सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को एशियन गेम्स-2022 में मेडल जीत कर भारत का नाम रौशन करने वाले दिल्ली के 11 खिलाड़ियों व 3 कोचों को सम्मानित किया। इस दौरान सीएम ने कैश इंसेंटिव स्कीम के तहत गोल्ड मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को एक करोड़, सिल्वर को 75 लाख और कांस्य को 50 लाख रुपए का चेक सौंपा। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार खिलाड़ियों को हर स्तर पर मदद करेगी। हमने दिल्ली में देश की सबसे बेस्ट स्पोर्ट्स पॉलिसी बनाई है और अब इसमें कुछ और सुधार करेंगे। उन्होंने कहा, मेडल जीतने के बाद तो हर कोई खिलाड़ियों को सम्मान देने के लिए आगे आता है, लेकिन जब ये खिलाड़ी संघर्ष कर रहे होते हैं, तब उनकी मदद करने कोई नहीं आता है। इसी को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार प्ले एंड प्रोग्रेस और मिशन एक्सिलेंस स्कीम के तहत आर्थिक मदद देकर खिलाड़ियों को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेलों के लिए तैयार करती है। देश भर के खिलाड़ियों से अपील है कि वो भी दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी से जुड़ें और प्रतिभावान बच्चों को निखारने में मदद करें। इस दौरान खेल मंत्री आतिशी, विधायक दिलीप पांडे समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
इस मुकाम को हासिल करने के लिए हमारे खिलाड़ियों ने कड़ा संघर्ष और त्याग किया है- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा कि आप सभी ने पूरी दुनिया में भारत और दिल्ली का नाम रौशन किया है। आप लोग साल दर साल दिल्ली और देश के लिए मेडल ला रहे हैं। हमारे साथ-साथ पूरे देश को आप पर गर्व है। आपके कोच भी बधाई के पात्र हैं जिनकी बेहतरीन ट्रेनिंग ने आपके हुनर को तराशा है। हम आपस में भले ही एक-दूसरे से चाहे कितना भी मत-भिन्नता रखते हों, लेकिन जब हमारे खिलाड़ी विदेश में मेडल जीतते हैं, वहां हमारा तिरंगा लहराता है और सारी दुनिया के सामने राष्ट्रगान बजता है, तो सारा देश आपसी मतभेद भुलाकर एक साथ खड़ा हो जाता है। आपके लिए तालियां बजाता है और गर्व महसूस करता है कि हमारे खिलाड़ियों ने देश का नाम रौशन किया है। ये मुकाम इतनी आसानी से नहीं पाया जा सकता है। आप लोगों ने इसके लिए बहुत संघर्ष, त्याग और तपस्या की है, तब जाकर यह सब हासिल किया है। हमारी कोशिश है कि हम आपके संघर्ष में आपका जितना सहयोग कर सकते हैं, उतना सहयोग करें।
खिलाड़ियों को अवसर और सुविधाएं देने का काम सरकारों का है और हम मदद दे रहे हैं- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारा 140 करोड़ लोगों का देश है, जहां टैलेंट की कमी नहीं है। कई बार ट्रैफिक लाइट पर कुछ गरीब बच्चे भीख मांगने के लिए जिमनॉस्टिक के करतब दिखाते हैं। कभी वो एक गोले में से निकलते है, तो कभी कोई करतब करते है। उनके जैसा लचीला शरीर बड़े-बड़े जिमनास्ट्स की भी नहीं होगी। अगर करतब दिखाने वाले उन गरीब बच्चों को सही अवसर मिले तो शायद वो दुनिया के बड़े-बड़े जिमनास्ट्स को भी पीछे छोड़ सकते हैं। हमारे देश के गांवों और शहरों में जबरदस्त टैलेंट है और वो टैलेंट संघर्ष भी कर रह हैं। लेकिन उसे सही अवसर और सुविधाएं नहीं मिलीं। उन सभी को वो अवसर और सुविधाएं देने का काम हम सरकारों का था। कमी हम सरकारों के अंदर ही रह गई। किसी एक सरकार को मैं इसका दोष नहीं दे रहा हूं। हम सबको इसके लिए एक साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।
