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केजरीवाल सरकार की शिक्षा क्रांति की अब पूरे विश्व में चर्चा है और दुनियाभर से शिक्षक केजरीवाल सरकार के स्कूलों में आए बदलावों को देखने को उत्सुक है। इस दिशा में 15 अमेरिकी शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने राजकीय सर्वोदय कन्या विद्यालय, वेस्ट विनोद नगर का दौरा किया। इस दौरान वहाँ शिक्षा मंत्री आतिशी भी मौजूद रही। ये शिक्षक अमेरिकी सरकार द्वारा संचालित फुलब्राइट टीचर्स एक्सचेंज प्रोग्राम के फुलब्राइट टीचर्स फॉर ग्लोबल क्लासरूम कार्यक्रम का हिस्सा हैं।

इस मौक़े पर अमेरिकी शिक्षकों ने स्कूल का दौरा कर केजरीवाल सरकार के दिल्ली मॉडल ऑफ़ एजुकेशन को प्रत्यक्ष रूप से देखा और क्लासरूम ऐक्टिविटीज़ का हिस्सा भी बनें। इन सभी शिक्षकों ने हैप्पीनेस क्लास में भाग लेकर माइंडफ़ुलनेस किया साथ ही एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम की क्लास में भी हिस्सा लिया।

विजिट के दौरान, शिक्षा मंत्री आतिशी ने भी अमेरिकी शिक्षकों के इस प्रतिनिधिमंडल के साथ चर्चा की और उन्हें दिल्ली शिक्षा प्रणाली में आए बदलावों से अवगत करवाया। इस मौक़े पर शिक्षा मंत्री आतिशी ने साझा करते हुए कहा कि, “भारत में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के बीच दुनिया के बाक़ी अन्य देशों की तरह अंतर ही है। भारत के कई राज्यों में राज्य सरकारों के स्कूलों की बिगड़ती स्थिति के कारण लगभग 70% बच्चे सरकारी स्कूलों से प्राइवेट स्कूलों में जा रहे है। और सरकारी स्कूलों में केवल वही पैरेंट्स अपने बच्चों को भेज रहे है जो प्राइवेट स्कूलों की महँगी फ़ीस का खर्च नहीं उठा सकते है। लेकिन इन सभी के विपरीत दिल्ली में परिस्थिति कुछ और है।

उन्होंने साझा करते हुए कहा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार का मुख्य उद्देश्य दिल्ली के हर बच्चे के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुलभ बनाना है, चाहे वो किसी भी तबके से आता हो।

शिक्षा मंत्री आतिशी ने साझा करते हुए कहा कि, “आज दिल्ली सरकार के स्कूलों में जो उल्लेखनीय बदलाव देखा जा सकता वो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्व में सरकार द्वारा शिक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बनाने का परिणाम है। उन्होंने कहा कि, दिल्ली देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां पिछले 8 सालों से शिक्षा को कुल बजट का लगभग 25% हिस्सा दिया जाता है। सरकार द्वारा शिक्षा में इस निवेश की बदौलत स्कूल के बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण सुधार हुए है,हमने अपने शिक्षकों को देश-विदेश में ट्रेनिंग पर भेजा, बच्चों के माइंडसेट डेवलपमेंट के लिए हमने हैप्पीनेस करिकुलम, एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम और देशभक्ति करिकुलम की शुरुआत की।

उन्होंने कहा कि, “सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक दिल्ली सरकार के स्कूलों के बारे में अभिभावकों और छात्रों के बीच धारणा में आया बदलाव है। पिछले कुछ सालों में, लाखों बच्चों ने प्राइवेट स्कूलों से दिल्ली सरकार के स्कूलों में दाख़िला लिया है। ये दिखाता है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों के प्रति पैरेंट्स का भरोसा लगातार बढ़ता जा रहा है।

फुलब्राइट टीचर एक्सचेंज जैसे अंतर्राष्ट्रीय टीचर एक्सचेंज कार्यक्रमों की सराहना करते हुए, शिक्षा मंत्री आतिशी ने उनके महत्व पर प्रकाश डाला और कहा, “फुलब्राइट टीचर एक्सचेंज जैसे प्रोग्राम शिक्षकों को अलग-अलग शिक्षा प्रणालियों का एक्सपोज़र देते है। साथ ही ये शिक्षा के क्षेत्र में ग्लोबल पार्टनरशिप को बढ़ावा देने, बेस्ट प्रैक्टिसेज और इनोवेटिव आइडियाज़ के आदान-प्रदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

उन्होंने कहा कि, ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से मिले एक्सपोजर शिक्षकों को अपनी कक्षाओं में नए और इनोवेटिव टीचिंग-प्रैक्टिसेज को अपनाने का मौक़ा देते है। इससे न केवल शिक्षकों का प्रोफेशनल डेवलपमेंट होता है बल्कि बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलती है।

गौरतलब है कि फुलब्राइट टीचर्स फॉर ग्लोबल क्लासरूम प्रोग्राम अमेरिकी शिक्षकों को दुनिया भर के देशों के समृद्ध इतिहास, शिक्षा प्रणाली और संस्कृति का अनुभव करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है।इस कार्यक्रम के अन्तर्गत विभिन्न विषयों पर चर्चाएँ, स्कूल विजिट, एजुकेशन लीडर के साथ बैठकें, वर्कशॉप्स आदि शामिल है। इस प्रोग्राम के लिए चयनित शिक्षक, अपने होम-स्कूल डिस्ट्रिक्ट में स्पेशलाइजेशन औ लीडरशिप के लिए जाने जाते हैं।

केजरीवाल सरकार के स्कूल के दौरे पर अमेरिकी शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने क्या कहा?

ब्रुकलिन, न्यूयॉर्क के एक शिक्षक एलेक्स पजारेस ने साझा किया, “दिल्ली सरकार के इस स्कूल का दौरा और दिल्ली शिक्षा मॉडल को प्रत्यक्ष रूप से देखना वास्तव में एक शानदार अनुभव रहा है। स्कूलों में नवाचारों को अपनाना और शिक्षा में स्पेशलाइजेशन को अपनाने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता वास्तव में प्रेरणादायक है।

पेंसिल्वेनिया की एक अन्य शिक्षिका मर्लिन प्राइल ने कहा, “ दिल्ली शिक्षा मॉडल ने शिक्षा के प्रति मेरे दृष्टिकोण को बदला है और मुझे अपनी कक्षा में इसी तरह के नवाचारों को अपनाने के लिए प्रेरित किया है। जब मैं वापस अपनी क्लास में जाऊँगी तो मैं अपनी कक्षा में हैप्पीनेस क्लास और ईएमसी की एक्टिविटीज़ करवाना चाहूँगी।

ऑरोरा, कोलोराडो से कतेरीना एम. जॉनसन ने कहा, “दिल्ली शिक्षा मॉडल इस बात का उदाहरण है कि कैसे शिक्षा को प्राथमिकता देने और टीचर ट्रेनिंग में इन्वेस्ट करने से छात्रों के जीवन में उल्लेखनीय बदलाव लाया जा सकता हैं। मैं इस विजिट के दौरान मिले अनुभवों को अपने टीचिंग में अपनाने के लिए उत्साहित हूं, ”।

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