आम आदमी पार्टी ने अड़ानी के दूसरे घोटाले का खुलासा किया है। इसमें साफ कर दिया कि गुजरात की जनता की सस्ती बिजली को अड़ानी ने महंगी कीमत पर बेच दिया। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि अडानी ने राजस्थान और गुजरात की जनता को धोखा देकर महंगे दामों में बिजली बेची। ऊर्जा मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी आईएएस विवेक दीवानगन ने चिट्ठी लिखकर अडानी के खिलाफ दो बड़े खुलासे किए और सरकार से जांच करने को कहा। अडानी ने गुजरात की जनता को मिलने वाली बिजली को पावर एक्सचेंज में महंगे दामों पर बेचकर मुनाफा कमाया। गुजरात की जनता को 4.42 प्रति यूनिट बिजली देनी थी। लेकिन अड़ानी ने इसे पावर एक्सचेंज में महंगे दामों पर बेचा। उन्होंने कहा कि गुजरात में कोयला और बिजली संकट के दौरान भी अड़ानी ने गुजरात की जनता को बिजली नहीं दी और गुजरात सरकार के साथ समझौते का उल्लंघन किया। ऊर्जा मंत्रालय की चिट्ठी में कहा गया कि खदानों से कोयला निकालकर अड़ानी पावर प्लांट में ले जा रहा है। इसकी जांच की जाए। पीएम मोदी बताएं कि आपके ऊर्जा मंत्रालय ने एक साल पहले चिट्ठी लिखी थी लेकिन अड़ानी के ऊपर कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने पार्टी मुख्यालय में महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अडानी ने सिर्फ एक ही सरकार को धोखा नहीं दिया है। इन्होंने सिर्फ एक लाख करोड़ की कोयला चोरी नहीं की है। इन्होंने राजस्थान सरकार और गुजरात की जनता को भी धोखा दिया है। ‘अडानी’ घोटाले के दूसरे एपिसोड का खुलासा करते हुए संजय सिंह ने कहा कि यह जानकारी भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा लिखी गई चिट्ठी पर आधारित है। इस चिट्ठी में साफ तौर पर लिखा है कि राजस्थान सरकार द्वारा मोदी सरकार की तरफ से अडानी को पारसा-कानता की दो कोयले की खदानें दी गईं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद इन दो खदानों का आवंटन रद्द नहीं किया गया। अडानी इन दोनों खदानों से कोयला निकाल कर अपने पावर प्लांट में ले जा रहा है। इसकी संपूर्ण जांच होनी चाहिए।
‘आप’ नेता संजय सिंह ने कहा कि यह बात सिर्फ मैं नहीं कह रहा हूं बल्कि भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जांच की बात कही गई है। भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी आईएएस विवेक दीवानगन ने यह चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में कहा गया कि जो कोयले की खदानें अडानी को दी गई हैं, वहां से कोयला निकालकर अडानी पावर प्लांट में ले जा रहा है। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और भारत सरकार के कानून के खिलाफ है। चिट्ठी में है साफ-साफ लिखा है कि इस मुद्दे की संपूर्ण जांच कीजिए।
उन्होंने कहा कि इसी चिट्ठी में दूसरी एक और गंभीर जानकारी दी गई है। गुजरात में अडानी और गुरजात सरकार के बीच एक समझौता हुआ था। कॉन्ट्रेक्ट के मुताबिक गुजरात के लाल अडानी को गुजरात की जनता को 150 मेगावॉट बिजली 4.42 प्रति यूनिट में देनी थी। लेकिन अडानी ने इसका भी उल्लंघन किया। इस चिट्ठी में यह भी लिखा है कि गुजरात सरकार के साथ किए गए समझौते का अडानी ने उल्लंघन किया। कॉन्ट्रैक्ट को नजरअंदाज करते हुए अडानी ने पावर एक्सचेंज में महंगे दामों पर वो बिजली बेच दी। कोयला और बिजली संकट के समय जब गुजरात को बिजली की जरूरत थी, उस वक्त अडानी ने बिजली को पावर एक्सचेंज में महंगे दामों पर बेच दिया। इस बात को ऊर्जा मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी विवेक देवांगन ने अपनी चिट्ठी में लिखा है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने मित्र अडानी को एक लाख करोड़ रुपये का कोयला मुफ्त में दे दिया है। यहां एक और गंभीर आरोप इसके साथ जुड़ गया है। गुजरात सरकार द्वारा 150 मेगावॉट पावर सप्लाई के लिए अड़ानी के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट साइन किया गया था। उसका उल्लंघन करते हुए वह बिजली सप्लाई गुजरात को नहीं दी गई बल्कि उसे पावर एक्सचेंज में महंगे दामों पर बेचकर अड़ानी ने मुनाफा कमाया। अड़ानी ने राजस्थान और गुजरात के साथ ही पूरे देश को धोखा दिया है। मैं पीएम मोदी से पूछना चाहता हूं कि अगर आपके ऊर्जा मंत्रालय ने यह चिट्ठी एक साल पहले लिखी थी तो आज तक सीबीआई और ईडी क्या कर रही थी? आपकी जांच एजेंसियां क्या कर रही थी? अडानी की खदानों को बंद क्यों नहीं किया गया? अडानी के ऊपर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?