सरकार में आने के बाद से ही हम उभरते हुए खिलाड़ियों की मदद करने की कोशिश कर रहे- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब हमारी सरकार बनी तो हमारी कोशिश यही थी कि हम ज्यादा से ज्यादा उभरते हुए खिलाड़ियों की मदद करें। हमने जानकारी जुटाई तो पता चला कि देश के कई राज्यों में खिलाड़ियों के लिए बहुत अच्छी पॉलिसी है। हमने उन सभी पॉलिसी को मंगाया और दिल्ली में देश की सबसे बेहतरीन पॉलिसी बनाने की कोशिश की। जब हमने यह पॉलिसी बनाई थी, तब यह देश की सबसे बेहतरीन पॉलिसी थी। लेकिन मुझे पता चला कि कुछ राज्यों ने पिछले 2-3 साल के अंदर अपनी योजनाओं में कई नए सुधार किए हैं। हम उन्हें भी अपनी पॉलिसी में शामिल करेंगे। जिसके बाद दिल्ली की हमारी यह पॉलिसी फिर से देश की नंबर-1 पॉलिसी बन जाएगी। कई बार खिलाड़ी हमें अन्य राज्यों की अच्छी पॉलिसी के बारे में बताते हैं, हम लोग वो सारी चीजें करेंगे।
संघर्ष के दिनों में ही खिलाड़ियों की मदद करें तो वो काफी तरक्की कर सकते हैं- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारा मकसद स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना है। उस दिशा में भी हमने काफी काम करने की कोशिश की है। नए इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने की भी कोशिश की है। सबसे जरूरी बात है कि जब खिलाड़ी संघर्ष कर रहा होता है तो कोई उसकी मदद नहीं करता है और जीतने के बाद जब वो गोल्ड मेडल लेकर आ जाता है तो सारी दुनिया उसके साथ फोटो खिचवाने और उसे अवॉर्ड देने के लिए आ जाती है। अगर संघर्ष के वक्त खिलाड़ी को थोड़ा सा सहारा मिल जाए तो वो दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर सकता है। कई बार हम अन्य देशों से भी सीखते हैं। चीन में बचपन से ही खिलाड़ियों को पकड़ लिया जाता है और उन्हें शुरुआत से ही उस स्पोर्ट्स के लिए तैयार किया जाता है। इसी दिशा में हमने भी कुछ कदम उठाने की कोशिश की है।
हमने अब तक प्ले एंड प्रोग्रेस के तहत 1500 और मिशन एक्सिलेंस के तहत 400 बच्चों को आर्थिक मदद की है- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी “प्ले एंड प्रोग्रेस स्कीम“ के तहत 17 साल की उम्र तक के बच्चे अगर किसी स्पोर्ट्स में अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो हम उस बच्चे को अपनी प्रतिभा निखारने के लिए 1 से 3 लाख रुपए सालाना देते हैं, ताकि उससे वो कोचिंग ले सके, अपनी डाइट का ध्यान रख सके और अपने स्पोर्ट्स का सामान खरीद सके। इस योजना के तहत 2018 से 2022 तक पिछले चार साल के अंदर हमने 1.5 हजार बच्चों को 32 करोड़ रुपए की राशि देकर सहायता की है। वहीं, जो बच्चे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभा दिखाते हैं। उनके डाइट, ट्रेनिंग, स्पोर्ट्स सामग्री और खुद को तैयार करने के लिए 16 लाख रुपये की राशि दी जाती है। इसके तहत पिछले चार सालों में लगभग 400 खिलाड़ियों को 25 करोड़ रुपये की मदद दी गई है। जबकि, ओलंपिक, एशियन समेत राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खेलों में मेडल जीतकर लाने वाले खिलाड़ियों को कैश इंसेंटिव स्कीम के तहत प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसके तहत ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने वालों को तीन करोड़, सिल्वर मेडल वालों को दो करोड़ और ब्रांज मेडल लाने वालों को एक करोड़ रुपये दिए जाते हैं। वहीं, एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल लाने वालों को एक करोड़, सिल्वर मेडल वालों को 75 लाख और ब्रांज मेडल वालों को 50 लाख रुपये पुरस्कार के तौर पर दिए जाते हैं। इसके साथ ही खिलाड़ियों के कोचों को भी प्रोत्साहित किया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों को निखारने के लिए हमने दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी शुरू की है- अरविंद केजरीवाल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली से अंतरराष्ट्रीय पटल पर बेहतरीन खिलाड़ी निकल सकें। इसके लिए लिए हमने दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की शुरूआत की है। हालांकि, अभी उस यूनिवर्सटी को बनने में करीब तीन साल लगेंगे। लेकिन उस यूनिवर्सिटी के तहत दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल शुरू कर दिया गया है। इसमें दाखिला लेने के लिए पिछले साल देशभर से लगभग 15 हजार बच्चों ने आवेदन किया था। ऐसे में चयन के लिए कड़ी प्रक्रिया हुई और 17 राज्यों में से 172 बच्चों का चयन किया गया। अब इन बच्चों को अंतराष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन बच्चों का हौंसला देखकर बहुत गर्व होता है और लगता है कि आने वाले समय में दिल्ली अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रौशन करेगी। इन 172 बच्चों को 10 ओलंपिक गेम्स के लिए तैयार किया जा रहा है, जिनमें एथलेटिक्स, आर्चरी, बैडमिंटन, बॉक्सिंग, लॉन टेनिस, टेबिल टेनिस, स्वीमिंग, शूटिंग, वेटलिफ्टिंग और रेसलिंग शामिल हैं। इन दस खेलों के लिए बच्चों को शानदार सुविधा और खेल सामग्री उपलब्ध कराने के साथ ही देशभर से बेस्ट कोचों को नियुक्त किया गया है। ये बच्चे पूरा दिन खेलों के लिए ट्रेनिंग करते हैं।
स्पोर्ट्स स्कूल में पढ़ने वाले हर बच्चों का मकसद ओलंपिक में गोल्ड लाना है- अरविंद केजरीवाल
सीएम ने कहा कि हमारा मकसद है कि ये बच्चे अनपढ़ न रह जाएं। ऐसे में चयनित बच्चों को कक्षा छह से लेकर नौवीं में दाखिला दिलाया गया है। इनको खेलों के साथ में पढ़ाई भी कराई जाती है, जिससे कि ये लोग अपनी कक्षा में पास हो सकें। स्पोर्ट्स स्कूल को दिल्ली बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन से मान्यता दिलाई गई है। अब इन बच्चों को आने वाले समय में अन्य डिग्रियों की तरह खेलों में ग्रैजुएशन की डिग्री मिलेगी। भगवान न करें कि कोई बच्चा अगर आने वाले समय में किसी कारणवश खेलों में करियर नहीं बना पाता है तो ड्रिगी की बदौलत प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर सकता है। स्पोर्ट्स स्कूल में खेल ही पढ़ाई का जरिया है। इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का मकसद ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाना है। अर्जुन की तरह उनका लक्ष्य भी साफ है। आज इन बच्चों की आंखों में एक सपना है और सब लोग उस सपने को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने खिलाड़ियों से अपील करते हुए कहा कि स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी से जुड़कर उन बच्चों की मदद करें। ताकि आने वाले समय में इस जगह पर 11 की जगह 1100 खिलाड़ी बैठें। हम दिल्ली को देश से अलग करके नहीं देख रहे हैं। पूरा देश अपना है। अंतराष्ट्रीय स्तर पर मिलने वाला हर मेडल राज्य को नहीं, बल्कि देश को मिलता है।
देश के लिए मेडल जीत कर लाने के पीछे खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत और तपस्या होती है- आतिशी
इस मौक़े पर शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि हमारे देश में भाषा और संस्कृति की विविधता है, लेकिन जब हमारे खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं, तब पूरा भारत एक साथ आ जाता है। जब हमारे खिलाड़ी मेडल जीतकर लाते हैं, उस दौरान जब तिरंगा उठते हैं और हमारा राष्ट्र-गाण बजता है, तब पूरे देश को जितना गर्व होता है, उसे शब्दों में नहीं बताया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम अपने खिलाड़ियों की जीत को देखते है, लेकिन उस जीत के पीछे की उनकी सालों की मेहनत लगी होती है। इसके लिए हमारे खिलाड़ी बहुत कुछ त्यागते हैं और उनकी यही तपस्या और त्याग मेडल के रूप में देश का गौरव बनकर आती है।
