मोदी सरकार ने अरविंद केजरीवाल की देश भर में बढ़ती लोकप्रियता को रोकने और अपने घोटालों पर पर्दा डालने के लिए मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया है। अडानी की नौकरी करने वाली मोदी सरकार लाखों करोड़ रुपए के घोटाले में फंसी है। इससे देश का ध्यान भटकाने के लिए यह कार्रवाई की गई। दिल्ली पुलिस द्वारा आज ‘‘आप’’ मुख्यालय में घुसकर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट व उनको गिरफ्तार करने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए ‘‘आप’’ के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने यह बातें कहीं। वहीं, ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक एवं सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सीबीआई के अधिकतर अधिकारी मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ थे। उनके पास मनीष सिसोदिया के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करने का अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव था। इसलिए उन्हें अपने राजनीतिक आकाओं की बात माननी पड़ी।
राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने आगे कहा कि अडानी ने मॉरीशस में 6 फर्जी कंपनियां खोली और 42 हजार करोड़ रुपए का कालाधन अपनी कंपनियों में लगाया। देश जानना चाहता है कि अडानी की कंपनियों में किसका कालाधन लगा है? अगर इसकी जांच हो गई, तो पीएम मोदी बेनकाब हो जाएंगे। पीएम मोदी कुछ भी कर लें, लेकिन आम आदमी पार्टी उनके घोटाले को देश के घर-घर में पहुंचाने का काम करेगी।
मनीष सिसोदिया ने लाखों बच्चों को अच्छा भविष्य देने के लिए दिन-रात काम किया- संजय सिंह
पार्टी मुख्यालय में विधायक दिलीप पांडेय के साथ प्रेस वार्ता कर राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि देश में तानाशाह सरकार चल रही है। इस तानाशाह सरकार ने देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को जेल में डाल दिया। मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के लाखों बच्चों को अच्छा भविष्य देने के लिए दिन-रात काम किया। मनीष सिसोदिया के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। सीबीआई को मनीष सिसोदिया के घर, दफ्तर, गांव, बैंक लॉकर में कुछ नहीं मिला है। जबकि उन पर 10 हजार करोड़ रुपए रिश्वत लेने का आरोप लगाया जा रहा है। सीबीआई को कोई संपत्ति, पैसा, कागजात मिलना चाहिए। मोदी सरकार ने राजनीतिक और अपने घोटालों पर पर्दा डालने के लिए मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया है। अडानी की नौकरी करने वाली मोदी सरकार लाखों करोड़ रुपए के घोटाले में फंसी हुई। उससे ध्यान भटकाने के लिए मनीष सिसोदिया पर कार्रवाई की जा रही है। यह कार्रवाई ऐसे समय में हो रही है, जब संसद में अडानी की जांच के लिए जेपीसी बनाने की मांग की गई है।
पीएम मोदी नहीं चाहते कि देश में कोई ऐसी सरकार चले, जो देश और दुनिया के लिए उदाहरण बने- संजय सिंह
राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि अडानी को मोदी सरकार ने कोयला, बिजली, पानी, सड़क, स्टील, सीमेंट, सी-पोर्ट और एयरपोर्ट दे दिया है। मोदी सरकार ने आकाश से लेकर पाताल तक सबकुछ दे दिया है। इसके अलावा, 2.5 लाख करोड़ रुपए का कर्ज दिया है और 86 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया है। वहीं, अडानी ने मॉरीसस में एक ही पते पर 6 फर्जी कंपनियां खोली और 42 हजार करोड़ रुपए का कालाधन अपनी कंपनियों में लगाया। ऐसी से कई कैरेबिआई देशों में फर्जी कंपनियां खोलकर अडानी ने हजारों करोड़ रुपए अपनी कंपनी में लगाया। प्रधानमंत्री मोदी से पूरा देश पूछ रहा है कि यह कालाधन किसका है? यह कालाधन मोदी जी का है, भाजपा का है, आपके अधिकारियों का है या फिर आतंकवादियों का है। अडानी की कंपनियों में किसका कालाधन लगा है। अगर इसकी जांच हो जाएगी, तो पीएम मोदी का चेहरा पूरे देश के सामने बेनकाब हो जाएगा। इसी वजह से मनीष सिसोदिया का मामला उठाया गया है। अरविंद केजरीवाल की सरकार पूरे देश में सबसे बेहतरीन कार्य कर रही है। अनुकरणीय कार्य कर रही