सीएए क़ानून पर पूरे देश को गुमराह करने वाली भाजपा से वरिष्ठ आप नेता व दिल्ली कैबिनेट मंत्री आतिशी ने प्रेस-कॉन्फ़्रेंस के ज़रिए तीखे सवाल किए। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि, सीएए के ज़रिए 2 करोड़ लोगों को देश में लाकर भाजपा भारत के युवाओं की नौकरियाँ पाकिस्तानियों को क्यों देना चाहती है? जब देश में बेरोज़गारी चरम पर है, युवाओं की बेरोज़गारी का दर 25% है, ऐसे में जो थोड़ी बहुत नौकरियाँ देश में है, वो भाजपा पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान के लोगों की क्यों देना चाहती है? क्या अगर इन शरणार्थियों को नौकरियाँ नहीं दी तो इनकी ग़रीबी की हालत बनी रहेगी ऐसे में क्या ये सड़कों पर गुंडागर्दी, चोरी-चकारी नहीं करेंगे? क्या लॉ एंड ऑडर की परिस्थिति नहीं बिगड़ेगी?
उन्होंने सवाल किया कि, सीएए के ज़रिए जब 2 करोड़ से ज़्यादा लोग भारत में आयेंगे तो भाजपा उन्हें रहने के लिए घर कहा देगी?* अगर इन्हें घर नहीं दिया तो क्या ये हमारे गली-मोहल्लों में झुग्गियाँ बसाकर नहीं रहेंगे? जब भाजपा के पास इन लोगों को देने के लिए घर नहीं है, नौकरियाँ नहीं है, कुछ इंतज़ाम नहीं है तो उसके बाबजूद भी 1.5-2 करोड़ ग़रीब लोगों को पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान से क्यों लाना चाहते है?
आतिशी ने कहा कि, भाजपा शासित केंद्र सरकार को ऐसी क्या आन पड़ी इन 2 करोड़ लोगों को भारत लाना चाहती है? क्या इसके पीछे का कारण इनका वोट-बैंक है? उन्होंने कहा कि, पिछले कुछ सालों में 11 लाख लोग जिनमें बिज़नेस मैन, प्रोफेशनल्स और हाई-नेटवर्थ लोग शामिल है, भारत की नागरिकता छोड़ दूसरे देशों के चले गये है; भाजपा उन्हें वापिस लाने का प्रयास क्यों नहीं कर रही है?मोदी सरकार को भारत के युवाओं की चिंता नहीं है, उनकी जाती हुई नौकरियों की चिंता नहीं है, देश के लोगों की सेफ़्टी-सिक्योरिटी की चिंता नहीं है, भाजपा को सिर्फ़ अपने वोट बैंक की चिंता है। भाजपा शासित केंद्र सरकार पहले अपने देश की समस्याएँ सुलझाए; देश से ग़रीबी, महंगाई, बेरोज़गारी दूर करें और उसके बाद किसी और को लाने की सोचे।
आप नेता आतिशी ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान कहा कि, भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद जी ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि अरविंद केजरीवाल जी ने विचित्र वक्तव्य दिया है, उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल जी का तर्क ग़लत है।
लेकिन पूरी प्रेस कॉन्फ़्रेंस में इस सवाल का जबाव नहीं दिया कि, वो भारत के युवाओं की नौकरियाँ पाकिस्तानियों को क्यों देना चाहते है।
आतिशी ने कहा कि, रविशंकर प्रसाद जी ने प्रेस-कॉन्फ़्रेंस में बहुत बड़ी-बड़ी बातें की लेकिन इस सवाल का जबाव नहीं दिया कि जब हमारे देश में बेरोज़गारी चरम पर है, युवाओं की बेरोज़गारी का दर 25% है, फ्रेश ग्रेजुएट्स की बेरोज़गारी का दर 42% है। ऐसे में जो थोड़ी बहुत नौकरियाँ देश में है, वो ये पाकिस्तान, बांग्लादेश के लोगों की क्यों देना चाहते है?
