आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने कहा कि कोर्ट में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर सीबीआई जवाब नहीं दे पायी। बस रिमांड की मांग करती रही। कोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि मनीष सिसोदिया को दो बार पूछताछ की है फिर भी रिमांड क्यों मांग रहे हो, इसका सीबीआई के पास कोई जवाब नहीं था। सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को पॉलिसी में हेरफेर का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया है। जबकि पॉलिसी पर अंतिम मुहर उपराज्यपाल ने लगाई है। उप राज्यपाल से पूछताछ क्यों नहीं हो रही है? उनका नाम भी इस मामले में नहीं है। अगर निष्पक्ष जांच करानी है तो अडानी और दिल्ली के उपराज्यपाल की भी जांच हो। यह इस बात का सबूत है कि घोटाले की जांच नहीं हो रही है बल्कि प्रतिद्वंदिता और गंदी राजनीति के तहत सारा खेल हो रहा है। मनीष सिसोदिया की बस एक कमी है कि वह अरविंद केजरीवाल के दोस्त हैं और अडानी की खासियत है कि वह नरेंद्र मोदी के दोस्त हैं।
आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रभारी और कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करने के बाद सीबीआई ने राउस एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। कोर्ट के सामने उनकी रिमांड की मांग की। कोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि मनीष सिसोदिया को आपने दो बार बुलाकर पूछताछ की है फिर भी 5 दिन की रिमांड की मांग क्यों कर रहे हैं। इसका सीबीआई के पास कोई जवाब नहीं था। सीबीआई केवल जबरदस्ती रिमांड लेने की जिद्द पर अड़ी रही। जिसके बाद कोर्ट ने 5 दिन की रिमांड दी है।
उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया के घर, बैंक, ऑफिस और गांव सहित सैकड़ों जगह पर छापा मारने के बावजूद आज तक सीबीआई को कुछ नहीं मिला। इसके अलावा कल 8 घंटे की पूछताछ के बाद भी कुछ नहीं मिला तो आगे पांच दिन में भी कुछ मिलने वाला नहीं है। भाजपा की केंद्र सरकार के इशारे पर यह सारा खेल हो रहा है।सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि जिन तथ्यों के आधार पर सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया है कि उन्होंने पॉलिसी में हेराफेरी की है जबकि पॉलिसी पर अंतिम मुहर दिल्ली के उपराज्यपाल ने लगाई है। उपराज्यपाल से पूछताछ क्यों नहीं हो रही है। उनका नाम क्यों नहीं है। यह इस बात का सबूत है कि घोटाले की जांच नहीं हो रही है बल्कि प्रतिद्वंदिता और गंदी राजनीति के तहत सारा खेल हो रहा है। इसका शिकार मनीष सिसोदिया को बनाया जा रहा है। अगर एक्साइज पॉलिसी की जांच हो रही होती तो एलजी का भी नाम होता। उनको भी बुलाकर पूछताछ की जाती, क्योंकि एलजी के बिना कोई पॉलिसी का निर्माण नहीं होता है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि अगर भ्रष्टाचार की जांच हो रही होती तो अडानी के लिए भी एक नोटिस तो जरूर निकला होता। पूरा देश यह सोच रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोस्त अगर अडानी नहीं होते तो सीबीआई, ईडी सहित सभी एजेंसीयां इसकी जांच कर रहीं होती। मनीष सिसोदिया की बस एक कमी है कि वह अरविंद केजरीवाल के दोस्त हैं और नरेंद्र मोदी के राजनीति के खिलाफ हैं। अडानी की एक खासियत है कि वह नरेंद्र मोदी के दोस्त हैं। उनकी सारी राजनीति के लूट के सहभागी हैं। देश में इस तरह से लोकतंत्र नहीं चल सकता है। हम चाहते हैं कि जांच हो। अगर निष्पक्ष जांच करानी है तो अडानी और दिल्ली के उपराज्यपाल की भी जांच हो।
उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग पूछ रहे हैं कि जांच से क्यों घबरा रहे हो तो मैं बताना चाहता हूं कि इस देश का प्रधानमंत्री जांच से घबरा रहा है। क्योंकि पार्लियामेंट के अंदर सारे सवालों के आने के बाद ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी से जांच कराने मांग आई। प्रधानमंत्री ने लोक सभा और राज्यसभा के अंदर भी बोला लेकिन एक बार भी नहीं कहा कि अगर कोई गलती हुई है तो हम जांच कराएंगे। इससे पता चलता है कि जांच से आप डर रहे हो, हम नहीं डर रहे हैं। सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को पहले भी बुलाया था और कल भी बुलाया था। हमेशा उन्होंने सीबीआई के सवालों का जवाब दिया। जिस तरह से सीबीआई के माध्यम से गिरफ्तारी करा करके भाजपा दहशत फैलाना चाहती है। हम इसका जवाब देने के लिए तैयार है क्योंकि इस देश के अंदर लोकतंत्र और संविधान है। भाजपा जिस तरीके से देश की एजेंसियों पर कब्जा करके लोकतंत्र और संविधान को दबाना चाहती है, उसके खिलाफ आम आदमी पार्टी आवाज उठाएगी। आज हमने पूरे देश में भाजपा के खिलाफ आंदोलन किया है। आगे भी आम आदमी पार्टी आवाज उठाती रहेगी और आंदोलन करती रहेगी।