सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को सिविल लाइंस स्थित दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल में वातानुकूलित इंडोर स्वीमिंग पूल का उद्घाटन किया। यहां ट्रेनिंग लेने वाले खिलाड़ियों को निःशुल्क सभी आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। सीएम ने स्पोर्ट्स स्कूल का दौरा कर वहां उपलब्ध सुविधाओं का जायजा भी लिया। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने में किसी भी चीज की कमी नहीं होने देंगे। दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल में 172 बच्चों को ओलंपिक के 10 खेलों में ट्रेनिंग दी जा रही है। देश ने आप पर विश्वास किया है। इसलिए अब आपको दिन-रात मेहनत करके देश का सपना पूरा करना है। सीएम ने आगे कहा कि ओलंपिक में ज्यादा से ज्यादा मेडल लाने के उद्देश्य से ही हमने दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाई है। मुंडका में 80 एकड़ में बन रही स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में 2500 स्टूडें्स को ओलंपिक के 20 खेलों में ट्रेनिंग दी जाएगी। इस अवसर पर खेल मंत्री आतिशी, दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर कर्णम मल्लेश्वरी समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
वातानुकूलित स्वीमिंग पूल का उद्घाटन कर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पूरा दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल देखकर मुझे बहुत खुशी हुई। स्कूल में बहुत ही शानदार सुविधाएं हैं। कुछ साल पहले हम लोगों ने दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाने के बारे में सोचा था। उस समय हमारे मन में यही था कि भारत 140 करोड़ लोगों का देश है, लेकिन जब ओलंपिक और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा होती है तो मेडल के मामले में हम काफी नीचे आते हैं। हम एक-एक मेडल के लिए तरसते हुए दिखते हैं और सारे मेडल चीन और अमेरिका ले गए। आखिर हमारे देश में किस चीज की कमी है। 140 करोड़ लोगों के देश में प्रतिभा की तो कोई कमी नहीं है। हमारे देश में बहुत प्रतिभा है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैंने ट्रैफिक लाइट के उपर बहुत बार बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाते हुए देखा है। उस समय मेरे आंखों में आसूं आ जाते हैं कि ट्रैफिक लाइट पर करतब दिखा रहे बच्चों की बॉडी बहुत ही लचीली होती है। प्रतिभा गरीबी और पैसे का मोहताज नहीं है। टैलेंट पैसे वालों और गरीब लोगों के पास भी हो सकता है। हमारे गांवों के बच्चों में भी बहुत ज्यादा प्रतिभा छिपी हुई है, लेकिन आजतक उस प्रतिभा को किसी ने सपोर्ट नहीं किया। अगर उस टैलेंट को सपोर्ट कर दिया जाए तो हम दुनिया के किसी भी देश को प्रतियोगिता में हरा सकते हैं। हमने केवल ओलंपिक में अधिक से अधिक मेडल लाने के मकसद से ही स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाई है। दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल में ट्रेनिंग ले रहे सभी खिलाड़ियों को ओलंपिक में अधिक से अधिक मेडल लाने की तैयारी करनी है। यही हमारा मकसद है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी को बनाने के पीछे हमारा बहुत बड़ा विजन है। यह यूनिवर्सिटी मुंडका में करीब 80 एकड़ क्षेत्रफल में बनाई जा रही है। जिसमें 2500 छात्र होंगे। यूनिवर्सिटी को बनने में करीब तीन साल लग सकते हैं। तब तक के लिए दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल बनाया गया है और यहां 10 ओलंपिक स्पोर्ट्स की ट्रेनिंग दी जा रही है। स्कूल का दौरा करने के दौरान मैंने कोच के साथ भी बात की और पाया कि उनके अंदर बहुत आत्मविश्वास देखा। कुछ कोच ने बताया कि 2028 में अवश्य मेडल लाएंगे, जबकि कुछ ने कहा कि 2032 में मेडल लाकर देंगे। इसका मतलब यह है कि अर्जुन की तरह सभी के दिमाग में लक्ष्य बहुत साफ है कि हमें ओलंपिक में मेडल लाना है और उसी विश्वास के साथ काम कर रहे हैं।