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चुनाव आयुक्त अरुण गोयल का लोकसभा चुनावों से ठीक पहले इस्तीफ़ा देना आगामी लोकसभा चुनाव पर बड़े सवालिया निशान उठा रहा है। इस बाबत प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान वरिष्ठ आप नेता व दिल्ली कैबिनेट मंत्री आतिशी ने कहा कि, लोकसभा चुनावों से ठीक पहले इलेक्शन कमिश्नर अरुण गोयल का इस्तीफ़ा देना, लोकसभा चुनावों पर एक बड़ा सवालिया निशान है। एक ऐसा चुनाव आयुक्त जिसे भाजपा ने ख़ुद नियुक्त किया, ,जिसकी नियुक्ति को डिफेंड करने के लिए भाजपा शासित केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट तक चली गई; लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उसके इस्तीफ़े की क्या वजह है।

उन्होंने कहा कि, आज पूरे देश का एक ही सवाल है कि भाजपा शासित केंद्र सरकार ने चुनावों में ऐसी क्या हेराफेरी करने को कह दिया जो उनका अपना व्यक्ति भी न कर सका और इस्तीफ़ा देना ज़्यादा बेहतर समझा। भाजपा ने लोकसभा चुनावों ऐसा क्या ग़लत काम करने को कह दिया कि, उनका अपना आदमी तक वो काम नहीं कर पाया और 2027 तक के अपने कार्यकाल को छोड़कर इस्तीफ़ा दे दिया।

आतिशी ने कहा कि, आज ये सवाल उठ रहा है-जिस तरह अनिल मसीह से चंडीगढ़ मेयर चुनावों में इलेक्शन की चोरी करवाने की कोशिश की गई, क्या अरुण गोयल जी को भी ऐसा ही कुछ करने के लिए कहा जा रहा था?। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि, भाजपा पूरे देश को ये बताए इलेक्शन कमिश्नर अरुण गोयल ने इस्तीफ़ा क्यों दिया है।

आप नेता आतिशी ने कहा कि, लोकसभा चुनाव की घोषणा से मात्र कुछ दिन पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल, जिनका कार्यकाल 2027 तक था, उन्होंने कल इस्तीफ़ा दे दिया। अरुण गोयल वही व्यक्ति है, जिन्हें भाजपा ने ख़ुद नियुक्त किया था और इनके वालंटियरी रिटायरमेंट के 24 घंटे के अंदर-अंदर इलेक्शन कमिश्नर बनाया गया था। जब इनकी नियुक्ति को कोर्ट में चुनौती दी गई थी तब माननीय कोर्ट ने भी कहा था, कि इन्हें नियुक्त करने की इतनी क्या हड़बड़ाहट है कि सिर्फ़ 24 घंटे मे ही फाइल शुरू होकर अप्रूव भी हो जाती है।

उन्होंने कहा कि, एक ऐसा चुनाव आयुक्त जिसे भाजपा ने ख़ुद नियुक्त करवाया, जो उन्हीं का व्यक्ति था, जिसकी नियुक्ति को डिफेंड करने के लिए भाजपा शासित केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट तक चली गई, आज उस चुनाव आयुक्त ने इस्तीफ़ा दे दिया।

आतिशी ने कहा कि, आज पूरा देश एक ही सवाल पूछ रहा है, कि भाजपा शासित केंद्र सरकार ने चुनाव आयुक्त अरुण गोयल को ऐसा क्या करने को कह दिया, चुनावों में ऐसी क्या हेराफेरी करने को कहा कि, उनका अपना व्यक्ति भी न कर सका और इस्तीफ़ा देना ज़्यादा बेहतर समझा।

उन्होंने कहा कि, ये वही भाजपा है जिसने अनिल मसीह को चंडीगढ़ मेयर चुनावों में पीठासीन अधिकारी बनाया और जिसनें सीसीटीवी कैमरा के सामने इंडिया एलायंस के 8 वोट को ख़ुद रद्द किया। वो अनिल मसीह जिसनें सुप्रीम कोर्ट में माना कि उसने बैलेट पेपर पर ग़लत तरीक़े से निशान बनाए थे। वो अनिल मसीह जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये लोकतंत्र की हत्या है।

तो आज ये सवाल उठ रहा है कि, जिस तरह अनिल मसीह से चंडीगढ़ मेयर चुनावों में इलेक्शन की चोरी करवाने की कोशिश की गई, क्या अरुण गोयल जी को भी ऐसा ही कुछ करने के लिए कहा जा रहा था?

आतिशी ने कहा कि, आज मैं भाजपा को चुनौती दे रही हूँ, कि वो पूरे देश को ये बात बताए कि, अरुण गोयल जी ने इस्तीफ़ा क्यों दिया? एक ऐसे इलेक्शन कमिश्नर ने जो उनका आदमी था, जिसे नियुक्त करने के लिए भाजपा सुप्रीम कोर्ट तक चली गई। उन्हें लोकसभा चुनावों ऐसा क्या ग़लत काम करने को कह दिया गया कि, उनका अपना आदमी तक वो काम नहीं कर पाया और 2027 तक के अपने कार्यकाल को छोड़कर बिना किसी स्वास्थ्य समस्या के अपना इस्तीफ़ा दे दिया।

उन्होंने कहा कि, आज पूरा देश ये देख रहा है कि, भाजपा कभी विधायक तोड़ कर, कभी चुनावों को चुराकर, कभी ईडी-सीबीआई से विपक्ष ने नेताओं को जेल में भेजकर तो कभी विपक्षी पार्टियों के बैंक अकाउंट को फ्रिज कर आज चुनाव को चोरी करने को कोशिश कर रही है। और अब अरुण गोयल के इस्तीफ़े से बहुत बड़े सवालिया निशान आने वाले लोकसभा चुनाव पर उठ गए है।

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