दिल्ली की राउस एवेन्यू कोर्ट ने ईडी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल को समन देकर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। इस पर वरिष्ठ नेता आतिशी ने पार्टी की तरफ से प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘‘आप’’ कोर्ट के आदेश का सम्मान करती है और दी गई तारीख पर कोर्ट के सामने इस मामले पर अपना पक्ष रखेगी और बताएगी कि किस तरह ईडी के ये 5 समन अवैध और गैरकानूनी हैं। उन्होंने कहा कि ईडी के ये समन सीएम अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकने और गिरफ्तार करने की साजिश का एक हिस्सा हैं। भाजपा ईडी का इस्तेमाल कर चाहती है कि सीएम अरविंद केजरीवाल ईडी ऑफिस जाएं और उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाए।
आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री आतिशी ने पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर कहा कि राउज एवेन्यू कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समन भेजकर पेश होने को कहा है। हम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं और कोर्ट के सामने अपना पक्ष भी रखेंगे और बताएंगे कि ईडी ने जो अरविंद केजरीवाल को 5 समन भेजे थे, उसके लिए वो ईडी के समक्ष क्यों नहीं पेश हुए?
‘‘आप’’ नेता आतिशी ने कहा कि सबसे पहले हम कोर्ट को बताएंगे कि जो 5 समन ईडी ने अरविंद केजरीवाल को भेजे थे, वह शत-प्रतिशत गैरकानूनी थे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हर समन के लिए लिखित रूप में कई सवाल भी पूछे, लेकिन ईडी का इनमें से किसी भी मुद्दे पर कोई जवाब नहीं आया और न ही ईडी यह साबित कर पाई कि उसका समन गैरकानूनी नहीं हैं। जैसा कहते हैं कि प्रत्यक्ष ही प्रमाण है। ईडी के इन समन का जवाब न देना, इस बात को दर्शाता है कि उसके पास इन समन को कानूनी साबित करने का कोई आधार नहीं है।
‘‘आप’’ की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि दूसरा, हम राउज एवेन्यू कोर्ट को यह बताएंगे कि कैसे भारतीय जनता पार्टी पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस करती है और कहती है कि अरविंद केजरीवाल जेल जाएंगे, ईडी अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने वाली है और बीजेपी की प्रेस कांफ्रेंस के तुरंत बाद ईडी का समन आ जाता है। जो यह दिखाता है कि समन न लीगल आधार पर भेजा जा रहा है और न ही किसी जांच के लिए भेजा जा रहा है। यह एक राजनीतिक साजिश है, जिसके तहत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी के ऑफिस बुलाकर गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है। वरना ऐसा कैसे हो जाता है कि बीजेपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस होती है और फिर ईडी का समन आ जाता है। बीजेपी के प्रेस कॉन्फ्रेंस व ईडी के समन के बीच जो संबंध है और जो अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने की साजिश है, उसको भी हम कोर्ट के सामने रखेंगे।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि तीसरा, हम कोर्ट के सामने रखेंगे कि जो सवाल हम ईडी से बार-बार पूछ रहे हैं कि पिछले 2 साल से इस तथाकथित शराब घोटाले की जांच चल रही है, फिर ऐसा क्या हो गया कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले समन पर समन भेजे जा रहे हैं। पिछले 2 साल में ईडी को अरविंद केजरीवाल से पूछताछ करने में कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन जैसे ही लोकसभा चुनाव नजदीक आता है, प्रचार का समय आता है, तब अरविंद केजरीवाल को समन पर समन भेजती है। हम कोर्ट के सामने अपनी इस गहरी आशंका को रखेंगे कि यह समन अरविंद केजरीवाल को अरेस्ट करने और उनको प्रचार से रोकने के लिए भेजे जा रहे हैं।
आतिशी ने कहा कि हम कोर्ट के सामने चौथी बात रखेंगे कि किस तरह जब से ईडी समन भेज रही है, उसके साथ ही दिल्ली की चुनी हुई सरकार को गिराने की साजिश भी हो रही है, ऑपरेशन लोटस की शुरुआत हो रही है, कुछ लोग हमारे विधायकों के पास पहुंच रहे हैं, उनको पैसे का ऑफर और टिकट का ऑफर दे रहे हैं और कह रहे हैं कि अब तो ईडी का समन आ गया, अब अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार होंगे और हम सरकार को तोड़ देंगे।
‘‘आप’’ की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि हम कोर्ट में पांचवीं बात रखेंगे कि पिछले 2 दिन से जो घटनाक्रम चल रहा है। हमने ईडी को जो एक्सपोज किया और पूरे देश के सामने इस बात को रखा कि किस तरह से ईडी बयानों के ऑडियो गायब कर रही है। किस तरह से सुप्रीम कोर्ट और राउज एवेन्यू कोर्ट के आदेश के बावजूद पूछताछ की वीडियो से ऑडियो गायब कर दिया गया, किस तरह से गवाह कह रहे हैं कि कोर्ट में पेश किए गए ईडी के लिखित स्टेटमेंट और पूछताछ के दौरान जो बयान दिए थे, उसमे बहुत अंतर है। कोर्ट को भी यह बात मालूम होना चाहिए कि आज ईडी कोई जांच नहीं कर रही है। ईडी किसी सत्य तक पहुंचने की कोशिश नहीं कर रही है। आज भारतीय जनता पार्टी शासित केंद्र सरकार ईडी का प्रयोग करके अरविंद केजरीवाल को कुचलना चाहती है। आज ईडी का इस्तेमाल करके अरविंद केजरीवाल सरकार को बदनाम करने और गिरफ्तार करने की कोशिश हो रही है, अरविंद केजरीवाल को किसी तरह से राजनैतिक तौर पर खत्म करने की कोशिश हो रही है। आतिशी ने कहा कि यह सारा षड्यंत्र हम कोर्ट के सामने रखेंगे, ताकि देश के न्यायालयों को यह मालूम हो सके कि किस तरह से केंद्र सरकार अपनी एजेंसीज खासतौर से ईडी और सीबीआई को अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है।