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AAP विधायक राखी बिरला के पिता के ख़िलाफ़ लगे आरोप कोर्ट में झूठे साबित हुए

आम आदमी पार्टी और पार्टी के विधायकों के ख़िलाफ़ बीजेपी के इशारे पर काम करने वाली पुलिस के सारे आरोप एक के बाद एक अदालत में जाकर धराशाई हो रहे हैं, ताज़ा मामले में पार्टी की विधायक राखी बिड़लान के पिता पर लगे आरोप कोर्ट में जाकर औंधे मुंह गिरे और राखी बिड़लान के पिता आरोप मुक्त हुए। इसी से पता चलता है कि दिल्ली पुलिस द्वारा लगाए आरोप ना केवल बेबुनियाद थे बल्कि एक सोची समझी साज़िश के तहत ऐसा किया गया था।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एंव राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने पार्टी कार्यालय में आयोजित हुई प्रैस कॉंफ्रेंस में बोलते हुए कहा कि ‘बीजेपी की सरकार और उसकी पुलिस किस तरह आप विधायकों का उत्पीड़न कर रही है ये सबके सामने है। आम आदमी पार्टी के 15 विधायकों के ख़िलाफ़ गलत मंशा से कार्रवाई की गई और झूठे मुकदमें दर्ज किए गए, जो मामले कोर्ट में एक-एक करके झूठ साबित हो रहे हैं।

कहीं डकैती, कत्ल, बलात्कार हो जाए तो उससे दिल्ली पुलिस को कोई मतलब नहीं होता है, लेकिन आम आदमी पार्टी के विधायक के खिलाफ कोई कैसी भी शिकायत आ जाए तो पुलिस विधायकों के पीछे पड़ जाती है। एक के बाद एक झूठे साबित हुए मुकदमों में कई बार कोर्ट ने पुलिस को लताड़ लगाई है और झूठी शिकायतों को बर्खास्त किया है-  संजय सिंह, आप नेता एंव राज्यसभा सांसद

6 नवम्बर 2016 को राखी बिड़ला के पिता के खिलाफ़ बलात्कार और छेड़खानी का झूठा मामला दर्ज कराया गया था। राखी के बुजुर्ग़ पिता पर बेहद गंभीर आरोप लगाए गए, आरोप ऐसे थे कि कोई भी शरीफ़ इंसान उन आरोपों को बर्दाश्त नहीं कर सकता और आत्महत्या भी कर सकता है, लेकिन बीजेपी के इशारे पर पुलिस ने आम आदमी पार्टी के विधायक के ख़िलाफ़ ऐसा किया।

जब मामला कोर्ट में गया तो उसी महिला ने ख़ुद कोर्ट में कहा कि बीजेपी नेताओं के इशारे पर, एक एनजीओ की महिला और पुलिस के कहने पर उसने राखी के पिता पर वो आरोप लगाए थे। इससे ये साबित हो जाता है कि कैसे पुलिस का इस्तेमाल करके आम आदमी पार्टी और उसके विधायकों को एक-एक करके भारतीय जनता पार्टी द्वारा निशाना बनाया जा रहा है।

आम आदमी पार्टी की विधायक राखी बिड़ला ने कहा कि ‘6 नवम्बर 2016 को अचानक मुझे पता चला कि एक महिला ने मेरे 60 वर्षीय पिता के ऊपर गैंग रेप का आरोप लगाया है। बाद में पुलिस ने अचानक से उस मामले में कुछ और संगीन धाराओं को जोड़ दिया जो बेहद आश्चर्यजनक था।

जब यह मामला कोर्ट के समक्ष पहुंचा तो वो महिला कोर्ट के सामने मेरे पिता को पहचान नहीं पाई और उसके आरोप गलत साबित हुए, उस महिला से जब कोर्ट ने पूछा कि आपने आरोप क्यों लगाए तो उसने कहा कि कुछ लोगों के कहने पर उसने ये आरोप विधायक के पिता पर लगाए थे। ज़ाहिर है कि वो आरोप बीजेपी के इशारे पर लगाए थे।

बीजेपी द्वारा दिल्ली पुलिस का इस्तेमाल करके हमारी छवि को खराब करने की कोशिश की गई और साथ ही आम आदमी पार्टी की छवि को भी धूमिल करने का प्रयास किया गया। लेकिन हमें भारत की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा था जहां से हमें न्याय मिला भी है और मेरे पिता पर लगे आरोप झूठे साबित हुए क्योंकि वो आरोप साज़िश के तहत लगाए गए थे।

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sudhir

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