आप विधायक और डीडीए सदस्य सोमनाथ भारती ने दिल्ली के उपराज्यपाल और डीडीए अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखा है। इसमें 2041 के दिल्ली मास्टर प्लान (एमपीडी) को जल्दबाजी में पारित करने के एजेंडे का विरोध किया है। उन्होंने एलजी को पिछले मास्टर प्लान 2021 की याद दिलाई, जिसमें जमीनी हकीकत पर ध्यान न देने के कारण 500 से अधिक संशोधन करने पड़े थे।
वहीं मास्टर प्लान पर दोबारा विचार किए जाने की पत्र में मांग की है। मास्टर प्लान 2041 पर निर्णय लेने संबंधी बैठक को स्थगित करने का अनुरोध किया। इसके अलावा बैठक की तैयारी के लिए दस्तावेज को पढ़ने के लिए समय की कमी का हवाला देते हुए अनधिकृत कॉलोनियों के विकास का मुद्दा उठाया। उपराज्यपाल को पत्र लिखकर सोमनाथ भारती ने एलजी को याद दिलाया कि आबकारी नीति सहित अन्य नीतिगत फैसलों पर अंतिम निर्णय एलजी लेते हैं। जबकि उसकी अंतिम जिम्मेदारी दिल्ली के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के कंधों पर आ जाती है। ऐसा नहीं करना दिल्ली की जनता के साथ अन्याय होगा। मास्टर प्लान 2041 के भारी भरकम दस्तावेज के कारण सोमनाथ भारती ने उपराज्यपाल से बैठक स्थगित करने का अनुरोध किया, ताकि सदस्य दस्तावेज़ पर विस्तार से विचार कर सकें और एजेंडे पर पर्याप्त चर्चा सुनिश्चित कर सकें।
उन्होंने दिल्ली में निर्माण और विकास गतिविधियों के लिए मास्टर दस्तावेज़ के महत्व को दोहराया और एलजी से जल्दबाजी में दस्तावेज़ को मंजूरी नहीं देने का अनुरोध किया। सोमनाथ भारती ने एलजी को दिल्ली के पिछले ‘मास्टर प्लान 2021’ के बारे में याद दिलाते हुए बताया कि उसमें कम से कम 500 संशोधन किए गए थे। क्योंकि यह मास्टर प्लान दस्तावेज पर विस्तार से विचार किए बिना पारित किया गया था।
इस दौरान सोमनाथ भारती ने डीडीए द्वारा महरौली में किए गए विध्वंस का जिक्र करते हुए दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों के विकास के बारे में जानकारी की कमी का सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में और कोई अनधिकृत निर्माण न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जाने का प्रस्ताव है? दिल्ली में सभी अनधिकृत निर्माण पूरी तरह से डीडीए की निष्क्रियता के कारण हैं। पिछले वर्षों में डीडीए की ओर से बिल्डर माफिया को दिल्ली में खुली छूट दी गई है।