दिल्ली की झुग्गियों में रहने वाले गरीब लोगों को आवंटित फ्लैट में हो रही धांधली पर आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। गुरुवार को “आप” विधायक राजेश गुप्ता ने कहा कि ‘जहां झुग्गी-वहीं मकान’ के तहत आवंटित फ्लैट्स में धांधली कर केंद्र सरकार झुग्गियों में रह रहे गरीब लोगों को दिल्ली से भगा रही है। केंद्र की एजेंसी डीडीए ने इस योजना के तहत वजीरपुर विधानसभा क्षेत्र में कुछ फ्लैट्स बनाए हैं। जिनके आवंटियों को 1,76,400 रुपए जमा करने को कहा गया है, जबकि गरीबी के चलाते ये लोग इतना पैसा नहीं जमा कर सकते। डीडीए द्वारा लोन दिलाने का इंतजाम भी नहीं किया गया है। अब इसका फायदा उठाते हुए कुछ प्राइवेट कंपनियां 12 फीसद ब्याज पर होम लोन दे रही हैं। वहीं, जिन लोगों के पास पैसे का इंतजाम नहीं है, उनको डीलर्स बहला फुसला मात्र दो लाख रुपए उनके फ्लैट्स को खरीद रहे हैं।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक राजेश गुप्ता ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार दिल्ली से गरीबों को भगाना चाहती है। केंद्र सरकार ने होर्डिंग्स और विज्ञापनों में कहा था कि जहां झुग्गी, वही मकान मोदी जी दे रहे हैं, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। वजीरपुर विधानसभा क्षेत्र में डीडीए ने कुछ फ्लैट्स बनाएं है। उस फ्लैट्स में योग्य लोगों को धांधली करके अयोग्य करार दिया जा रहा है। इसको लेकर एलजी बीके सक्सेना और डीडीए को लगातार चिट्ठी लिखी गई, लेकिन उसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं आया और ना ही किसी ने इस पर बात करने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि 20 सालों से उन झुग्गियों में रह रहे पात्र लोग आज भी धक्के खा रहे है। फ्लैट्स बनने से पहले ही वहां रहने वाली माताएं-बहने जिस शौचालय में जाती थी, लेकिन उसे भी बाग बनाने के नाम पर तोड़ दिया गया। जिसका उद्घाटन एलजी ने खुद किया था। वहीं जिन लोगों को फ्लैट्स का एलॉटमेंट हुआ, उनको केंद्र सरकार के डीडीए का कहना है कि सभी आवंटियों को 1,76,400 रुपए जमा करने होंगे, लेकिन घरों में काम करने वाली महिलाएं, पटरी लगाने वाले और रिक्शा चलाने वाले लोगों के लिए 1 लाख 76 हज़ार रुपए वैसे ही है, जैसे मध्यम वर्ग के लिए 1 करोड़ 76 लाख रुपया है, क्योंकि इनके घर में कुछ नहीं है।
विधायक राजेश गुप्ता ने पत्रकार वार्ता में मौजूद एक महिला का उदाहरण देते हुए कहा कि इस माताजी के पास कुछ भी नहीं है। इनके पास ना तो इनके बच्चे हैं और ना ही इनका कोई देखरेख करने वाला है। ये आज तक किसी प्रकार का फोन भी उपयोग नहीं करती हैं। ऐसे ही कई लोग हैं। ऐसी स्थिति में डीडीए को लोन कराने का निर्देश दिया गया, लेकिन डीडीए के पास लोन देने वाला कोई नहीं है। इसका फायदा कुछ प्राइवेट कंपनियों ने उठाया। ये कंपनियां जो सामान्य होम लोन 6 परसेंट से 8 प्रतिशत ब्याज पर देती है, वही लोन इन लोगों को 12 परसेंट ब्याज पर दिया जा रहा है, क्योंकि ये लोग गरीब है। उसमें भी जो लोग कहीं नौकरी करते हैं और उनके मालिकों ने ये कह दिया कि हमारे यहां ड्राइवर है तो उसको लोन मिल गया, लेकिन जो लोग अंगूठा छाप है और जिसका कोई नहीं है, उनको कोई लोन नहीं मिल रहा है, क्योंकि कंपनी का कहना है कि ये भरेंगे कैसे?
विधायक राजेश गुप्ता ने कहा कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि जिन झुग्गियों में ये लोग रहते हैं, उसको खाली कराया जाएगा और उन झुग्गियों को हटाकर वहां बहुत बड़ा कॉम्प्लेक्स बनाने की तैयारी की जा रही है। वही जब इन लोगों के पास पैसे की व्यवस्था नहीं हुई तो इन्होंने दो लाख रुपये में फ्लैट को बेचने का सोच लिया। तब इसका फायदा उठाने के लिए वहां बहुत सारे डीलर पहुंच गए। उन डीलर्स को 3 दिन पहले आम आदमी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने पकड़ लिया। उसके बाद उन डीलर्स ने बताया कि वे उन लोगों को बहला-फुसलाकर दो लाख में फ्लैट्स खरीद रहे हैं और उन्हें गांव भेजने के लिए टिकट कराने का भी झांसा दे रहे हैं। पूरे षड्यंत्र के तहत गरीब आदमी को दिल्ली से भगाया जा रहा है। जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी दिल्ली की सेवा में बिताई और उनके भाग्य में जो फ्लैट आया था, वो भी आज इनके भाग्य में नहीं है। क्योंकि पैसा नहीं भरने पर डीडीए उस आवंटन कैंसिल कर देगा। माहौल बनाकर केंद्र सरकार गरीबों से उनका फ्लैट छीन कर उन्हें दिल्ली से भगाने की कोशिश कर रही है।