उन्होंने कहा कि पिछले 9 सालों में केजरीवाल सरकार खिलाड़ियों को उनकी तैयारी और ट्रेनिंग के दौरान सपोर्ट करने के लिए कई योजनाएं लेकर आई है। हाल ही में हमने अपना दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी भी शुरू किया है, जहां छात्रों को अपने खेल में महारत हासिल करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। खिलाड़ियों और विश्वविद्यालय के लिए इस तरह की कई अन्य योजनाओं के साथ हमारे मुख्यमंत्री का फोकस है कि भारत को ज़्यादा से ज़्यादा ओलंपिक गोल्ड मेडल कैसे मिल सकते हैं। खेल मंत्री आतिशी ने कहा कि हम मिशन एक्सीलेंस जैसी विभिन्न योजनाओं के साथ नियमित रूप से अपने खिलाड़ियों का सपोर्ट करते रहे हैं। अब हमने दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी भी शुरू की है, जहां 10 ओलंपिक खेलों में ट्रेनिंग के लिए पूरे भारत से उभरते खिलाड़ियों का चयन किया गया है। आज, मैं आपको विश्वास दिलाती हूं कि जब भी खिलाड़ियों को हमसे किसी भी प्रकार के सहयोग की जरूरत होगी, केजरीवाल सरकार हमेशा उनको सपोर्ट करेगी।
केजरीवाल सरकार ने खिलाड़ियों को बहुत सपोर्ट किया है- रोहन कपूर
बैडमिंटन खिलाड़ी रोहन कपूर ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी खिलाड़ियों को बहुत सपोर्ट किया है। पिछले 10 सालों में सरकार ने खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारने के लिए पॉलिसी और स्पोर्ट्स स्टेडियम बनाए हैं, उससे हमें बहुत मदद मिली है। मैं इसके लिए केजरीवाल सरकार का बहुत धन्यवाद करता हूं।
आज हम जो मेडल ला रहे हैं, उसका पूरा श्रेय केजरीवाल सरकार को जाता है- राहुल कौश
कोच राहुल कौश ने कहा कि पिछले 10 सालों में शिक्षा और स्पोर्ट्स के इंफ्रास्ट्रक्चर में जितना विकास हुआ है, इससे पहले इसके इंफ्रास्ट्रक्चर में विकास कभी नहीं हुआ था। आज दिल्ली के खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से जितने भी मेडल ला रहे हैं, उसका पूरा श्रेय खिलाड़ियों की मेहनत और दिल्ली सरकार को जाता है। अगर इसी तरह का सहयोग आगे भी रहेगा तो आने वाले ओलंपिक में देश में सबसे ज्यादा मेडल दिल्ली के खिलाड़ी लाएंगे।
इन पदक विजेताओं को सीएम केजरीवाल ने किया सम्मानित
1- अमन, कुश्ती 57 किलोग्राम (कांस्य पदक विजेता)
20 वर्षीय अमन एक प्रसिद्ध पहलवान है। इनका जन्म और पालन-पोषण दिल्ली में हुआ है। इन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली से पूरी की है। इन्होंने 2014 में छत्रसाल स्टेडियम में ट्रेनिंग लेनी शुरू की और दिल्ली कुश्ती कोच के मार्गदर्शन में 57 किलोग्राम वर्ग के तहत कुश्ती में एशियन गेम्स 2022 में कांस्य पदक जीता।
इनकी अन्य प्रमुख उपलब्धियां
-2019-20 में खेलो इंडिया गोल्ड मेडल जीता
- स्पेन- 2022 में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में अंडर-23, सीनियर फ्रीस्टाइल में स्वर्ण पदक जीता
- कजाकिस्तान-2023 में आयोजित सीनियर एशियन चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता
- तेजस्विन शंकर, एथलेटिक्स
