Scrollup

सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले स्कूलों और उत्कृष्ट शैक्षिक उपलब्धि हासिल करने वाले विद्यार्थियों को आज सम्मानित किया। राउज एवेन्यू स्थित सर्वाेदय बाल विद्यालय में सीबीएसई की 10वीं-12वीं परीक्षा में टॉप करने वाले 33 स्कूलों और 239 छात्रों के साथ 50 दिव्यांग छात्रों को एक्सीलेंस इन एजुकेशन अवॉर्ड 2022 देकर सम्मानित किया गया। दिल्ली सरकार ने चार कटेगरी स्टेट बेस्ट, डिस्ट्रिक्ट बेस्ट, जोनल बेस्ट गवर्नमेंट स्कूल और टॉपर्स स्टूडेंट्स कटेगरी में ये अवॉर्ड दिए। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने मोती नगर के सर्वोदय कन्या विद्यालय को स्टेट बेस्ट गवर्नमेंट स्कूल अवॉर्ड से सम्मानित किया। सभी छात्रों और स्कूलों का उत्साहवर्धन करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की शिक्षा क्रांति का ही असर है कि अब हमारे स्कूल और छात्र लगातार नए-नए रिकॉर्ड बनाते जा रहे हैं। दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में ‘‘आप’’ सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के चलते सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के बीच की खाई खत्म हो गई है। दिल्ली में अब समान शिक्षा प्रणाली है। हम एमसीडी के 1800 स्कूलों को भी जल्द ठीक करेंगे और दिल्ली को पूरी दुनिया के लिए शिक्षा का केंद्र बनाएंगे।

स्कूलों और बच्चों को मिलने वाला एक्सीलेंस इन एजुकेशन अवॉर्ड किसी तमगे से कम नहीं- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने बतौर मुख्य अतिथि दीप प्रज्वलित कर शिक्षा निदेशालय द्वारा आयोजित एक्सीलेंस इन एजुकेशन अवॉर्ड 2022 समारोह की शुरुआत की। इस दौरान शिक्षा मंत्री राजकुमार आनंद और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के टॉपर स्कूलों और छात्रों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी और एक हवाई यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि एक बार हवाई यात्रा के दौरान मेरे बगल वाली सीट पर एक महिला बैठी थी। उस महिला ने बड़े गर्व के साथ कहा कि ‘‘आप’’ की सरकार एक्सीलेंस इन एजुकेशन अवॉर्ड देती है। पिछले साल मेरे स्कूल की तरफ से मैंने वो अवॉर्ड लिया था। हम लोगों ने 2015 में स्कूलों, प्रिंसिपल और विद्यार्थियों को एक्सीलेंस अवॉर्ड देने की शुरूआत की थी। उस वक्त यह छोटा सा नन्हां सा पौधा था। लेकिन पिछले 7-8 साल में यह बहुत ही प्रतिष्ठित अवॉर्ड हो गए हैं। अब लोगों को स्कूलों और बच्चों को यह अवॉर्ड मिलना एक तमगे की तरह नजर आता है। आज अवॉर्ड लेने वाले बच्चों के अंदर खुशी और आत्मविश्वास को देखकर बहुत अच्छा लगा। जिनको अवॉर्ड नहीं मिले हैं, उनके लिए उम्मीद करता हूं कि आने वाले सालों के अंदर उनको भी जरूर अवॉर्ड मिलेंगे।

दिल्ली में अब इंटीग्रेटेड शिक्षा प्रणाली चालू हो चुकी है और स्कूलों में कोई भेदभाव नहीं है- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पहले दिल्ली में दो तरह की शिक्षा प्रणाली थी। एक सरकारी स्कूलों की थी और दूसरी प्राइवेट स्कूलों की थी। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर बहुत खराब होता था। जहां गरीब से गरीब लोग मजबूरी में अपने बच्चों को भेजते थे। वहीं प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई अच्छी होती थी। जिसके पास भी पैसा था, वो प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को भेजता था। मुझे इस बात की खुशी है कि पिछले 7-8 साल के अंदर दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में किए गए प्रयास के कारण सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के बीच की खाई अब खत्म हो गई है। अब दिल्ली के अंदर एक तरह से समान शिक्षा प्रणाली है। दिल्ली में अब प्राइवेट और सरकारी दोनों स्कूलों में अच्छी शिक्षा मिल रही है। माता-पिता अपनी सुविधा के अनुसार अपने बच्चों को प्राइवेट या सरकारी स्कूलों में भेज सकते हैं। एक्सीलेंस इन एजुकेशन अवॉर्ड में सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के स्कूल भाग लेते हैं। दिल्ली के अंदर अब इंटीग्रेटेड शिक्षा प्रणाली चालू हो गई है। प्राइवेट और सरकारी स्कूलों के बीच कोई भेदभाव नहीं है।

दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को ठीक करने में टीचर्स-पैरेंट्स, सबने अपनी सहभागिता दी है- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली नगर निगम के अधीन करीब 1800 स्कूल हैं, जिनकी हालत खराब है। मैं उम्मीद करता हूं कि जल्द ही हम इन स्कूलों को भी ठीक करना शुरू करेंगे। जिसके बाद एक तरह से दिल्ली पूरे देश का शिक्षा का हब बन जाएगा। मेरा सपना है कि एक दिन ऐसा आएगा, जब पूरी दुनिया से लोग अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए दिल्ली आया करेंगे। हम पुरी दुनिया के लिए दिल्ली को शिक्षा का केंद्र बनाएंगे। पूरी दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को ठीक करने में सभी ने अपनी सहभागिता दी है। खासकर शिक्षकों, प्रधानाचार्यों और अभिभावकों ने सहभागिता दी है। अभिभावकों के बिना सहभागिता के हम कुछ नहीं कर पाते।

स्कूलों में होने वाली गतिविधियों में अभिभावकों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम लोगों ने तरह-तरह के कार्यक्रम चलाए, जिसमें बच्चों के माता-पिता ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। शुरूआत में जब पहली-दूसरी पैरेंट्स टीचर मीटिंग हुई थी तो अभिभावकों को विश्वास नहीं होता था कि उन्हें बुलाया गया है। उनको इज्जत दी गई, टीचर बच्चों के भविष्य के बारे में उनसे बात कर रहे हैं। इसके बाद अभिभावकों ने मीटिंग में अपनी भागीदारी देनी शुरू कर दी। सीएम ने कहा कि हमें अभी बहुत आगे जाना है। हमने काफी उपलब्धियां हासिल की है, लेकिन अभी और भी बहुत कुछ हासिल करना बाकी है। हमें उम्मीद है कि जिस रास्ते पर हम लोग चले हैं, वो रास्ता सही है। अभी तक के आए नतीजे अच्छ हैं। उपर वाले ने चाहा तो हम जरूर अपने मिशन में कामयाब होंगे।

दिल्ली का शिक्षा मॉडल देश के दूसरे राज्यों के लिए नजीर बन गया और विदेशों में इसकी सराहना हो रही है- राजकुमार आनंद

इस दौरान शिक्षा मंत्री राज कुमार आनंद ने कहा कि शिक्षा का असल मतलब ऐसे जागरूक नागरिक तैयार करना है, जिन्हें धर्म, जातिवाद व क्षेत्रवाद की दीवारें रोक न सकें और जो अपने अधिकारों और कर्तव्यों को जानते हों। ऐसे जागरूक नागरिक तैयार करने की जिम्मेदारी शिक्षकों, प्रधानाचार्यों और स्कूलों की है। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को देश में सालों तक बेकार रखा गया, ताकि लोग शिक्षा से वंचित रहें। ऐसी धारणा बन चुकी थी कि अब शिक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं किया जा सकता। मगर सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस धारणा को बदलकर दिखाया और शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करके दिखाया। आज दिल्ली का शिक्षा मॉडल देश के बाकी राज्यों के लिए नजीर बन गया। सिर्फ देश ही नहीं विदेशों में भी इसकी सराहना होती है। अमेरिका के न्यूयॉर्क टाइम्स में फ्रंड पेज पर खबर छपती है कि दिल्ली का शिक्षा मॉडल दुनिया में सबसे शानदार शिक्षा मॉडल में से एक है।

दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था के जनक मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है- राजकुमार आनंद

शिक्षा मंत्री राजकुमार आनंद ने कहा कि दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था के जनक मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उनकी गिरफ्तारी के जरिए दिल्ली के शिक्षा मॉडल को रोकने की कोशिश की जा रही है। दिल्ली के बच्चों के सपनों की उड़ान को रोकने की कोशिश की जा रही है। मैं शिक्षा विरोधी और समाज विरोधी राजनीतिक ताकतों से कहना चाहता हूं कि वो बच्चों की शिक्षा के रास्ते में रोडा न अटकाएं। क्योंकि सीएम अरविंद केजरीवाल का विजन और शिक्षा मॉडल वो खुश्बू है, जिसे कोई भी सीबीआई, ईडी रोक नहीं सकती। आज इस खुश्बू से दिल्ली और पंजाब महक रहा है। कल पूरा देश महकेगा।

