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Delhi Deputy Chief Minister and Education Minister Mr Manish Sisodia on Thursday said real quality education is one which realises important elements enshrined in the country’s Constitution.

Mr Sisodia said there should be absolute clarity among all stakeholders ranging from education ministers to departments, parents and students on the importance of Education.

Mr Sisodia was addressing an international conference on the topic Excellence in School Education organised by IIT Delhi.

The Deputy CM said it is his dream to see that all the school going students get quality education.

Citing his own example, Mr Sisodia said the country’s Constitution is always available on his mobile and whenever he faces any difficulty or hurdle in running the government or taking a decision, he goes through relevant provisions, which provide him inspiration to do things correctly and likewise for the entire humanity whatever is enshrined in the Constitution is a positive thing to follow.

The Deputy CM said important things enshrined in the Constitution unfortunately do not find a mention at public places including police stations, jails or even at award functions, but these are mentioned in school text books with a specific purpose, which all of us need to understand.

  

 

संविधान के सपनों को सच करने वाली शिक्षा ही गुणवत्ता वाली शिक्षा : मनीष सिसोदिया

आईआईटी, दिल्ली में 700 से ज्यादा प्राइवेट स्कूलों के प्रधानाचार्यों को दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने संबोधित किया

नई दिल्ली। सबसे पहले ये तय होना चाहिए कि शिक्षा क्यों? शिक्षा मंत्री से लेकर शिक्षा विभाग तक, पैरेंट्स से लेकर बच्चे तक, प्रिंसिपल से लेकर शिक्षक तक सबके दिमाग में ये स्पष्ट होना चाहिए कि शिक्षा क्यों? मेरा मानना है कि संविधान में लिखी गई बातों को सच करने वाली शिक्षा ही गुणवत्ता वाली शिक्षा है। बच्चों को ऐसी शिक्षा मिले, ये मेरा सपना है और हम इस दिशा में काम कर रहे हैं। एक्सीलेंस इन स्कूल एजुकेशन विषय पर गुरुवार को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी), दिल्ली में आयोजित एक इंटरनेशनल कांफ्रेस में दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ये बात कही। इस कार्यक्रम में देशभर से 700 से ज्यादा प्राइवेट स्कूलों के प्रधानाचार्यों और अनेक शिक्षाविदों ने हिस्सा लिया।

शिक्षा मंत्री ने कहा, मानव जाति के लिए इससे बढ़िया सपना और कुछ नहीं हो सकता जो हमने अपनी संविधान की संकल्पना में लिखा है। मैं इसे मोबाइल में रखता हूं। सरकार चलाने में जब हमारे सामने अड़चनें आती हैं, तब इसे जरूर पढ़ लेता हूं। इससे मुझे प्रेरणा मिलती है कि मैं तो इस सपने को पूरा करने के लिए आया हूं।

मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि संविधान की ये बातें थाने के सामने नहीं लिखी जातीं, जेल में भी नहीं लिखी जातीं, अवार्ड कार्यक्रमों में भी इसे नहीं लिखा जाता, इन्हें हमारे बच्चों की किताबों में लिखा जाता है तो इसका कुछ उद्देश्य है। हमें इस उद्देश्य को समझना होगा। हम बच्चों को फिजिक्स पढ़ाएं, कैमिस्ट्री पढ़ाएं,हिंदी पढ़ाएं, अंग्रेजी पढ़ाएं, जो भी पढ़ाएं लेकिन शिक्षक के दिमाग में इसको लेकर स्पष्टता होनी चाहिए। एक शिक्षक के दिमाग में स्पष्ट होना चाहिए कि अगर मैं एटॉमिक एनर्जी पढ़ा रहा हूं तो उसका संविधान की संकल्पना में लिखे सपने को सच करने से क्या लेना-देना है। स्पष्टता होगी तो वो इसे जरूर पूरा कर पाएगा।

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sudhir

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