चयन समिति में प्रस्तावित सदस्यों के गलत हस्ताक्षर का आरोप लगा रही भाजपा को आम आदमी पार्टी ने आडे हाथ लिया। ‘‘आप’’ के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने सभी आरोपों को निराधार बताया और भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि वो कागज दिखाए, जिस पर गलत हस्ताक्षर हुए। उन्होंने रूल बुक का हवाला देते हुए कहा कि चयन समिति में प्रस्तावित सदस्यों के हस्ताक्षर की कोई जरूरत ही नहीं है और किसी के हस्ताक्षर भी नहीं लिए गए। ऐसे में गलत हस्ताक्षर की बात कहां से आ गई? भाजपा मेरी छवि खराब करने के लिए मेरे खिलाफ निराधार दुष्प्रचार कर रही है। संसद में एक 34 साल के युवा सांसद ने इनके बड़े नेताओं को ललकारा, इसलिए ये मेरी सदस्यता छीनकर संसद से बाहर करना चाहते हैं। श्री चड्ढा ने कहा कि संसदीय बुलेटिन में भी कहीं जाली/जालसाजी/चिन्ह/हस्ताक्षर शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है। अटल बिहारी वाजपेयी, मोरारजी देसाई और मनमोहन सिंह समेत देश के कई बड़े नेताओं के खिलाफ विशेषाधिकार समिति ने कार्रवाई शुरू की। अब इसमें मेरा भी नाम आया है। मैं गर्व से समिति के सामने अपनी बात रखूंगा।
इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर कानूनी स्थिति को स्पष्ट किया। इस दौरान राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, राघव चड्ढा समेत ‘‘आप’’ के सभी सांसद मौजूद रहे। आम आदमी पार्टी का राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा कि पूरे देश ने देखा कि कैसे मोदी जी की तानाशाह सरकार ने दिल्ली सरकार का गला घोंटने के लिए असंवैधानिक बिल पास किया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का इतने से मन नहीं भरा है। अब मोदी सरकार ने एक नई परंपरा शुरू की है कि जो भी उसके खिलाफ बोलेगा, उसकी सदस्यता खत्म कर देगी, उसको निलंबित कर देगी या एफआईआर कर देगी। मोदी सरकार को लोकतंत्र का ड्रामा करने के बजाय देश में तानाशाही शासन की घोषणा कर देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी अफवाह कंपनी भाजपा के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में झूठ बोला कि गलत हस्ताक्षर हो गया। अमित शाह जी देश के दूसरे नंबर के मंत्री है। उनको सदन की कार्रवाई के बारे में समान्य ज्ञान की जानकारी होनी चाहिए। चयन समिति में किसी भी सदस्य द्वारा किसी भी सदस्य का नाम प्रस्तावित किया जा सकता है और उसके हस्ताक्षर की जरूरत नहीं होती है। दअरसल, मोदी सरकार का एकमात्र मकसद राहुल गांधी की तरह राघव चड्ढा की भी सदस्यता खत्म करनी है। लेकिन हम लड़ना और जीतना जानते हैं। अगर गलत हथकंडे अपनाकर राघव चड्ढा की सदस्यता खत्म की गई तो वो दोबारा भी चुन कर आ जाएंगे। लेकिन अमित शाह जी को झूठ और अफवाह नहीं फैलानी चाहिए।
सांसद राघव चड्ढा ने पूरे मामले की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि भाजपा का मूलमंत्र है कि एक झूठ को हजार बार बोलो ताकि वो सच्चाई में तब्दील हो जाए। इस मंत्र के तहत भाजपा ने मेरे खिलाफ दुष्प्रचार शुरू किया गया है। अमूमन ये देखा जाता है कि जब भी किसी सदस्य के खिलाफ विशेषाधिकार समिति कोई कार्रवाई शुरू करती है तो वो सदस्य उस पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं देता है। लेकिन मुझे मजबूरन भाजपा के झूठ का पर्दाफाश करने के लिए देश के सामने…