स्कूलों और छात्रों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा करना है सरकार का मकसद

2015 में दिल्ली सरकार ने ‘एक्सीलेंस इन एजुकेशन अवार्ड्स’ की शुरूआत की थी। तभी से शिक्षा निदेशालय दिल्ली सर्वश्रेष्ठ स्कूलों और मेधावी छात्रों को हर साल सम्मानित करता है। ‘एक्सीलेंस इन एजुकेशन अवार्ड्स’ योजना का उद्देश्य स्कूलों और छात्रों के बीच अकादमिक क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए सहयोग और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करना है। हर साल ‘एक्सीलेंस इन एजुकेशन अवार्ड्स’ से उन मेधावी छात्रों को सम्मानित किया जाता है, जो 10वीं और 12वीं कक्षा में सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं और शिक्षा के क्षेत्र में उनकी शानदार उपलब्धियों और अनुकरणीय कार्य करने वाले सर्वश्रेष्ठ स्कूल हैं।

चार कटेगरी में सर्वश्रेष्ठ स्कूलों और मेधावी छात्रों को किया गया सम्मानित

‘एक्सीलेंस इन एजुकेशन अवार्ड्स 2022’ चार कटेगरी में दिया गया। हर कटेगरी में पुरस्कृत होने वाले मेधावी छात्रों और स्कूलों को एक प्रमाण पत्र, एक ट्रॉफी और नकद पुरस्कार दिया गया। पुरस्कार की राशि सभी को चेक के जरिए दी गई। पहला पुरस्कार स्टेट बेस्ट सरकारी स्कूल का दिया गया। यह पुरस्कार दिल्ली में सर्वश्रेष्ठ स्कूल को एक लाख रुपए का चेक दिया गया। दूसरा पुरस्कार डिस्ट्रिक्ट बेस्ट स्कूल का दिया गया। इसमें हर जिले से एक स्कूल का चयन किया गया था। इस प्रकार कुल 11 स्कूलों को डिस्ट्रिक्ट बेस्ट सरकारी स्कूल अवॉर्ड से नवाजा गया और हर स्कूल को 50-50 हजार रुपए का चेक दिया गया। तीसरा पुरस्कार जोनल बेस्ट सरकारी स्कूल का दिया गया। इसमें आरपीवीवी, स्कूल ऑफ एक्सीलेंस, बेस्ट गवर्नमेंट एडेड स्कूल्स और बेस्ट रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट अनएडेड स्कूल्स को दिया गया। इसके तहत 21 स्कूलों को चयनित किया गया था और सभी को 21-21 हजार रुपए का चेक दिया गया। वहीं, चौथा पुरस्कार टॉपर्स छात्रों को दिया गया। इसके अंतर्गत सरकारी स्कूलों के साथ ही आरपीवीवी, स्कूल ऑफ एक्सीलेंस, एडेड स्कूलों के मेधावी छात्रों को सिल्वर मेडल, प्रमाण पत्र और 5-5 हजार रुपए की नकद राशि का चेक देकर पुरस्कृत किया गया।

चयन समिति ने स्कूलों और छात्रों का किया था चयन

चयन समिति ने विभिन्न मापदंडों के आधार पर इन सर्वश्रेष्ठ स्कूलों को चयनित किया। चयन के दौरान समिति ने स्कूलों का निरीक्षण कर वहां छात्रों का नामांकन, बुनियादी ढांचा और सुविधाएं, विभिन्न गतिविधियों में छात्रों और शिक्षकों की भागीदारी, सीबीएसई का परिणाम, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में छात्रों का प्रवेश, पुस्तकालय की स्थिति और छात्रों और काम करने वाले कर्मचारियों की की औसत उपस्थिति का आंकलन करने के उपरांत चयन किया। 10वीं और 12वीं कक्षा के 239 छात्रों को पुरस्कृत किया गया। साथ ही 50 दिव्यांग छात्रों को भी पुरस्कार दिया गया। इसके अलावा दिल्ली के 33 टॉपर स्कूलों को पुरस्कृत किया गया।

When expressing your views in the comments, please use clean and dignified language, even when you are expressing disagreement. Also, we encourage you to Flag any abusive or highly irrelevant comments. Thank you.

socialmedia