तेजस्विन शंकर भी एक प्रतिष्ठित भारतीय एथलीट हैं। इन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सरदार पटेल विद्यालय, नई दिल्ली से पूरी की। वो अपने कोच सुनील कुमार के मार्गदर्शन में दिल्ली में ट्रेनिंग ले रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2022 में कैनसस स्टेट यूनिवर्सिटी (यूएसए) से स्नातक और मास्टर डिग्री प्राप्त की। तेजस्विन शंकर की खासियत यह है कि वो खेल के प्रति अटूट समर्पण रखते हैं और उनमें असाधारण प्रतिभा है। अपने बेहतरीन खेल प्रतिभा से दुनिया भर के दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया है।
प्रमुख उपलब्धियां
- बैंकॉक में पुरुषों के डिकैथलॉन डिसिप्लिन में एशियाई एथलेटिक चैम्पियनशिप में कांस्य पदक।
- बर्मिंघम- 2022 में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुषों की ऊंची कूद में कांस्य पदक।
- चीन में आयोजित एशियन गेम्स-2022 में पुरुषों की डिकैथलॉन में रजत पदक
- अमोज जैकब, एथलेटिक्स
अमोज जैकब ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली के रोहिणी स्थित सेंट जेवियर और स्नातक की पढ़ाई एसजीटीबी खालसा कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय) से पूरी की है।
प्रमुख उपलब्धियां
- एशियन गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट-2022
- टोक्यो ओलिंपिक 2020 में हिस्सा लिया
- 2023 में हंगरी में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लिया और 4400 मीटर रिले में नया एशियाई रिकॉर्ड बनाया।
- बैंकॉक-2023 में आयोजित एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप मिश्रित रिले में स्वर्ण पदक जीता।
- बैंकॉक-2023 में आयोजित एशियाई एथलेटिक चैंपियनशिप पुरुष रिले में रजत पदक जीता
- अंडर-20 में 400 मीटर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया।
- 400 मीटर इंडोर में भी नेशनल रिकॉर्ड बनाया।
- तन्वी खन्ना, स्क्वैश
तन्वी खन्ना ने अपनी स्कूली नई दिल्ली के शिक्षा बाराखंभा स्थित मॉडर्न स्कूल से की है और ग्रेजुएशन 2018 में कोलंबिया यूनिवर्सिटी से किया है।
प्रमुख उपलब्धियां
- जकार्ता- 2018 में आयोजित एशियन गेम्स में रजत पदक
- साउथ एशियन गेम्स खेल 2019 में दो स्वर्ण पदक विजेता
- एशियन गेम्स 2022 के कांस्य पदक विजेता
- विश्व की सर्वोच्च रैंकिंग में 69वां स्थान
- अनहत सिंह, स्क्वैश
15 वर्षीय अनहत सिंह चाणक्य पुरी स्थित ब्रिटिश स्कूल में 10वीं कक्षा का छात्र है।
प्रमुख उपलब्धियां
- 2022 में बर्मिंघम में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली भारतीय दल की सबसे कम उम्र की एथलीट थीं, तब वो केवल 14 साल की थीं।
- 15 साल की उम्र में वो 2023 में चीन के हांगझाउ में हाल ही में आयोजित एशियन गेम्स में 2 कांस्य पदक जीतने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ियों में से एक थीं।
- वह वर्तमान सीनियर नेशनल स्क्वैश चैंपियन (जोशना चिनप्पा के बाद पिछले 23 वर्षों में सबसे कम उम्र की) और 19 साल से कम उम्र की लड़कियों में नेशनल चैंपियन हैं।
- वह वर्तमान में अंडर 17 एशियाई जूनियर चैंपियन हैं।
- वह 2019 में प्रतिष्ठित ब्रिटिश जूनियर ओपन स्क्वैश गर्ल्स अंडर 11 पदक जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय बनीं।
- उन्होंने 2023 में ब्रिटिश जूनियर ओपन में गर्ल्स अंडर 15 का खिताब जीता।
- वह ब्रिटिश जूनियर चैंपियनशिप में 4 पदक यानी 2 स्वर्ण और 2 रजत जीतने वाली एकमात्र भारतीय हैं।
- हाल ही में आयोजित एशियन गेम्स-2022 में दो कांस्य पदक।
- राजेश्वर तिवारी, ब्रिज
इन्होंने आईआईटी दिल्ली से बीटेक और आईआईटी मुंबई से एमटेक किया है।
प्रमुख उपलब्धियां
- विश्व चैंपियनशिप में 3 बार क्वार्टर फाइनलिस्ट
- मेलबर्न में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स-2018 के स्वर्ण पदक विजेता।
