दिल्ली में वेक्टर जनित बीमारियों (डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया) से बचाव व रोकथाम को लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इस दौरान डेंगू को लेकर हेल्पलाइन 1031 जारी करने के साथ ही कई अहम निर्णय लिए गए। सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि डेंगू की तैयारियों को लेकर आज एक सार्थक बैठक हुई। हम दिल्ली के लोगों को आश्वस्त करते हैं कि डेंगू से निपटने के लिए अस्पताल और चिकित्सा सुविधाएं पूरी तरह से तैयार हैं। सीएम ने दिल्लीवालों से अपील करते हुए कहा कि हम सब मिलकर खुद को और अपने प्रियजनों की रक्षा कर सकते हैं। आइए, मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए ठोस उपाय करें। दिल्ली सचिवालय में हुई बैठक में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और एमसीडी की मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय के साथ स्वास्थ्य विभाग, एमसीडी, एनडीएमसी, दिल्ली कैंट, दिल्ली जल बोर्ड, सिंचाई विभाग समेत अन्य विभागों के अफसर मौजूद थे।
उधर, स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने प्रेसवार्ता कर सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा डेंगू से निपटने की तैयारियां को लेकर की गई समीक्षा बैठक में लिए गए निर्णयों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंनंे कहा कि बैठक में स्वास्थ्य विभाग, एमसीडी, एनडीएमसी, दिल्ली कैंट, दिल्ली जल बोर्ड, सिंचाई विभाग समेत अन्य विभागों के अफसर मौजूद थे। दिल्ली में बारिश अक्सर जुलाई के महीने में शुरू होती थी। लेकिन इस बार अप्रैल, मई और जून में भी बारिश हुई है। जुलाई में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है। जुलाई में दिल्ली के साथ उत्तर भारत के लगभग सभी राज्यों में रिकॉर्ड बारिश हुई है। इस वजह से मच्छर जनित बीमारियों का ट्रेंड ज्यादा दिख रहा है। अगस्त-सितंबर महीने में डेंगू, मलेरिया और चिगनगुनिया के मामले बढ़ने के ट्रेंड दिखाई देते थे, जो इस बार जुलाई महीने में देखने को मिल रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि दिल्ली में मच्छर जनित बीमारियों के बढ़ते मामले को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी विभागों की उच्च स्तरीय बैठक की और सभी विभागों से विस्तृत जानकारी ली। साथ ही सभी विभागों को अपने स्तर पर कुछ कार्य करने के टारगेट दिए। इस दौरान मुख्यतः डेंगू पर विस्तृत चर्चा हुई। डेंगू से बचाव उसके बारे में जागरूकता से ही किया जा सकता है। डेंगू से बचाव के लिए लोग खुद को मच्छरों से बचाएं। मच्छरों से खुद का बचाव करके हम डेंगू की रोकथाम कर सकते हैं। खासतौर पर डेंगू का मच्छर दिन में काटता है और साफ पानी के अंदर यह मच्छर पैदा होता है। अगर घर की छतों, घर के अंदर फूलदान, बर्तनों, फ्रीज के ट्रे, निर्माण साइट, खाली बिल्डिंग में पानी इकट्ठा हो या एससी से गिरने वाला पानी घर में कहीं इकट्ठा हो रहा है तो इसमें डेंगू का मच्छर पैदा होता है।
स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस बार हमने दिल्ली में मच्छर जनित बीमारियों के चल रहे ट्रेंड की जिनोम सिक्वेंसिंग कराई है। इसमें पाया गया है कि 20 सैंपल में से 19 सैंपल टाइप टू डेंगू के हैं। टाइप टू डेंगू में खतरा ज्यादा रहता है। चूंकि ज्यादातर केस टाइप टू के निकले हैं, इसलिए ये कहा जा सकता है कि दिल्ली में दो स्टेन नहीं है, बल्कि एक ही स्टेन है, जो फैला हुआ है। जिसकी वजह से बीमारी बहुत ज्यादा गंभीर नहीं होती है। फिर भी हमें इसे लेकर सर्तकता बरतने में कोई कमी नहीं करनी है। खासतौर पर स्कूली बच्चों में एतिहात बरतने के लिए कहा गया है। हमने शिक्षा विभाग को जुलाई के पहले सप्ताह में निर्देश दिए थे कि सभी सरकारी, एमसीडी या प्राइवेट स्कूलों को निर्देश दिए जाएं कि बच्चे पूरी आस्तीन की कमीज पहन कर आएंगे। बच्चे फूल टी-शर्ट और फूल पैंट पहनें। अगर लड़कियां स्कर्ट पहन रही हैं, तो उसके नीचे स्लैक्स पहनें। अगर स्कूल ड्रेस में स्लैक्स की अनुमति न हो तो भी स्कूल उसकी अनुमति दे। अगर किसी बच्चे के पास ड्रेस की फूल आस्तीन की कमीज नहीं है तो उसको घर की फूल आस्तीन की कमीज और ट्राउजर पहन कर आने की अनुमति दी जाए।