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वेट लिफ्टिंग के सेक्शन का विजिट करने के दौरान यूनिवर्सिटी की वाइस चेयरमैन कर्णम मल्लेश्वरी ने कहा कि जब वो अपने समय में ट्रेनिंग कर रही थीं तो उस समय उनको ऐसी सुविधाएं नहीं मिली थी। हमारे स्पोर्ट्स स्कूल में सबसे अच्छी सुविधाएं मिल रही हैं, अच्छे कोच और पौष्टिक आहार मिल रहा है। आपके उपर यह पैसा पूरा देश खर्च कर रहा है। यहां मिल रही सारी सुविधाएं बिल्कुल फ्री हैं। देश ने आपके उपर जो विश्वास किया है, उसे पूरा करके आप सभी को दिखाना है। आपको दिन-रात मेहनत करके देश का सपना पूरा करना है। सीएम ने कहा कि दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल में अभी 10 ओलंपिक खेलों की ट्रेनिंग दी जा रही है, लेकिन जब स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनकर तैयार हो जाएगी, तो उसमें 20 ओलंपिक खेलों की ट्रेनिंग दी जाएगी। इस देश की इच्छा है कि इन 20 ओलंपिक खेलों में सारे मेडल भारत को आने चाहिए।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सभी बच्चे बहुत कठिन टेस्ट से गुजरते हुए यहां तक पहुंचे हैं। कई स्तरों पर टेस्ट हुए और फिर प्रतियोगिता हुई। इसके लिए 10 हजार से ज्यादा आवेदन आए थे, उन में से केवल 170 बच्चों को ही चुना गया है। इसका मतलब है कि यहां ट्रेनिंग ले रहे सभी बच्चे बहुत ही प्रतिभावान है। छठवीं सातवीं कक्षा में हमने चुना है और जब तक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलेंगे तब तक हम सपोर्ट करते रहेंगे। इसलिए अब आपको मेहनत करनी है। अब यह आप सबके उपर है कि देश ने जो विश्वास दिखाया है, उसको पूरा करना है। सीएम ने कहा कि हमें स्पोर्ट्स नहीं आता है। इसलिए जो भी जरूरतें हैं, उसके बारे में आप हमें बताएंगे, हम वो सुविधाएं देंगे। हमारा वादा है कि हम किसी भी चीज की कमी नहीं होने देंगे, लेकिन आपको बताना पड़ेगा। हमें यकीन है कि आप सभी एक दिन ओलंपिक में भारत का नाम रौशन करके दिखाएंगे। मुझे खुशी है कि मात्र चार-छह महीने के अंदर स्टेट और नेशनल लेवल पर कई सारे मेडल जीत लिए, जो हम सभी को हौसला देता है कि भविष्य में हम बहुत अच्छा करके दिखाएंगे।
हमारे खिलाड़ियों को सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए, ताकि वो देश के लिए ढेर सारे मेडल लेकर आएं- आतिशी
इस अवसर पर मौजूद खेल मंत्री आतिशी ने कहा कि 2032 के ओलंपिक खेलों के लिए जब भारतीय दस्ता जाएगा, तो हमें दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी और दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल के खिलाड़ी भी वहां देश का प्रतिनिधित्व करते दिखेंगे। उन्होंने कहा कि जिस दिन से हमारी सरकार बनी है, सीएम अरविंद केजरीवाल का स्पोर्टस् को लेकर एक ही लक्ष्य रहा है कि देश के लिए ओलंपिक में मेडल लाना है। पिछले 8-9 सालों में जब भी इस विषय पर बात हुई है तो मुख्यमंत्री ने हमेशा ओलंपिक में मेडल लाने पर जोर दिया है।
