जेल में रखा गया। जब वो टूट गया तो उससे सातवाँ बयान केजरीवाल के खिलाफ लिया गया। उसके बाद कोई बयान नहीं हुआ और उसे बेल मिल गई। उसके पिता मगुंटा श्रीनिवासुलू रेड्डी ने दो बयान दिए और अरविंद केजरीवाल का नाम नहीं लिया। लेकिन जब बेटा 6 महीने जेल में रहा, तब वो टूट गए और उन्होंने केजरीवाल के खिलाफ बयान दे दिया। इसके बाद उनके बेटे को बेल मिल गई और फिर कोई बयान नहीं हुआ।

आज देश को पता चल गया, शराब घोटाला केवल झूठी गवाही पर आधारित- आतिशी

‘‘आप’’ की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि आज संजय सिंह के केस में दिनेश अरोड़ा के बयान के बारे में कई सवाल उठे। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से पूछा कि दिनेश अरोड़ा ने 10 बयान दिए जिसमें उसने संजय सिंह के खिलाफ कुछ नहीं बोला लेकिन 11वें बयान में जब उसने संजय सिंह के खिलाफ बयान दे दिया तो उसके बाद उसका कोई बयान नहीं लिया गया। आज सुप्रीम कोर्ट के सामने ईडी का पर्दाफ़ाश हो गया। जब उनसे पूछा गया कि आपने पहले 10 बयान कोर्ट के सामने नहीं रखे। 11वे बयान में ऐसा क्या था कि उसके बाद बयान क्यों नहीं मांगे। आज ये पूरे देश को पता चल गया कि ये तथाकथित शराब घोटाल सिर्फ़ और सिर्फ़ सरकारी गवाह पर दबाव बनाकर ली गई झूठी गवाही के आधार पर खड़ा हुआ है। आतिशी ने कहा कि, हम उम्मीद करते है कि इस केस में जो एक मनी ट्रेल है, उसकी अब ईडी जांच करेगी। शराब कारोबारी सरथ चन्द्र रेड्डी ने 55 करोड़ रुपए भाजपा को दिया। जो इस केस की इकलौती स्थापित मनी ट्रेल है। उसकी ईडी जाँच करेगी, अपनी एफआईआर दर्ज करेगी, भाजपा को आरोपी बनाएगी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को गिरफ़्तार करेगी और उनसे पूछताछ करेगी, क्योंकि इस पूरे केस में अगर कोई मनी ट्रेल है तो वो शराब कारोबारी शरथ चन्द्र रेड्डी से भाजपा को गई है।

ईडी ने झूठे बयान देने के लिए गवाहो ंको डराया-धमकाया, कान के पर्दे फाड़ दिए और परिवार पर भी दबाव बनाया- जस्मीन शाह

वहीं, “आप” के वरिष्ठ नेता जस्मीन शाह ने कहा कि संजय सिंह की जमानत केवल आम आदमी पार्टी की जीत नहीं, बल्कि भारत के संविधान और सत्य में विश्वास रखने हर नागरिक की जीत है। बीजेपी ने पिछले दो साल से झूठ का जो पुलिंदा बनाया और हर तरह का अभियान चलाया कि बहुत बड़ा शराब घोटाला हुआ है। उसका आज पर्दाफाश हो गया है। दिल्ली का यह फर्जी शराब घोटाला इतिहास के पन्नों में दर्ज होगा कि कैसे बीजेपी जैसी शक्तिशाली पार्टी की केंद्र सरकार ने ईडी, सीबीआई, और सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करते हुए एक छोटी सी पार्टी को खत्म करने की कोशिश की। दो साल से जांच चल रही है और आप कह रहे हो कि बहुत बड़ा घोटाला हुआ है। अगर घोटाला हुआ है तो मनी ट्रेल कहां है? इसका बीजेपी के पास कोई जवाब नहीं है। ईडी अब तक कहती आ रही थी कि हमारे पास गवाहों के पुख्ता बयान है कि मनी ट्रेल जरूर मिलेगी। अब तो पता चल गया है कि केवल गवाहों के बयान के आधार पर यह पूरा केस खड़ा किया गया था। सबको पता है कि कानून का खुलेआम मजाकर बनाकर गवाहों के बयान लिए गए। उनसे कहा गया कि जब तक आप आम आदमी पार्टी के किसी बड़े नेता का नाम नहीं लोगे, तब तक जेल में रखेंगे। इनमें से कई गवाह तो कोर्ट में जाकर बोल चुके हैं कि हमें डराया और धमकाया जा रहा है। कान के पर्दे तक फट गए हैं। यहां तक कि परिवार के ऊपर भी दबाव बनाया जा रहा है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक निर्णय लिया और संजय सिंह को जमानत दे दी।

सरथ रेड्डी से 55 करोड़ लेने और मगुंटा रेड्डी को एनडीए से टिकट देने के सवाल का भाजपा के पास जवाब नहीं- जस्मीन शाह

जस्मीन शाह ने कहा कि बीजेपी के पास गवाहों के फर्जी बयानों पर कोई जवाब नहीं है। इनके नेता पहले कहते थे कि हमाने पास इतने सरकारी गवाहों के बयान हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनका रुख बदल गया है। जब उनसे पूछा जाता है कि सरथ चंद्र रेड्‍डी का क्या मामला है। उसके 55 करोड़ रुपये पर क्या राय है तो चुप हो जाते हैं। जब उनसे पूछा जाता है कि जिस मगुंटा रेड्‍डी के बयान पर अरविंद केजरीवाल को जेल में डाल दिया। अब उनको एनडीए का टिकट दे दिया और वह पीएम मोदी का पोस्टर लेकर प्रचार कर रहे हैं तो भाजपाई चुप हो जाते हैं। उनके पास इन बातों का केवल एक ही जवाब होता है कि यह सब तर्क कोर्ट में दीजिए। उनका बस यही कहना होता है कि कोर्ट से जमानत नहीं मिली, इसलिए आप दोषी हो। आज कोर्ट में जो सारी सुनवाई हुई और निर्णय आया। इस पर बीजेपी को देश को जवाब देना चाहिए। आपने इस लोकतंत्र और कानून व्यवस्था का मजाक बनाकर रख दिया है। एक फर्जी केस बनाकर आपने आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं को जेल के अंदर बंद कर दिया। इतना ही नहीं अब बचे हुए अन्य नेताओं को धमकी दी जा रही है कि जेल के अंदर बंद कर देंगे। लेकिन आज देश के हर नागरिक को गर्व होना चाहिए कि भारत के संविधान और कानून व्यवस्था ने सच का साथ दिया औप आने वाले कुछ दिनों में झूठ का यह पूरा पहाड़ ढह जाएगा

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