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आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता रीना गुप्ता दुबई में चल रहे कॉप-28 में दिल्ली का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। इस आयोजन में दुनिया के प्रमुख शहरों के 100 से अधिक मेयर और नेता भाग ले रहे हैं, जो जलवायु संकट का सामना करने के लिए एकजुट हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पर्यावरण की चुनौतियों का सामना कर रही है। रीना गुप्ता ने इस जलवायु संकट से निपटने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताया।

जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने और सामाजिक समानता को बढ़ावा देने की सोच के साथ केजरीवाल सरकार ने महिलाओं द्वारा पब्लिक ट्रांसपोर्ट के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए अक्टूबर 2019 में ‘‘पिंक पास’’ की शुरुआत की। इन बसों ने अब 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया। दिल्ली की सभी बसें ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस), क्लोज सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) कैमरे, पैनिक बटन के साथ-साथ बस मार्शल से लैस हैं। इससे महिलाओं के वर्कफोर्स में शामिल होने के अवसर भी बढ़ते हैं। इससे पता चलता है कि महिलाओं को सशक्त बनाने में मुफ्त यात्रा एक मजबूत जरिया हो सकता है। साथ ही यात्रियों की बढ़ती संख्या सकारात्मक प्रभाव का सबूत है और यह लंबे समय तक पर्यावरण में स्थिरता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेगी। यह राष्ट्रीय राजधानी के अच्छे भविष्य को आकार देने में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल देती है।

दिल्ली सरकार की ‘‘झीलों का शहर’’ प्रोजेक्ट हमारी ब्लू इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करने की प्रतिबद्धता और सतत शहरी विकास का एक अच्छा उदाहरण है। इससे दिल्ली का लैंडस्केप बदल रहा है, जल स्तर बढ़ा रहा है और पक्षी भी वापस आ रहे हैं। इस प्रोजेक्ट ने बीते 5 सालों में दिल्ली को 14 नई झीलें और 35 वाटर बॉडी दिया है। इस पहल का उद्देश्य शहर में वाटर बॉडीज़ को फिर से उपर उठाना, उनकी प्राकृतिक सुंदरता को संरक्षित करना और जैव विविधता को बढ़ावा देना है। इन वाटर बॉडीज़ के इकोसिस्टम में सुधार करके यह प्रोजेक्ट एक स्थायी जीवन शैली को बढ़ावा देता है जो पर्यावरण और समाज दोनों के लिए फायदेमंद है। इससे पर्यावरण टूरिज्म के लिए अवसर पैदा होते हैं। जलवायु परिवर्तन के समय में यह झीलें और वाटर बॉडीज़ भी गर्मियों में सहनशीलता को बढ़ा सकते हैं और गर्मी से होने वाली बीमारियों और मौत के खतरे को कम कर सकते हैं।

इसके अलावा, भारत के बदलते जलवायु की वजह से बड़ी संख्या में पलायन और शहरों के लिए चुनौतियाँ पैदा करती हैं जिससे दिल्ली में तेजी से शहरीकरण होता है और अवैध निर्माण की समस्या उभरती है। दिल्ली सरकार सभी को मुफ्त में पानी उपलब्ध कराने को प्राथमिकता दे रही है। रीना गुप्ता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की फ्री वॉटर पॉलिसी की सफलता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस पहल से सभी दिल्लीवासियों को 20 किलोलीटर मुफ्त पानी मिलता है, जबकि इससे ज्यादा खर्च करने पर लोगों को पूरा बिल चुकाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल आर्थिक रूप से वंचित लोगों को मुफ्त पानी मिलता है, बल्कि यह अधिक आबादी के बीच जल संरक्षण को भी प्रोत्साहित करता है।

वहीं, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार ने सभी सरकारी बिल्डिंग्स में बारिश के पानी के लिए हारवेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य कर दिया है। इसके अलावा झीलों को फिर से जीवित करने और भूजल स्तर बढ़ाने की कोशिशें की जा रही हैं। 600 मिलियन लीटर सीवेज पानी का ट्रीटमेंट एक बेहतर वॉटर मेनेजमेंट का प्रमाण है। वाटर एटीएम जैसे इनीसिएटिव घरों में रोजाना 20 लीटर साफ पानी उपलब्ध कराते हैं। इनका उद्देश्य उन महिलाओं की परेशानियों को कम करना है, जिन्हें पानी के लिए लंबी लाइनों में लगना पड़ता है।