खेल मंत्री आतिशी ने आगे कहा कि सरकार का प्रयास रहा है कि जिन खेलों की ट्रेनिंग यहां दी जा रही है, उससे संबंधित सभी सुविधाएं खिलाड़ियों को उपलब्ध हों। हमने उन 10 आलंपिक खेलों की सूची बनाई थी, जिसके लिए हम अच्छी सुविधाएं दे सकते हैं। हमने दिल्ली या दिल्ली से बाहर खेलने के लिए जाने, डाइट, न्यूट्रिशियन समेत अन्य सभी जरूरतों को पूरा किया है। अगर इससे आगे जाने के लिए भी आपको कोई जरूरत होगी, हम उसे पूरा करेंगे।
खेल मंत्री ने स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर कर्णम मल्लेश्वरी को बधाई देते हुए कहा कि उनका खेल वेट लिफ्टिंग है। जब उन्होंने उन बच्चों की ट्रेनिंग देखी, तो उनके आंखों में आंसू थे क्योंकि जब वो वेट लिफ्टिंग की ट्रेनिंग करती थीं तब उनको ऐसी सुविधाएं नहीं मिलती थी। हम चाहते हैं कि हमारे खिलाड़ियों को सारी सुविधाएं मिलनी चाहिए, ताकि वो देश के लिए ढेर सारे मेडल लेकर आएं।
खिलाड़ियों ने पूछे सवाल, सीएम केजरीवाल ने दिए जवाब
वातानुकूलित स्वीमिंग पूल के उद्घाटन के दौरान दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल में ट्रेनिंग ले रहे खिलाड़ियों ने अपनी खेल यात्रा और यहां तक के सफर के बारे में अपने अनुभवों को सीएम अरविंद केजरीवाल से साझा किया। साथ ही उन्होंने सीएम से कई प्रश्न भी पूछे, जिनका उन्होंने बेबाकी से जवाब दिए। एक छात्रा ने स्पोर्ट्स स्कूल के आइडिया के बारे में पूछा। इस पर सीएम ने कहा कि अगर कोई बच्चा खेलना चाहता है तो उसे बुरा माना जाता है। मां बाप को लगता है कि उनका बच्चा खेलेगा तो उसे डिग्री नहीं मिलेगी और फिर नौकरी नहीं मिलेगी। इसलिए हमने तय किया कि अगर कोई बच्चा खेल में फर्स्ट क्लास हैं, तो उसे स्पोर्ट्स में बीए की डिग्री मिलनी चाहिए। यहां से मिलने वाली डिग्री बीए, बीएससी या बीकॉम की उिग्री से कम नहीं होगी। इसलिए हम स्पोर्ट्स को एजुकेशन की डिग्री के बराबर लाना चाहते थे, ताकि जो बच्चे खेलना चाहते हैं वो खेलें, जो साइंस-कॉमर्स पढ़ना चाहते हैं वो साइंस-कॉमर्स पढ़ें।
बच्चों ने शानदार ट्रेनिंग सुविधाएं देने के लिए सीएम का किया धन्यवाद
इस दौरान छात्रा जीवन ज्योति ने बताया कि वो राजस्थान के चुरू स्थित एक छोटे गांव से है। उसके टीचर ने उसे खेलने के लिए प्रेरित किया और उसने राज्य स्तर पर दो मेडल जीते। छात्रा ने बताया कि उसके टीचर ने उसे बताया कि दिल्ली में सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक स्पोर्ट्स स्कूल खोला है। उसने बताया कि उसने टीचर ने ही फॉर्म भरा और चयन हो गया। ज्योति ने कहा कि स्पोर्ट्स स्कूल में बहुत शानदार सुविधाएं मिल रही हैं। इसके लिए मैं सीएम अरविंद केजरीवाल का धन्यवाद करना चाहती हूं कि आपने यह स्कूल खोला और हमें यहां ट्रेनिंग लेने का अवसर मिल रहा है।
इसी तरह, राजस्थान के जयपुर से आए बॉक्सिंग के छात्र टिकम सिंह ने बताया कि वो 9वीं में पढ़ता है। वह घर के पास एक बॉक्सिंग अकैडमी में ट्रेनिंग करता था लेकिन वहां अच्छी सुविधाएं नहीं थी। जब उसे दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल के बारे में पता चला तो उसने यहां आवेदन किया और चयन हो गया। यहां पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग दी जा रही है। यहां डाइट का भी ध्यान रखा जाता है। पढ़ाई और खेल साथ-साथ चल रहा है। इससे पढ़ाई का भी नुकसान नहीं हो रहा है।
ओलंपिक के लिए खिलड़ियों को तैयार करना है स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का मकसद
