दिल्ली में केंद्रीय कारागारों के सामने आ रही विभिन्न चुनौतियों को बेहतर ढंग से समझने के लिए गृह मंत्री कैलाश गहलोत ने आज महानिदेशक (जेल) और गृह विभाग के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक बुलाई। डीजी (जेल) ने मंत्री को इन जेलों में चल रहे कई सुरक्षा उपायों और सुधारात्मक पहलों के बारे में अवगत कराया।
एक बयान में, गृह मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, “जेल कैदियों के लिए एक सुधार और परिवर्तन की जगह होनी चाहिए। जेल में अधिकारी कैदियों को तकनीकी प्रशिक्षण और कौशल विकास के अवसर मुहैय्या कर रहे हैं जो काबिले तारीफ है । मुझे यकीन है कि इससे उन्हें जेल से बाहर आने के बाद बेहतर इंसान बनने और बेहतर जीवन जीने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हम ऐसे लोगों को एक बेहतर इंसान बनने का दूसरा मौका देना चाहते हैं। मैं कैदियों की मदद के लिए जेलों में चल रहे सुधारात्मक प्रयासों की सराहना करता हूं।”
बैठक के दौरान जेलों में अत्यधिक भीड़, जेल में सेल फोन के इस्तेमाल, जेलों के अंदर चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता और कैदियों के लिए कौशल प्रशिक्षण के प्रावधान सहित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। मंत्री ने जेलों में चल रहे सुधारात्मक प्रयासों की सराहना की और जेल के अंदर ध्यान, शिक्षा, खेल, कला चिकित्सा आदि की आवश्यकता पर बल दिया।
इसके अलावा, मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि दोषियों को प्रदान किया जाने वाला कौशल प्रशिक्षण समकालीन तथा बाजार की मांगों के अनुरूप होना चाहिए जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि जेल में अपनी अवधि पूरी करने के बाद ऐसे लोग बाहर आने पर आजीविका कमा सकें। बैठक में अकाउंटिंग, बीपीओ के बैक ऑफिस, एयरलाइन टिकटिंग आदि जैसे कौशल में तकनीकी प्रशिक्षण की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया।
बाहरी रेफरल की आवश्यकता को कम करने के लिए जेल अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं में सुधार पर भी चर्चा की गई। डीजी (जेल) ने मंत्री को सीसीटीवी के प्रसार और जेल के अंदर जैमर की प्रभावशीलता के बारे में जानकारी दी। बैठक के दौरान बापरोला, नरेला आदि में नई जेलों की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई। मंत्री ने कैदियों के लिए एक सुरक्षित और अधिक पुनर्वास वातावरण बनाने के लिए जेलों में निरंतर सुधारात्मक प्रयासों के महत्व को रेखांकित किया।