उन्होंने कहा कि, भाजपा जबाव दे कि, क्या सीएए का क़ानून आने से भारत में पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान से ग़रीब लोग नहीं आयेंगे? अगर इन देशों से 1.5-2 करोड़ लोग भी भारत में आ जाते है तो भाजपा इन्हें कहा रखेगी? इन्हे कहाँ घर देगी? क्या भाजपा के पास इन लोगों को देने के लिए इतने घर मौजूद है? इसका जबाव नहीं है। ऐसे में क्या लोग ये हमारे गली-मोहल्लों में झुग्गी नहीं डालेंगे? ये लोग दिल्ली में, मुंबई में, कलकत्ता में, देशभर में अलग-अलग झुग्गी डाल के रहेंगे।
आतिशी ने कहा कि, ये लोग बोलते है कि सीएए से देश के युवाओं की नौकरियाँ ख़तरें में नहीं है। भाजपा बताये कि, इन देशों से जब 1.5-2 करोड़ लोग आयेंगे तो उन्हें नौकरी देंगे या नहीं? भाजपा बताये कि, अगर इन्हें नौकरी देंगे तो जो नौकरियाँ भारत के युवाओं को मिलनी चाहिए वो पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान से आए लोगों की मिलेगी। और अगर इन्हें नौकरियाँ नहीं मिली, और इनकी ग़रीबी की हालत बनी रही तो ये सड़कों पर गुंडागर्दी करेंगे, चोरी-चकारी करेंगे। इससे लॉ एंड ऑर्डर और सिक्योरिटी की सारी परिस्थितियाँ ख़राब हो जाएगी। लेकिन भाजपा के पास इन सब चीजों का जबाव नहीं है।
उन्होंने कहा कि, मैं भाजपा से पूछना चाहती हूँ कि, जब भाजपा के पास इन लोगों को देने के लिए घर नहीं है, नौकरियाँ नहीं है। कुछ इंतज़ाम नहीं है तो उसके बाबजूद भी 1.5-2 करोड़ ग़रीब लोगों को पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान से क्यों लाना चाहते है? ये पहले अपने देश की समस्याएँ तो सुलझाए, अपने देश से ग़रीबी, महंगाई, बेरोज़गारी दूर करें और उसके बाद किसी और को लाने की सोचे।
आतिशी ने कहा कि, पूरे दुनिया के इतिहास और राजनीति में कोई ऐसा देश नहीं है, जो बाक़ी देशों के ग़रीब लोगों के लिए अपने दरवाज़े खोलता है। अमीर से अमीर देश भी ये कोशिश करते है कि, किसी देश से ग़रीब लोग उनके देश में न आए। क्योंकि वो उनकी ज़िम्मेदारी बन जाएँगे। उन्हें घर देना होगा, नौकरियाँ देनी होंगी।
तो भाजपा को, मोदी सरकार को ऐसी क्या आन पड़ी है कि, वो बाक़ी देशों से ग़रीबों की भारत में लेकर आ रहे है। क्या वो उन्हें इसलिए लाना चाहते है कि, ये 1.5 -2 करोड़ लोग उनका वोट बैंक बन जाए और आने वाले चुनावों में इसी वोट बैंक के आधार पर वो चुनाव लड़े।
आतिशी ने कहा कि, भाजपा बताए कि पिछले कुछ सालों में 11 लाख लोग जिनमें बिज़नेस मैन, प्रोफेशनल्स और हाई-नेटवर्थ लोग भारत छोड़ कर, नागरिकता छोड़ दूसरे देशों के चले गये है, भाजपा उन्हें वापिस लाने का प्रयास क्यों नहीं कर रही है। क्योंकि ये देश में वापिस आयेंगे तो देश की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी, नौकरियाँ बढ़ेंगी, महंगाई कम होगी।
लेकिन आज मोदी सरकार को भारत के युवाओं की चिंता नहीं है, उनकी जाती हुई नौकरियों की चिंता नहीं है, देश के लोगों की सेफ़्टी-सिक्योरिटी की चिंता नहीं है, भाजपा को सिर्फ़ अपने वोट बैंक की चिंता है।