दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज गाजीपुर बाॅर्डर पर और दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष एवं जल मंत्री सत्येंद्र जैन और डीजेबी के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने सिंघु बाॅर्डर पर पहुंच कर कृषि कानूनों के खिलाफ धरनारत किसानों के लिए पानी और शौचालय समेत अन्य बुनियादी जरूरतों की केजरीवाल सरकार की ओर से की गई व्यवस्था का जायजा लिया। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि किसान अन्न उपजा कर देश का पेट भरता है, उसे गद्दार और हिंसक कहना दुर्भाग्यपूर्ण है। देश के लिए मर-मिटने वाले सिख समाज को अपने पूंजीपति साथियों के दबाव में आकर केंद्र सरकार में बैठे लोग गद्दार कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को हुई हिंसा की जांच होनी चाहिए और असल गुनाहगारों पर कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही, हिंसा करने वालों का केंद्र की बीजेपी सरकार के साथ संबंधों की भी जांच होनी चाहिए। सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा भेजे गए पानी के टैंकर को भाजपा के आदेश पर पुलिस ने किसानों तक पहुंचने नहीं दिया। किसान दिल्ली के अतिथि हैं। यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम उनको पीने का पानी और टॉयलेट जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराएं और वह हम करेंगे। वहीं, राघव चड्ढा ने कहा कि देश के किसान गद्दार और आतंकवादी नहीं हैं, भाजपा की सरकार उनके साथ गद्दार और आतंकवादी की तरह व्यवहार करना बंद करे।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस बात पर दुख जताया कि योगी सरकार ने आंदोलन स्थल पर किसानों की बिजली व पानी की व्यवस्था बंद कर दी है। उन्होंने किसानों से मिलकर उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को पेयजल व अन्य बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की है। आम आदमी पार्टी हमेशा किसानों और देशभक्त कौम सरदारों के साथ है। गुरुवार रात किसान नेता राकेश टिकैत के आग्रह करने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों के लिए पेयजल और शौचालयों की व्यवस्था की है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जो किसान अन्न उपजा कर देश का पेट भरता है, उसे गद्दार और हिंसक कहना दुर्भाग्यपूर्ण है। इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि देश के लिए मर-मिटने वाले सिख समाज को अपने पूंजीपति साथियों के दबाव में आकर केंद्र सरकार में बैठे लोग गद्दार कह रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार चंद पूंजीपतियों के दबाव में आकर देश के करोड़ों किसानों के हितों को हाशिए पर रखकर अपनी दमनकारी नीतियों से किसानों के आंदोलन को खत्म करना चाहती है। श्री सिसोदिया ने कहा कि 26 जनवरी को जो हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण था। यदि केंद्र सरकार दो महीने पहले ही किसानों की बात मान लेती, तो यह नौबत नहीं आती। इस प्रायोजित हिंसा की जांच होनी चाहिए और असल गुनाहगारों पर उचित कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही, हिंसा करने वालों के केंद्र की बीजेपी सरकार के साथ के संबंधों की जांच करनी चाहिए। प्रायोजित हिंसा के जरिए किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश की गई। केंद्र सरकार को किसानों पर आरोप लगाने के बजाय किसान के हितों को ध्यान में रखते हुए तीनों काले कानूनों को वापस लेना चाहिए।
