आम आदमी पार्टी ने पराली और MSP को लेकर एक बार फिर से केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। पंजाब से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री डॉ संदीप पाठक ने कहा कि जब भी पराली जलाने की बात आती है तो केंद्र सरकार किसानों को जिम्मेदार ठहरा देती है। हर बार केंद्र सरकार प्रदूषण का ठीकरा किसानों के सर फोड़ देती है। आज प्रदूषण किसी एक राज्य का मुद्दा नहीं है, यह एक राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है। मेरा मानना है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को मिलकर इस पर काम करना पड़ेगा। केंद्र सरकार को प्रदूषण से निपटने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए अहम कदम उठाने पड़ेंगे। बीजेपी आरोप लगाती आई है कि पंजाब में पराली जलाने की वजह से प्रदूषण बढ़ रहा है। मैं बीजेपी से कहना चाहता हूं कि किसानों को पराली जलाने का कोई शौक नहीं है। किसानों को पराली जलाने से रोकना है तो उनको मुआवजा देना बेहद जरूरी है।
डॉ संदीप पाठक ने आगे कहा कि कल मैंने संसद में पराली और MSP का मुद्दा उठाया था लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। हमने केंद्र सरकार को सुझाव दिया है कि पराली की समस्या से निपटने के लिए पंजाब की भगवंत मान सरकार किसानों को 1000 रूपए प्रति एकड़ का मुआवजा देने के लिए तैयार है। हमने केंद्र सरकार से मांग की है कि अगर वह भी 1500 रूपए प्रति एकड़ का मुआवजा दे देती है तो यह राशि 2500 रूपए प्रति एकड़ हो जाएगी। मुआवजा मिलने पर किसान पराली नहीं जलाएंगे जिससे प्रदूषण में कमी आएगी। केंद्र सरकार बताए कि उन्होंने प्रदूषण से निपटने के लिए अभी तक कितनी मीटिंग की हैं? केंद्र सरकार की तरफ से क्या-क्या फैसले लिए गए हैं? पराली का मुद्दा बहुत लंबे से चला रहा है। इस मुद्दे को खत्म करने के लिए व्यवस्थागत और आधारभूत फैसले लेने पड़ेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि पराली जलाने से रोकने के लिए फसल डायवर्सिफिकेशन एक बेहतर उपाय है। जो धान और अन्य फसलों की MSP के बीच का अंतर है उसको खत्म किया जाना चाहिए। पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार को सुझाव दिया है कि धान की फसल और अन्य फसलों की MSP के बीच जो अंतर है उसको हम खत्म करने के लिए तैयार हैं। अगर किसानों को सभी फसलों की एक समान MSP मिलेगी तो वह अन्य फसलों की तरफ भी रुख करेंगे जिससे पराली का मुद्दा भी हल हो जाएगा। जब भी हम केंद्र सरकार से सवाल पूछते हैं तो उनकी तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता। वह बातों को गोल-गोल घुमा देते हैं। दरअसल भाजपा सरकार किसानों को कोई फायदा पहुंचाना नहीं चाहती। केंद्र सरकार किसान विरोधी सरकार है, यह सरकार किसानों से नफरत करती है। केंद्र सरकार को किसानों से कोई लगाव नहीं है।
वहीं, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने पर डॉक्टर संदीप पाठक ने कहा कि मैं एथिक्स कमिटी पर कोई प्रश्न चिन्ह नहीं लगा रहा हूं लेकिन जिस तरीके से यह पूरी प्रक्रिया चली है उसपर किसी को भी कॉन्फिडेंस नहीं आ रहा है। महुआ मोइत्रा संसद में लगातार केंद्र सरकार से सवाल पूछती आई हैं, वह जनहित मुद्दों को संसद में उठाती रही हैं। सरकार ने बदले की भावना के चलते उनकी सदस्यता रद्द की है। अगर किसी व्यक्ति पर कोई आरोप लगता है तो उसको सफाई देने का मौक़ा दिया जाता है। पहले दिन से ही यह स्पष्ट दिख रहा था कि उनको सस्पेंड करने के लिए ही यह सब कुछ किया जा रहा है। मेरा मानना है कि भाजपा को व्यवस्थाओं को खत्म करने की राजनीति नहीं करनी चाहिए। व्यवस्थाएं बनाने में सदियां लग जाती हैं।
डॉक्टर संदीप पाठक ने आगे कहा कि जिस तरह संजय सिंह को षड्यंत्र करके गिरफ्तार किया गया क्योंकि वह मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाते हैं, उसी तरह सुनियोजित तरीके से महुआ मोइत्रा की सदस्यता रद्द की गई है। हम महुआ मोइत्रा के साथ हैं। महुआ मोइत्रा को सस्पेंड करने के फैसले पर किसी को भी कॉन्फिडेंस नहीं आ रहा है। पूरा प्रोसेस यह दिखाता है कि बदले की भावना के चलते यह सब किया जा रहा है। आज जो भी संसद में केंद्र सरकार से सवाल करता है उसको सस्पेंड कर दिया जाता है। इससे पहले केंद सरकार ने संजय सिंह जी को निलंबित कर दिया था। उसके बाद राघव चड्ढा जी को सदन से निलंबन कर दिया। राघव चड्ढा जी को अपना सस्पेंशन रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा था उसके बाद उनका सस्पेंशन वापस लिया गया।