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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड को राजधानी में हर परिवार को साफ पानी मुहैया कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने जलबोर्ड के अधिकारियों को सख्त आदेश दिए कि दिल्ली की जनता को साफ पानी उपलब्ध कराने के काम में किसी भी तरह की ढिलाई और देरी स्वीकार्य नहीं की जाएगी। मंगलवार को दिल्ली जल बोर्ड की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने यह निर्देश देते हुए कहा कि दिल्ली के लोगों को साफ पानी उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है। इसलिए अधिकारी युद्धस्तर पर काम करें और इस बात का ख्याल रखा जाए कि किसी भी घर को गंदा पानी मिलने की समस्या का सामना न करना पड़े। बैठक में जल मंत्री सौरभ भारद्वाज, डीजेबी के वीसी सोमनाथ भारती, सीईओ और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

दरअसल, सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को दिल्ली में जलापूर्ति का जायजा लेने के लिए उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। इस दौरान दूषित पानी की समस्या के समाधान को लेकर सीएम ने कड़े निर्देश दिए। सीएम अरविंद केजरीवाल ने डीजेबी को आगामी 15 दिनों के अंदर जल उपचार संयंत्रों (डब्ल्यूटीपी) और भूमिगत जलाशयों (यूजीआर) पर स्थापित सभी फ्लो मीटर्स की मरम्मत करने का निर्देश दिया। साथ ही मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से पानी के उत्पादन और आपूर्ति की निगरानी करने का निर्णय लिया। सीएम ने विभाग को इसकी रोजाना रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

बैठक में सीएम अरविंद केजरीवाल ने आरओ वॉटर प्रोजेक्ट में अनावश्यक देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार भी लगाई और कहा कि यदि वे समय सीमा के अंदर प्रोजेक्ट के कार्य को पूरा नहीं कर सकते हैं तो अपना इस्तीफा देने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि सरकार दिल्ली के लोगों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने में किसी भी तरह की देरी या ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेगी।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिया कि वे दिल्ली को दूषित पानी से मुक्ति दिलाएं, ताकि लोगों को साफ व स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जा सके। दिल्ली सरकार हर हाल में दिल्ली के सभी नागरिक को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्हें विभिन्न इलाकों से लगातार दूषित जलापूर्ति की शिकायतें मिल रही हैं। उन्होंने विभाग को ऐसे क्षेत्रों की पहचान करने के निर्देश दिए, जहां नियमित रूप से खराब गुणवत्ता वाला पानी मिलता है, ताकि प्राथमिकता के आधार पर इस समस्या की जड़ तक पहुंचा जा सके।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने जल विभाग और दिल्ली जल बोर्ड को सख्ती से युद्धस्तर पर दूषित पानी की समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने सीएम को आश्वस्त किया है कि दिल्ली को जल्द ही दूषित पानी की समस्या से मुक्ति मिलेगी।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के किसी भी घर को गंदा या दूषित पानी नहीं मिलना चाहिए। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम लोगों को यथासंभव साफ पानी उपलब्ध कराएं। अधिकारी इस समस्या से पीड़ित क्षेत्रों की एक सूची बनाएं और प्राथमिकता के आधार पर स्थानीय समाधानों की पहचान कर उसे लागू करें। सीएम के निर्देश पर दिल्ली जल बोर्ड अब इस तरह की शिकायतों का लगातार निगरानी करेगा और क्षेत्र की जरूरतों के अनुसार उनका समाधान करेगा।

इसके अलावा सीएम ने विभाग को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि जल उपचार संयंत्रों (डब्ल्यूटीपी) और प्राइमरी यूजीआर पर लगाए गए सभी फ्लो मीटर्स 15 दिनों के अंदर चालू कराए जाएं। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि डब्ल्यूटीपी में स्थापित कुछ फ्लो मीटर पुरानी तकनीक पर आधारित होने के कारण काम नहीं कर रहे हैं। सीएम ने इस मामले को गंभीरता से लिया और संबंधित अधिकारियों को फटकार लगते हुए कहा कि वे हैरान हैं कि राज्य में ऐसी स्थिति पैदा हो गई है। उन्होंने पिछले सात साल के कार्यकाल के दौरान कभी भी कोई ऐसा उदाहरण नहीं देखा है, जहां वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के फ्लो मीटर खराब हों। अब दिल्ली जल बोर्ड सभी फ्लो मीटर्स की मरम्मत करेगा और दिल्ली में पानी के उत्पादन और आपूर्ति स्तरों की निगरानी के लिए उन्हें अपने ऑनलाइन नेटवर्क से भी जोड़ेगा। सीएम ने विभाग को निर्देश देते दिए कि रोजाना सभी फ्लो मीटर्स की रीडिंग उन्हें प्रस्तुत की जाए, ताकि वे खुद आकलन कर सकें कि दिल्ली में पानी बर्बाद हो रहा है या नहीं।

इसके अलावा सीएम अरविंद केजरीवाल ने सभी सेकेंडरी यूजीआर पर फ्लो मीटर लगाने के लिए 30 मई तक की समय सीमा निर्धारित की है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि परियोजना में बिजली कंपनियों की ओर से कुछ देरी हो रही थी। ऐसे में जल मंत्री सौरभ भारद्वाज को अगले 72 घंटों के अंदर समस्या को हल करने के लिए बिजली कंपनियों के अध्यक्षों के साथ बैठक के निर्देश दिए हैं।

इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने आरओ प्रोजेक्ट की भी समीक्षा की। इस योजना के तहत दिल्ली जल बोर्ड पानी की गुणवत्ता को और बढ़ाने के लिए पूरी दिल्ली में 450 स्थानों पर औद्योगिक गुणवत्ता वाले आरओ सिस्टम स्थापित करेगा। पिछले टेंडर के असफल होने की जानकारी मिलने पर सीएम ने अधिकारियों से पूछा कि विभाग नए टेंडर में देरी क्यों कर रहा है? सीएम ने कहा कि अधिकारियों की ओर से इस तरह की ढिलाई पूरी तरह से अस्वीकार्य है। अधिकारी इस मुद्दे को हल करने के लिए मिशन मोड में काम क्यों नहीं कर रहे हैं? क्या इस तरह की समीक्षा बैठकें हर हफ्ते आयोजित करने का कोई फायदा नहीं है? ऐसा व्यवहार अधिकारियों की गलत मंशा की ओर इशारा करता है। उन्होंने कहा कि मैं आरओ प्रोजेक्ट की समय-सीमा का पूरा विस्तृत विवरण चाहता हूं। यदि अधिकारी समय-सीमा में काम नहीं कर सकते हैं तो वे इस्तीफा देने और सिस्टम छोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं। सीएम ने विभाग को तत्काल एक और टेंडर जारी करने का निर्देश दिया है, ताकि जल्द से जल्द दिल्लीवासियों को शुद्ध पानी की आपूर्ति की जा सके। उन्होंने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि दिल्ली के लोगों को दिए जा रहे पानी की गुणवत्ता से कोई समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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