आम आदमी पार्टी का कहना है कि भाजपा झुग्गियों में रह रही दिल्ली की 30 फीसद आबादी के सिर से उनकी छत छीनने पर अमादा है। यह 30 फीसद आबादी दिल्ली के मात्र 0.50 फीसद भूभाग पर ही बसी है, लेकिन भाजपा को यह भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है। लिहाजा यह 30 फीसद आबादी रोजाना अपने सिर से छत छीनने के खौफ के साथ जीने के लिए मजबूर है। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता दिलीप पांडे ने कहा कि झुग्गियों को लेकर दिल्ली विधानसभा में पूरे दिन गंभीर चर्चा हुई, ताकि भाजपा को कुछ सद्बुद्धि आ जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भाजपा के इशारे पर ही केंद्र की एजेंसियां लगातार झुग्गियों को तोड़ रही हैं। क्योंकि भाजपा नेताओं को यह बस्तियां दिल्ली के चेहरे पर बदनुमा दाग लगती हैं। हम केंद्र की भाजपा सरकार और एलजी साहब से कहना चाहते हैं कि अगर झुग्गियां तोड़ने के लिए बुल्डोजर भेजे गए तो आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता, विधायक और मंत्री तक अपनी जान की परवाह किए बगैर उसके आगे लेटने के लिए मजबूर होंगे।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं तिमारपुर से विधायक दिलीप पांडे ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर कहा कि पिछले एक-डेढ़ साल से केंद्र की भाजपा सरकार दिल्ली की 30 फीसद आबादी के सिर के छत छीनने पर आमादा है। कुछ दिन पहले दिल्ली विधानसभा में इस विषय पर एक दिन की लंबी चर्चा हुई कि शायद बीजेपी को थोड़ी सदबुद्धि आएगी। लेकिन यह दुखद है कि केंद्र की बीजेपी सरकार को दिल्ली की झुग्गियों में रहने वाले लोगों से नफरत है। बीजेपी को दिल्ली के अंदर ये बस्तियां गंदी लगी है और भाजपा नेताओं ये झुग्गी बस्तियां दिल्ली के चेहरे पर बदनुमा दाग लगती हैं। लेकिन सच तो यह है कि इन बस्तियों की वजह से ही दिल्ली शहर साफ-सुथरा है और देखने लायक है। आज दिल्ली की 30 फीसद आबादी इस खौफ के साथ जी रही है कि न जाने कब उनके सिर से छत छीन ली जाएगी। यह बेहद शर्मनाक है कि ये 30 फीसद लोग दिल्ली के कुल भूभाग के केवल 0.5 फीसद पर बसे हुए हैं। ये कैसा समानता व समाजिक न्याय है। यह भी बीजेपी की केंद्र सरकार से देखा नहीं जा रहा है।
“आप“ नेता दिलीप पांडे ने बताया कि डूसिब की 675 मान्यता प्राप्त झुग्गी बस्तियों की लिस्ट में शामिल होने के बाद भी पिछले दिनों केंद्र सरकार ने कोर्ट का हवाला देकर सुंदर नगर की बस्तियों को ध्वस्त कर दिया। जबकि पहले बीजेपी के कहने पर ही कोर्ट में गलत हलफनामा प्रस्तुत किया गया। केंद्र सरकार के तहत आने वाली एंजेसियां जैसे कि रेलवे, डीडीए, एलएनडीओ और एएसआई की जमीनों पर बनी बस्तियों को बीजेपी के इशारे पर एक-एक करके उजाड़ा जा रहा है। बीजेपी का बुलडोजर अब मजनू के टीले तक भी पहुंच गया है। पाकिस्तान में अत्याचार से परेशान होकर भारत में शरण लेने वाले जिन हिन्दू शरणार्थियों ने 11-12 साल पहले दिल्ली के मजनू के टीले में अपनी बस्ती बसाकर मुश्किल से अपना जीवन जीना शुरु किया था, आज उनके सिर दोबारा छत छीनी जा रही है। उन्हें क्या पता था कि यहां आकर भी अत्याचार, भ्रष्टाचार और अमानवता उनका पीछा नहीं छोड़ेगी। नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के अंदर बस्तियों को गिराने का भी प्लान है। तुगलकाबाद में एएसआई की आड़ में बस्तियां गिराई गईं।
“आप“ नेता दिलीप पांडे ने कहा कि केंद्र सरकार, भाजपा और डीडीए के चेयरमैन एलजी साहब लगातार इन गरीब-मजबूर लोगों के सिर से छत छीनता हुआ देख रहे हैं। गरीब की आह नहीं लेनी चाहिए। ऊपर वाले की लाठी बे-आवाज होती है। मेरी अपील है कि केंद्र सरकार की एजेंसियों और एलजी साहब को इतना बे-दिल नहीं बनना चाहिए और इस तरह से इन गरीबों से मुंह नहीं फेरना चाहिए। दिल्ली के 0.50 फीसद भूभाग पर निवास करने वाले कुल आबादी के 30 फीसद लोगों की सिर पर छत उनकी मेहनत और किस्मत से है। यह छत उनसे नहीं छीना जाए। अगर भाजपा की केंद्र सरकार इन गरीबों के सिर से छत छीनती है तो आम आदमी पार्टी यह होने नहीं देगी। आम आदमी पार्टी यह एकतरफा अत्याचार और गुंडागर्दी नहीं चलने देगी। अगर भाजपा की केंद्र सरकार इन गरीबों की बस्तियों को तोड़ने के लिए बुल्डोजर भेजेगी तो अपनी जान की परवाह किए बिना आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता, विधायक और मंत्री उनके सामने लेट जाएंगे। आम आदमी पार्टी उन गरीबों को बेघर नहीं होने देगी। आम आदमी पार्टी केंद्र की भाजपा सरकार और एलजी साहब से कहना चाहते हैं कि झुग्गियों को तोड़ना बंद करें। अगर झुग्गियां तोड़ी गई तो इसे रोकने के लिए हमें भले ही सड़क पर संघर्ष करना पड़े, जेल जाना पड़े या कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़े, हम न्याय के लिए हर जगह जाएंगे। लेकिन एकतरफा गुंडागर्दी नहीं करने देंगे