दिल्ली सरकार से मान्यता प्राप्त दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी को 2020 में स्थापित किया गया था। इस यूनिवर्सिटी का मुख्य उद्देश्य खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने का साथ-साथ ओलंपिक में विशेष प्रतिभा वाले युवाओं को बढ़ावा देना है। भारत की पहली महिला ओलंपिक पदक विजेजा कर्णम मल्लेश्वरी यूनिवर्सिटी की पहली वाइस चांसलर हैं। स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का मुख्य कैंपस मुंडका के घेवरा में करीब 80 एकड़ में बनाया जा रहा है। अगले तीन साल में कैंपस बनकर तैयार हो जाएगा। कई तरह की आधुनिक सुविधाओं से लैस कैंपस में करीब 2500 छात्रों व कर्मचारियों के रहने की क्षमता है।
दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल के बारे में
दिल्ली में शाम नाथ मार्ग पर बने आवासीय दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल कम उम्र से ही बच्चों के टैलेंट को पहचानने और उन्हें उच्च शिक्षा तक ले जाने के लिए एक इनक्यूबेटर के रूप में तैयार किया गया है। यह स्कूल स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस स्कूलों में से एक है, जो छठीं से 12वीं तक की शिक्षा देता है। ये दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (डीबीएसई) से जुड़ा हुआ है और एक खेल-केंद्रित पाठ्यक्रम के जरिए बच्चों को शिक्षित करता है। बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए चयनित बच्चों को रहने के लिए आवास, पौष्टिक आहार, स्पोर्ट्स ट्रेनिंग और अकैडमी से जुड़ी सभी जरूरी सुविधाएं पूरी तरह से मुफ्त दी जाती हैं। साथ ही यहां दो पेशेवर एजेंसियां प्रतिभाशाली खिलाड़ियों और ट्रनर्स को ट्रेनिंग में मदद करती हैं।
शैक्षणिक सत्र 2023-24 में 6वीं से 9वीं में प्रवेश के लिए देश भर से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे और करीब 15 हजार आवेदन मिले। सात राज्यों में टैलेंट स्काउटिंग कैंप का आयोजन किया गया जिसमें से 200 छात्रों को शॉर्टलिस्ट किया गया। वर्तमान में दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल में 10 ओलंपिक खेलों में 172 छात्रों का दाखिला हुआ है।
इन अकेडमी खिलाड़ी ले रहे ट्रेनिंग
ओलंपिक खेलों के लिए तैयार किए जा रहे खिलाड़ियों को दिल्ली में स्थित विभिन्न अकादमी में ट्रेनिंग दी जा रही है। जिसमें अशोक विहार ब्लॉक 2 स्थित एसकेवी प्लेग्राउंड/दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल में तीरंदाजी में 19 छात्र ट्रेनिंग ले रहे हैं। इसी तरह, त्यागराज स्टेडियम, आईएनए में एथलेटिक्स में 26, आईजीआई स्टेडियम, आईटीओ में बॉस्किंग के लिए 19, लुडलो कैसल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बैडमिंटन के लिए 19, त्यागराज स्टेडियम, आईएनए में लॉन टेनिस के लिए 19, एसपीएम इनडोर स्वीमिंग पूल के कॉम्प्लेक्स में नए स्विमिंग पूल के उद्घाटन के बाद यहां स्वीमिंग के 16 छात्र ट्रेनिंग लेंगे। इसके अलावा, सोल एंड शॉट शूटिंग क्लब, पंजाबी बाग में शूटिंग के लिए 18, दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल में टेबल टेनिस के लिए 18, दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल में वेट लिफ्टिंग के लिए 19, छत्रसाल स्टेडियम, चंदगीराम अखाड़ा में कुश्ती के लिए 17 छात्रों को ट्रेनिंग दी जा रही है।
शुरुआती सफलता
पहले साल में ही 70 छात्रों ने राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट में हिस्सा लिया और 19 पदक हासिल किए। जबकि ट्रेनी छात्रों ने राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में 88 से अधिक पदक जीते हैं।