स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा दिए गए आदेश का पूरी तरह से पालन होते नहीं देखा जा रहा है। बहुत सारे बच्चे हाफ शर्ट पहन कर स्कूल जा रहे हैं। इसका मतलब ये है कि अभी तक स्कूलों से यह निर्देश सख्ती से पालन नहीं कराया जा रहा है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने शिक्षा निदेशक को आदेश का सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया है, ताकि सभी बच्चे फूल शर्ट-पैंट में ही स्कूल आएं। उन्होंने बताया कि सभी स्कूली बच्चों को डेंगू पर होम वर्क दिया जाएगा। बच्चों को डेंगू की रिपोर्ट कार्ड दी जाएगी और कहा जाएगा कि बच्चे अपने घर में एक सप्ताह तक नियमित चेक करें कि कहीं पानी जमा तो नहीं हो रहा है। उस रिपोर्ट कार्ड को भर कर अगले सप्ताह स्कूल में जमा करेंगे। इसके बाद बच्चों द्वारा जमा की गई रिपोर्ट के आधार पर स्कूल के शिक्षक उसके घर जाकर जांच करेंगे। इसके बाद बच्चों को अगले सप्ताह फिर रिपोर्ट कार्ड दिया जाएगा और घर में जमा पानी चेक करने के लिए कहा जाएगा। यह रिपोर्ट कार्ड दिल्ली सरकार, एमसीडी और प्राइवेट स्कूलों के सभी बच्चों को देना अनिवार्य किया गया है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को इसे सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया है।
स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने स्वास्थ्य विभाग को भी कई महत्वपूर्ण आदेश दिए हैं। सीएम ने सभी अस्पतालों को डेंगू मरीजों के लिए अलग से बेड्स रिजर्व करने का आदेश दिया है। अस्पतालों, डिस्पेंसरी, मोहल्ला क्लीनिक में डेंगू की दवाई उपलब्ध होनी चाहिए। सभी केमिस्ट और अस्पतालों को एडवाइजरी दी गई है कि बुखार में एस्प्रिन, डिस्प्रिन और इबोप्रोफेन जैसी दवाइयां न दी जाएं, क्योंकि इससे खून पतला होता है और इससे डेंगू और अधिक नुकसान पहुंचाता है। बुखार आने पर खुद से लोग दवाई न लें। अगर बुखार है तो डॉक्टर की सलाह से ही दवाई लें और पैरासेटामाल ही लें। खुद से अपना उपचार न करें, यह हानिकारक हो सकता है। अस्पतालों को जीरो टालरेंस जोन घोषित किया गया है, ताकि वहां पर किसी प्रकार से मच्छर न पनप पाएं।
स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अलग-अलग विभागों को अलग-अलग काम तरह के करने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया गया है कि वो प्रतिदिन डेंगू डेंगू पॉजिटिव पाए जाने वाले मरीजों की जानकारी मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचाए। ताकि लोग जागरूक हों और सावधानी बरतें। एमसीडी को यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि एक-एक घर में जाकर जांच करें कि वहां मच्छर पनप तो नहीं रहे हैं। अगर कहीं पर मच्छर पनप रहे हैं तो उसका चालान करें। सरकार ने चालान का शुल्क भी बढ़ा दिया गया है। अगर किसी के घर में मच्छर पनपते हुए पाए गए तो एक हजार रुपए का चालान किया जाएगा। अगर किसी कमर्शियल स्थान पर मच्छर पाए जाते हैं तो उस पर 5 हजार रुपए का चालान किया जाएगा।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कोरोना के समय में दिल्ली सरकार ने 1031 हेल्प लाइन नंबर जारी किया था। इस हेल्पलाइन नंबर को बदल कर अब डेंगू/कोरोना कर दिया गया है। अगर किसी को बुखार है तो वो इस हेल्पलाइन पर फोन कर डॉक्टर से बात कर सकता है और अन्य जानकारियां ले सकता है। जल्द ही एक कंट्रोल रूम भी चालू हो जाएगा, जो 24 घंटे खुला रहेगा। बुखार की पर्याप्त दवाइयां उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। सरकार दिल्ली में काम कर रही तीन हजार आशा वर्कर्स की भी मदद लेगी। आशा वर्कर्स को अपने इलाके में मच्छर जनित बीमारियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी जाएगी। मेट्रो स्टेशनों पर मच्छर जनित बीमारियों से बचाव व रोकथाम को लेकर सूचना प्रसारित की जा रही है, ताकि मेट्रो से सफर करने वाले लोग जागरूक हो सकें। पुलिस के पास पब्लिक एड्रेस सिस्टम होता है। इसलिए हमने दिल्ली पुलिस से मार्केट के अंदर डेंगू के प्रति जागरूक करने के लिए घोषणा करने का अनुरोध किया है। पिछले साल पुलिस के मालखानों में 20-25 फीसद तक मच्छरों का प्रजनन पाया गया था। पुलिस को पत्र लिखा जा रहा है कि वो मालखानों में चेक करें कि कहीं मच्छर पनप तो नहीं रहे हैं। सभी विभागों को भी निर्देश दिया गया है कि विभाग के अंदर किसी भी तरह मच्छरों का प्रजनन न हो। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डेंगू की रोकथाम को लेकर कई फैसले लिए हैं। जिन्हें अमलीजामा पहचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार बैठक करेगा। मीडिया से भी जागरूक करने की अपील है।