भाजपा की केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त एलजी वीके सक्सेना का झूठ सबके सामने आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि मेयर चुनाव में मनोनीत पार्षदों के वोट डालने को लेकर एलजी झूठ बोल रहे थे। इसके बाद आम आदमी पार्टी ने एलजी वीके सक्सेना से इस्तीफा मांगा है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से यह साबित हो गया कि एलजी और बीजेपी मिलकर आए दिन दिल्ली में गैरकानूनी और असंवैधानिक आदेश पारित कर रहे हैं। एससी का आदेश जनतंत्र की जीत है। ढाई महीने बाद अब दिल्ली को मेयर मिलेगा। ‘आप’ के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में मेयर चुनावों को लेकर आम आदमी पार्टी की संवैधानिक जीत हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा उससे साबित होता है एलजी झूठ बोल रहे थे। एलजी वीके सक्सेना के लिए आज काला दिन है। उनके अंदर थोड़ा भी लिहाज़ बाकी है तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने साबित किया कि एलजी ने झूठ बोला और बेईमानी की। इससे बीजेपी-एलजी पूरे देश के सामने एक्सपोज हो गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी लोग जानते हैं कि मनोनीत पार्षद वोट नहीं डाल सकते। इसके बावजूद एलजी खुलेआम बेइमानी कर रहे थे। एमसीडी में आम आदमी पार्टी को बहुमत मिलने के बाद एलजी-बीजेपी ने षड्यंत्र किया कि ‘आप’ सरकार ना बना पाए। क्या अब हर बात के लिए दिल्ली के लोगों को कोर्ट जाना पड़ेगा? देश के प्रजातंत्र को सिर्फ सुप्रीम कोर्ट बचा सकता है, बाकि सब संस्थान खत्म हो गए हैं।
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने पार्टी मुख्यालय में आज महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम के चुनाव मार्च 2022 में होने थे। अब 2023 का मार्च आने वाला है। केंद्र सरकार ने बेइमानी से कई बार इस चुनाव को टाला। दिल्ली में कभी यूनिफिकेशन, कभी डिलिमिटेशन के नाम पर चुनाव टाला गया। आखिर में किसी तरह से चुनाव हो गया और दिल्ली वालों ने आम आदमी पार्टी को बहुमत दिया। इसके बाद दिल्ली को मेयर न मिल सके और एमसीडी में कोई सरकार न आ सके, इसके लिए षड्यंत्र शुरू हो गए। भाजपा की केंद्र सरकार और उपराज्यपाल ने दिल्ली के लोगों के खिलाफ षडयंत्र किया। हम हैरान थे कि पिछले 2 माह से यह षडयंत्र खुल्लम खुल्ला सबके सामने चल रहा है। इसमें किसी प्रकार का कोई कंफ्यूजन नहीं था। कोई भी आदमी जो कानून नहीं जानता अगर वह भी संविधान का आर्टिकल 243 और डीएमसी एक्ट सेक्शन 3 ए पढ़ेगा तो वह साफ बताएगा कि नॉमिनेटेड काउंसलर वोट नहीं डाल सकते हैं। भारत की हजारों नगर निगमों के अंदर पांच साल में चुनाव होता है। इनमें कई बार मेयर का चुनाव हो चुका है। सबको पता है कि नॉमिनेटेड पार्षद वोट नहीं डाल सकते हैं। मगर बेइमानी खुल्लम खुल्ला हो रही है। इस बेइमानी को साबित करने के लिए आम आदमी पार्टी को भारत की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट में जाना पड़ा। यह हमारे देश का दुर्भाग्य है।
उन्होंने कहा कि हम सभी खुशी मना रहे हैं कि आम आदमी पार्टी की संवैधानिक जीत हो गई है। लेकिन प्रजातंत्र के सामने सबसे बड़ा सवाल है कि क्या दिल्ली के लोगों को हर बात के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ेगा? सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने आज यह साबित कर दिया कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना झूठ बोलते हैं और बेइमानी कर रहे हैं। वह गैर कानूनी और गैर संवैधानिक बात डंके की चोट पर करते हैं। यह बहुत शर्म की बात है। यह खतरनाक संकेत हैं कि एलजी खुलकर बेइमानी करते हैं और कहते हैं कि मैं सही हूं। दिल्ली के लोग हर बात के लिए कोर्ट जाएं, क्या यह संभव है? कानून हर चीज के लिए है लेकिन कोई व्यक्ति शर्म त्याग दे तो उसका क्या करोगे? दिल्ली के लोगों के काम रोकने के लिए एलजी हर गैर संवैधानिक कार्य कर रहे हैं।
विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एलजी के अंदर अगर थोड़ी भी लिहाज आज बाकि है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। एलजी के लिए आज काला दिन है। सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया कि एलजी झूठ बोल रहे थे। एलजी के वकील तुषार मेहता कह रहा था कि नॉमिनेटड पार्षद वोट डाल सकते हैं और एलजी तीनों चुनाव एक साथ करा सकते हैं। पूरी दिल्ली के सामने आज एलजी की सच्चाई सामने आ गई है। भाजपा पूरे देश के सामने एक्सपोज हो गई है। टीवी चैनल पर दावे के साथ इनके प्रवक्ता, मंत्री, सांसद कहते थे कि मनोनीत पार्षद वोट डाल सकते हैं। हम उच्चतम न्यायालय को धन्यवाद देते हैं। पूरे हिन्दुस्तान में इकलौता संस्थान अब सिर्फ सुप्रीम कोर्ट बचा है। सीबीआई, इनकम टैक्स, ईडी, एनआईए, इलेक्शन कमीशन सहित कोई संस्थान नहीं बचा है। सिर्फ सुप्रीम कोर्ट बचा है जो देश के संविधान और प्रजातंत्र को बचा सकता है। दिल्ली के प्रजातंत्र को आज सुप्रीम कोर्ट ने बचाया है। हम आगे उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ही इस देश के अंदर प्रजातंत्र को बचा सकता है।