है। सरकार लोगों को फ्री बिजली, पानी, स्वास्थ्य की सुविधाएं दे रही है और बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करा रही है। इतने जनहित के कार्य करने के बावजूद मुनाफे का बजट दे रही है। यही पीएम मोदी के गले की हड्डी बन गई है। वो नहीं चाहते हैं कि देश में कोई ऐसी सरकार चले, जो देश-दुनिया के लिए उदाहरण बनें। अमेरिका के राष्ट्रपति की पत्नी हिन्दुस्तान आती हैं, तो वो केजरीवाल सरकार के स्कूल देखने को कहती हैं और मनीष सिसोदिया द्वारा बनाए स्कूल देखने जाती हैं। पूरे देश में अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता बढ़ रही है। उससे बौखलाकर मोदी सरकार द्वारा यह कार्रवाई की जा रही है। यह तानाशाही की इंतेहां है और इस तानाशाही का अंत जरूर होगा।
लोकतंत्र में किसी की तानाशाही लंबे समय तक नहीं चल सकती, देश की जनता इंसाफ जरूर करेगी- संजय सिंह
राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि यह पूरा देश देख रहा है कि एक तरफ लाखों करोड़ रुपए की लूट करने वाला पीएम मोदी का मित्र अडानी है, जिस पर सीबीआई, सेबी, ईडी, इनकम टैक्स विभाग खामोश है। अडानी के पोर्ट से हजारों करोड़ रुपए कीमत की ड्रग्स पकड़ी गई, लेकिन सभी एजेंसियां खामोश हैं। एक तरफ लाखों करोड़ रुपए का घोटाला करने वाला पीएम मोदी का मित्र अडानी है, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है और दूसरी तरफ लाखों बच्चों भविष्य बनाने वाले मनीष सिसोदिया को जेल में डाला जा रहा है। एक दिन देश की जनता इंसाफ जरूर करेगी। यह लोकतंत्र है। लोकतंत्र में किसी की तानाशाही लंबे समय तक नहीं चल सकती। मोदी सरकार इन मुकदमों से हमें डरा रही है। लेकिन उनको आम आदमी पार्टी का इतिहास जानना चाहिए। आम आदमी पार्टी आंदोलन की कोख से पैदा हुई है। हम अडानी के नौकरों से नहीं डरते हैं। हमें एफआईआर, मुकदमों और गिरफ्तारी का डर न दिखाया जाए। पीएम मोदी कुछ भी कर लें, लेकिन उनके घोटाले को देश के घर-घर में पहुंचाने का काम आम आदमी पार्टी करेगी। आम आदमी पार्टी पूरे देश के सामने ‘मोदी-अडानी भाई-भाई, देश बेचकर खाई मलाई’ के रिश्ते को उजागर करेगी। मोदी सरकार की इस प्रकार की कार्रवाई से आम आदमी पार्टी रूकने वाली नहीं है।
मोदी सरकार ने तानाशाही, अन्याय और अत्याचार के सारे कीर्तिमान तोड़ दिए हैं- संजय सिंह
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी है। इसके बावजूद हमारे पार्टी मुख्यालय के अंदर पुलिस भेजी गई और पुलिस हमारे कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट और गिरफ्तार कर रही है। मोदी सरकार की यह बहादुरी बेइमानों के खिलाफ क्यों नहीं आती है? यह बहादुरी अडानी के खिलाफ क्यों नहीं दिखाते हैं? ‘‘आप’’ के दफ्तर में छापेमारी की जा रही है, लेकिन यह दिन बदलेगा। पीएम मोदी ने मनीष सिसोदिया के साथ अच्छा नहीं किया। मनीष सिसोदिया देश के करोड़ों बच्चों के दिलों में बसते हैं। देश भर में बच्चों के माता-पिता चाहते हैं कि देश का शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया जैसा हो। पीएम मोदी ने दिल्ली के बच्चों को दुखी किया है। बच्चे भगवान का रूप होते हैं। मनीष सिसोदिया इन बच्चों के लिए दिन-रात काम कर रहे थे। प्रधानमंत्री को दिल्ली सरकार के स्कूलों की तश्वीरें देखनी चाहिए कि आज अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के प्रयासों के बाद सरकारी स्कूलों की क्या हालत है और 2015 से पहले क्या थी? एक दिन तानाशाही का अंत जरूर होगा और देश की जनता पीएम मोदी की तानाशाही का अंत करेगी। प्रधानमंत्री ने तानाशाही, अन्याय और अत्याचार के सारे कीर्तिमान तोड़ दिए हैं।
‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मुझे बताया गया है कि ज्यादातर सीबीआई अधिकारी मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ थे। वे सभी अधिकारी उनका बहुत सम्मान करते हैं और उनके पास मनीष सिसोदिया के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। लेकिन उन्हें गिरफ्तार करने का राजनीतिक दबाव इतना अधिक था कि उन्हें अपने राजनीतिक आकाओं की बात माननी पड़ी।’’