प्लास्टिक वेस्ट को सोर्स पृथक्करण के जरिए बेहतर तरीके से हैंडल किया गया है। फरवरी 2023 तक सभी 250 वार्डों में 50 प्रतिशत टारगेट प्राप्त किया गया है, जो दिल्ली सरकार के सामूहिक प्रयासों की वजह से संभव हो सका है। रीना गुप्ता ने यह भी बताया कि, 27 फीसद के प्रसंस्करण कैपीसिटी के अंतर को कम करने के लिए दिल्ली ने मौजूदा सुविधाओं का लाभ उठाया और लैंडफिल साइटों से कूड़ा हटाना शुरू किया है। जैविक कचरे को खाद में, जलनशील कचरे को आरडीएफ में और निष्क्रिय कचरे को सड़क निर्माण के लिए तैयार किया जाता है। इसके अलावा, पुराने कचरे से निपटने के लिए जून 2023 तक 30.77 फीसद कचरे की बायो-माइनिंग की गई है, जिससे पर्यावरणीय प्रभाव काफी हद तक कम हो गया है। एक बार इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध नॉन बायोडिग्रेडेबल सामानों के उत्पादन को कम करने के लिए दिल्ली की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हमारी नई पायलट वार्ड पर्यावरण योजना लोगों की भागीदारी पर बाल देती है, जिसमें जागरूकता बढ़ाने के लिए एनजीओ, सफाई संघों और सामुदायिक समूहों को शामिल किया गया है।

केजरीवाल सरकार ने प्रदूषण पैदा वाले पावर प्लांट्स को बंद कर दिया है और ग्रीम एरिया बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए “3i मॉडल” समावेशन, प्रोत्साहन और नवाचार पर ध्यान दिया है। जिसमें हितधारकों ने राउंड टेबल चर्चाओं में भाग लिया। इसके बाद प्रोत्साहन में 169 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी और 1.2 लाख रुपए के ईवी के लिए 120 करोड़ रुपये के टैक्स में छूट शामिल है। नवीन पहलों ने कम लागत वाली ईवी टैरिफ, ई-साइकिल के लिए प्रोत्साहन वन दिल्ली ऐप और 100 साइटों के लिए 2021 डीटीएल टेंडर की शुरुआत की, जिसका शुल्क तीन रुपये से भी कम है। यह सभी तरीकें ग्रीन नंबर प्लेट वाली गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए हैं। दिल्ली सरकार एक मजबूत चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर नेटवर्क बनाने पर काम कर रही है। शहर भर में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के मालिकों के लिए सुविधाजनक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए 2025 तक 18 हजार चार्जिंग पॉइंट बनाया जाएगा। जिसके लिए तीन साल का वर्किंग प्लान तैयार किया गया है। आने वाले दिनों में ज्यादा लोगों को बिजली से चलने वाली गाड़ियों को अपनाने के लिए शिक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए स्विच दिल्ली कैंपेन सहित कंज्यूमर अवेयरनेस कैंपेन किए जाएंगे।

रीना गुप्ता ने कहा कि वैश्विक सहयोग से जलवायु परिवर्तन पर तत्काल रूप से कार्रवाई हो सकती है। कोई भी राष्ट्र अकेले इस चुनौती से नहीं निपट सकता है। हमें एकजुट होना चाहिए और आपस में जानकारियां साझा करके लंबे समय तक टिकने वाली नीतियों को लागू करना चाहिए। हम साथ मिलकर एडवांस टैक्नोलॉजी को आगे बढ़ा सकते हैं और कमजोर इलाकों की मदद कर सकते हैं। उत्सर्जन को कम करना और अपने प्लैनेट की रक्षा करना हम सबकी सामूहिक प्रतिबद्धता है। दुनिया भर के देशों को भी अच्छे शासन के लिए केजरीवाल सरकार की बेहतर नीतियों को अपनाना चाहिए।

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