- एशियन गेम्स-2018 में कांस्य पदक विजेता
- यूरोपियन ओपन में कांस्य पदक विजेता
- एशिया और मध्य पूर्व चैंपियनशिप में 6 स्वर्ण
- हाल ही में संपन्न एशियन गेम्स 2022 में रजत पदक विजेता।
- रोहन कपूर, बैडमिंटन
इन्होंने 7वीं कक्षा तक अपनी स्कूली शिक्षा नई दिल्ली के भारती लोधी रोड स्थित एयर फ़ोर्स बाल से की है और उसके बाद 8-12वीं कक्षा तक उन्होंने ग्लेनडेल अकादमी इंटरनेशनल स्कूल हैदराबाद से पढाई पूरी की। उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय से की।
प्रमुख उपलब्धियां
- एशियन गेम्स 2022 में रजत पदक।
- विक्टर डेनमार्क मास्टर्स 2023 में स्वर्ण पदक।
- स्लोवेनिया योनेक्स ओपन 2023 में रजत पदक।
- योनेक्स सनराइज ऑल इंडिया सीनियर रैंकिंग बैडमिंटन टूर्नामेंट 2024 (जोधपुर) में स्वर्ण पदक।
- योनेक्स सनराइज ऑल इंडिया सीनियर रैंकिंग बैडमिंटन टूर्नामेंट 2024 (बैंगलोर) में स्वर्ण पदक।
- हीरल साधु, रोलर स्केटिंग
इन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली के हंसराज मॉडल स्कूल से की है और वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज से बी.कॉम (ऑनर्स) कर रहे हैं।
प्रमुख उपलब्धियां
- 2022 से स्पीड स्केटिंग में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
- गुजरात में आयोजित 36वें नेशनल गेम्स 2022 में सीनियर वर्ग में 2 रजत और 1 कांस्य पदक जीता।
- चीन के हांग्जो में आयोजित 19वें एशियन गेम्स 2023 में सीनियर वर्ग में कांस्य पदक जीता। स्पीड स्केटिंग में भारतीय लड़कियों के लिए यह पहला ऐतिहासिक पदक है।
- चीन के बेइदैहे में आयोजित 19वीं एशियन रोलर स्केटिंग चैंपियनशिप में जूनियर वर्ग में रजत पदक जीता।
- इटली में आयोजित विश्व चैम्पियनशिप 2023 में शीर्ष 10 में स्थान बनाया।
- पवन कुमार, कबड्डी
इन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली के बवाना स्थित एक सरकारी स्कूल से की है और ग्रेजुएशन चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से किया है।
प्रमुख उपलब्धियां
- साउथ एशियन गेम्स-2019 में गोल्ड मेडल।
- 66वीं सीनियर नेशनल कबड्डी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक।
- 67वीं सीनियर नेशनल कबड्डी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक।
- 68वीं सीनियर नेशनल कबड्डी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक।
- 69वीं सीनियर नेशनल कबड्डी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक।
- 11वीं एशियन कबड्डी चैम्पियनशिप-2023 में स्वर्ण पदक।
- दीपक पुनिया, कुश्ती
प्रमुख उपलब्धियां
- 2019 में कजाकिस्तान में सीनियर विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में रजत पदक।
- टोक्यो ओलंपिक-2020 में हिस्सा लिया।
- हांग्जो (चीन) एशियाई खेल-2023 में रजत पदक।
- बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स-2022 में स्वर्ण पदक।
- अभिषेक वर्मा, आईआरएस (अर्जुन पुरस्कार विजेता), तीरंदाजी
वर्तमान में ये सहायक आयुक्त आयकर विभाग के पद पर तैनात हैं। इन्होंने अपना ग्रेजुएशन दिल्ली यूनिवर्सिटी से की है।
प्रमुख उपलब्धियां
- एशियन गेम्स 2014 में गोल्ड और सिल्वर मेडल।
- 2015 विश्व कप, पोलैंड में स्वर्ण पदक।
- 2017 विश्व कप, चीन में स्वर्ण पदक।
- थाईलैंड में आयोजित एशियाई तीरंदाजी चैंपियनशिप-2017 में 1 स्वर्ण और 2 रजत पदक।
- थाईलैंड में आयोजित एशियाई तीरंदाजी चैंपियनशिप-2019, में 1 स्वर्ण और 1 रजत पदक
- एशियन गेम्स 2018 में रजत पदक।
- एशियन गेम्स-2022 में गोल्ड और सिल्वर मेडल।
- विश्व रैंकिंग में 3 नंबर हैं।
- एशियन रैंकिंग में पहले स्थान पर हैं।.
