Scrollup

आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी के मित्र अडानी का आज एक और घोटाला देश के सामने रखा। पार्टी मुख्यालय में ‘‘आप’’ के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने साक्ष्यों के साथ ‘अडानी जी’ घोटले का तीसरा एपिसोड मीडिया के सामने रखते हुए कहा कि भाजपा और पीएम मोदी ने सुप्रीम कोर्ट व भारत सरकार के एक्ट का उल्लंघन करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार को आवंटित गारे पाल्मा कोयला खदान अपने मित्र अडानी को दे दी और उस पर 100 फीसद मालिकाना हक भी दे दिया। जबकि एक्ट के अनुसार, कोयले की खदान पर 76 फीसद राज्य सरकार और 26 फीसद ही निजी कंपनी का मालिकाना हक हो सकता है। अडानी से छत्तीसगढ़ सरकार को कोल इंडिया से करीब 450 रुपए प्रति टन महंगा कोयला बेचा जा रहा है। ऐसे में अडानी को इस खदान से करीब 25 हजार करोड़ रुपए का मुनाफा होगा।

राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि मैंने बताया था कि सस्ती बिजली देने के लिए राजस्थान सरकार को कोयले की खदान मिली थी और राजस्थान को अपने पावर प्लांट में कोयले का इस्तेमाल कर जनता को सस्ती बिजली देने के लिए कहा गया था। लेकिन राजस्थान सरकार को मिली दोनों कोयले की खदानें अडानी को दे दी गईं। राजस्थान की तरह छत्तीसगढ़ का भी एक मामला सामने आया है। छत्तीसगढ़ सरकार को पावर प्लांट के लिए कोयले की खदान दी गई थी। छत्तीसगढ़ सरकार को खदान से कोयला निकालकर अपने पावर प्लांट में इस्तेमाल कर बिजली का उत्पादन करने और अपनी जनता को सस्ते में बिजली देने के लिए कहा गया था। यह कोयला की खदान छत्तीसगढ़ में ही है।

राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने देश की जनता को महंगी बिजली देने के लिए अडानी और मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि 2014 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सारे कोल ब्लॉक रद कर दिए गए थे। इसमें प्राइवेट कंपनियों को फायदा पहुंचाने और लाखों करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया था। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के गारे पाल्मा कोयले की खदान का आवंटन भी रद कर दिया था और कहा था कि भारत सरकार नया एक्ट बनाकर दोबारा इन कोयला ब्लॉक का आवंटन करे। भारत सरकार ने 2015 में एक्ट भी बनाया। इस एक्ट के अनुसार कोयले की खदान पर 74 फीसद मालिकाना हक राज्य सरकार का होगा, जबकि प्राइवेट कंपनियों की केवल 26 फीसद ही भागीदारी हो सकती है।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की छत्तीसगढ़ राज्य पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (सीएसपीजीसीएल) कंपनी है। नवंबर 2017 में भाजपा की रमन सरकार ने अडानी से एग्रीमेंट किया। इस एग्रीमेंट की शर्तें हैरान करने वाली हैं। सुप्रीम कोर्ट और भारत सरकार के कानून का घोर उल्लंघन करते हुए यह एग्रीमेंट किया गया। एग्रीमेंट में कहा गया है कि सीएसपीजीसीएल को अडानी से एक निश्चित मात्रा में कोयला खरीदना पड़ेगा। मतलब कि छत्तीसगढ़ राज्य पावर प्लांट को अडानी से एक निश्चित मात्रा में कोयला खरीदने को बाध्य किया गया। अगर छत्तीसगढ़ सरकार कोयला नहीं खरीदती है, तो अडानी को पेनाल्टी दी जाएगी। मतलब यह है कि छत्तीसगढ़ सरकार अपनी ही कोयला खदान से कोयला खरीदेगी और कोयला नहीं खरीद पाई तो नरेंद्र मोदी के मित्र अडानी को पेनाल्टी देगी। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट और भारत सरकार के कानून को दरकिनार करते हुए पूरी खदान (100 फीसद) अडानी को दे दी गई।

आप सांसद ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का भी कोयला खदान है।इनके अलावा छत्तीसगढ़ सरकार को आवंटित खदान भी है, जो अडानी को दे दी गई है। कोल इंडिया छत्तीसगढ़ सरकार को जी-13 का कोयला 827 रुपए प्रति टन दे रहा है। जबकि अडानी 1269 रुपए प्रति टन कोयला छत्तीसगढ़ सरकार को दे रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार को कोल इंडिया की तुलना में अडानी द्वारा करीब 450 रुपए प्रति टन महंगा कोयला दिया जा रहा है। अडानी को खदान से 232 मिलियन टन कोयला निकालना है। वर्तमान में अगर 450 रुपए प्रति टन का मुनाफा लिया जा रहा है, तो भविष्य में यह 500 से 2000 रुपए भी हो सकता है। यह भी हैरानी की बात है कि पूरे देश में जितने एमडीओ हुए हैं, उसमें से 56 फीसद कोयला अडानी के नाम किया गया है। इस समझौते के अनुसार, भाजपा और मोदी सरकार ने अडानी को अकेले इसी खदान से 232 मिलियन टन कोयला निकालने पर 25 हजार करोड़ रुपए का मुनाफा पहुंचाने का रास्ता खोल दिया है।

संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कोयला, बिजली, पानी, गैस समेत सब कुछ अडानी को देते जा रहे हैं। देश के सारे संसाधन अडानी के नाम पर नीलाम करते जा रहे हैं। सवाल है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने कोल ब्लॉक का आवंटन रद कर दिया तो मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ में कोयले की खदान 100 फीसद अडानी को कैसे दे दी? प्रधानमंत्री अपने एक मित्र को फायदा पहुंचाने के लिए क्या-क्या कर रहे हैं? सुप्रीम कोर्ट और भारत सरकार के एक्ट को दरकिनार करते हुए इतना बड़ा घोटाला किया गया, लेकिन इसकी जांच के लिए कभी सीबीआई-ईडी नहीं गई। क्या पीएम मोदी के मित्र को पूरा देश लूटने की खुली छूट है? मैं दो खदानों के आवंटन में घोटाले का पहले ही खुलासा कर चुका है। यह तीसरी खदान है, जिसका आवंटन सुप्रीम कोर्ट और भारत सरकार के एक्ट के खिलाफ जाकर अडानी को किया गया है। अगर मोदी सरकार में नैतिकता बची है तो इन कोयले की खदानों को बंद किया जाए। यह कोयला की खदान छत्तीसगढ़ सरकार की ही है। छत्तीसगढ़ सरकार ही जमीन का अधिग्रहण कर सकती है। भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ सरकार की कोयले की खदान अडानी को देकर उसको 25 हजार करोड़ रुपए की सौगात दी है। 13 मार्च को मैं केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से मुलाकात करूंगा और कोयले की खदान के आवंटन में हुए घोटाले के सारे साक्ष्य दूंगा।

When expressing your views in the comments, please use clean and dignified language, even when you are expressing disagreement. Also, we encourage you to Flag any abusive or highly irrelevant comments. Thank you.

socialmedia