वहीं, सिंघु बाॅर्डर पर किसानों के लिए पेयजल और शौचालय की व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे डीजेबी अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने कहा कि किसानों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी से पीने के लिए पानी की मांग की थी। किसानों की मांग के तत्काल बाद दिल्ली सरकार ने धरना स्थल पर पानी के टैंकर भेज दिए थे। आज उसी का जायजा लेने मैं और राघव चड्ढा सिंघु बॉर्डर पहुंचे थे। यह देख कर मुझे विश्वास नहीं हुआ कि दिल्ली सरकार द्वारा भेजे गए पानी के टैंकरों को भाजपा के आदेश पर पुलिस ने किसानों तक पहुंचने नहीं दिया। दिल्ली सरकार द्वारा भेजे गए पानी के टैंकर रात से ही यहां खड़े हुए हैं, जिनको पुलिस अंदर जाने नहीं दे रही है। स्थिति यह है कि पुलिस टैंकर को रोकने के लिए लिखित में मिले आदेश तक को नहीं दिखा सकी है। किसानों को पीने का पानी मिलने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि पानी एक मूलभूत आवश्यकता है और किसानों तक पानी न पहुंचने देना मानवाधिकारों का एक बहुत बड़ा उल्लंघन है। इसके साथ-साथ भाजपा टॉयलेट की सफाई करने वाली गाड़ी भी अंदर नहीं जाने दे रही है।
सत्येंद्र जैन ने कहा कि भाजपा ऐसा कर के बहुत बड़ा अपराध कर रही है। मेरी भाजपा के नेताओं से अपील है कि इस पानी को हमारे अन्नदाताओं तक पहुंचने से न रोकें। किसान हमारे अन्नदाता हैं, किसान हमारे लिए अन्न उपजाते हैं। भाजपा को लग रहा है कि अगर किसानों को भूखा-प्यासा छोड़ेंगे, तो यह किसान वापस चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह किसान दिल्ली के अतिथि हैं। यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि उनको पीने का पानी और टॉयलेट जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराएं और वह हम करेंगे। केंद्र सरकार को अपना अहंकार त्याग कर कृषि कानूनों को रद्द कर देना चाहिए।
इस दौरान मौजूद दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि देश का किसान गद्दार और आतंकवादी नहीं है। देश का किसान हमारा अन्नदाता है। किसान जो अन्न उगाता है, वही हम लोग खाते हैं, प्रधानमंत्री भी वही खाते हैं, संत्री भी वही खाता है और सड़क पर सो रहा गरीब आदमी भी वही खाता है। आज उस अन्नदाता तक पानी, लंगर और शौचालय की बुनियादी सुविधाएं भाजपा की सरकार नहीं पहुंचाने दे रही है। आज स्वयं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आदेश पर किसानों को पानी मुहैया कराने के लिए हमारी सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन और मैं खुद विधायकों के साथ यहां आए हैं। हम दिल्ली पुलिस से कहना चाहते हैं कि अगर भाजपा की सरकार ने आपको आदेश दिया है कि किसान को पानी नहीं मिलना चाहिए, तो लिखित में हमें आदेश दिखाएं, आप ऐसे पानी देने से रोक नहीं सकते हैं। हम लोग देश के किसानों तक पानी पहुंचाएंगे और शौचालय की सुविधा भी उसे देंगे।
राघव चड्ढा ने कहा कि भाजपा की सरकार देश के किसान को गद्दार और आतंकवादी की तरह व्यवहार करना बंद करें। सीएम अरविंद केजरीवाल ने सेवादार की भूमिका में यहां पर जगह-जगह वाईफाई लगवाए। आज यहां पर सारे नेटवर्क को धीमा (डाउन) कर दिया गया है, ताकि किसान इंटरनेट सेवा प्राप्त न कर सकें और शौचालय हटा दिए गए हैं। साफ पानी पीना और शौच करना हमारा मानवाधिकार है, आज देश में मानव अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है, यह कैसे सहा जा सकता है। केजरीवाल सरकार और आम आदमी पार्टी ने यहां पर सेवादार की भूमिका में लंगर की व्यवस्था की थी, उसे भी 26 जनवरी को बंद करा दिया गया। हमें वह लंगर सेवा भी शुरू नहीं करने दी जा रही है। आज देश के अन्नदाताओं से अन्न छीनने, पानी छीनने और शौचालय की जो व्यवस्था यहां बनाई गई, वह छीनने का काम भाजपा और नरेंद्र मोदी की सरकार कर रही है, इससे ज्यादा दुखद कुछ और नहीं सकता है।