- भारतीय रैंकिंग में भी पहले स्थान पर हैं।
इनको मिला इतने रुपए का पुरस्कार
अभिषेक वर्मा- 1.75 करोड़ रुपए
अमोज जैकब- 1 करोड़ रुपए
पवन कुमार- 1 करोड़ रुपए
अनहत सिंह- 1 करोड़ रुपए
राजेश्वर तिवारी- 75 लाख रुपए
दीपक पुनिया- 75 लाख रुपए
तेजस्विन शंकर- 75 लाख रुपए
रोहन कपूर- 75 लाख रुपए
हीरल साधू- 50 लाख रुपए
तन्वी खन्ना- 50 लाख रुपए
अमन- 50 लाख रुपए
सुनील कुमार- 6 लाख रुपए
राहुल कौश- 6 लाख रुपए
मुकेश डबास- 6 लाख रुपए
खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारने के लिए केजरीवाल सरकार की प्रमुख योजनाएं
कैश इंसेंटिव स्कीम
केजरीवाल सरकार प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए ’कैश इंसेंटिव टू आउटस्टैंडिंग प्लेयर्स/स्पोर्ट्समेन’ योजना चलाती है। इसके तहत सरकार का शिक्षा निदेशालय टैलेंटेड खिलाड़ियों को नकद प्रोत्साहन राशि देता है। जो खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य स्तर के खेलों में देश और दिल्ली के लिए सम्मान लाते हैं, उन्हें इसके तहत पुरस्कृत किया जाता है। इस साल एशियन गेम्स में मेडल लाने वाले खिलाड़ी और उनके कोचों को कुल 9.43 करोड़ रुपए दिए गए।
सरकार ने प्रतिभावान खिलाड़ियों पर अब तक किया खर्च
- 2015-16 में सरकार ने 4249 खिलाड़ियों पर 9.17 करोड़ रुपए खर्च किए
- 2016-17 में 4134 खिलाड़ियों पर 9.38 करोड़ रुपए खर्च किए
- 2017-18 में 3464 खिलाड़ियों पर 9.36 करोड़ रुपए खर्च किए
- 2018-19 में 3405 खिलाड़ियों पर 13.86 करोड़ रुपए खर्च किए
- 2019-20 में 3046 खिलाड़ियों पर 9 करोड़ रुपए खर्च किए
- 2020-21 और 2021-22 में 2400 खिलाड़ियों पर 10.53 करोड़ खर्च किए
प्ले एंड प्रोग्रेसिव स्कीम
यह दिल्ली सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक है, जिसके तहत दिल्ली में स्कूल स्तर के खिलाड़ियों को वित्तीय मदद दी जाती है। इस योजना के तहत 17 साल की उम्र तक के खिलाड़ियों को 2 से 3 लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी जाती है। इस योजना के माध्यम से स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों और खिलाड़ियों को ट्रेनिंग लेने और हाई लेवल की प्रतियोगिताओं में भाग में आर्थिक मदद मिलती है, जिससे उनका प्रदर्शन और बेहतर होता है।
प्ले एंड प्रोग्रेसिव स्कीम के अब तक हुए 1,442 लाभार्थी
- 2018-19 में 379 लाभार्थियों पर 8.94 करोड़ रुपए खर्च किए गए
- 2019-20 में 328 लाभार्थियों पर 8.04 करोड़ रुपए खर्च किए गए
- 2018-19 (मॉनिटरिंग मॉड्यूल) में 217 लाभार्थियों पर 5.71 करोड़ रुपए खर्च हुए
- 2020-21 और 2021-22 में 521 लाभार्थियों पर 8.78 करोड़ रुपए खर्च किए गए
मिशन एक्सीलेंस स्कीम
इस योजना के तहत सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है, जिसकी अधिकतम सीमा 16 लाख रुपए है। इसके जरिए खिलाड़ियों को ट्रेनिंग और कोचिंग लेने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है, ताकि वे विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट्स और प्रतियोगिताओं में भाग ले सकें और खेल में नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर सकें।
अभी तक इस स्कीम से 394 खिलाड़ी लाभांवित
- 2018 में 117 लाभार्थियों पर 9.51 करोड़ रुपए खर्च किए गए
- 2019 में 83 लाभार्थियों पर 4.65 करोड़ रुपए खर्च किए गए
- 2018 (मॉनिटरिंग मॉड्यूल) में 60 लाभार्थियों पर 4.40 करोड़ रुपए खर्च किए गए
- 2020-21 और 2021-22 में 134 लाभार्थियों पर 6.66 करोड़ रुपए खर्च किए ग