सरकार के वकीलों द्वारा दाखिल किए गए हलफनामे से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी एवं विधायक विजेंद्र गुप्ता का झूठ दिल्ली की जनता के सामने है: राजेंद्र पाल गौतम
जेल में डाले गए सभी 96 दलित युवकों को बाइज्जत बरी किया जाए :अजय दत्त
नई दिल्ली 19 अक्टूबर 2019
पार्टी मुख्यालय में हुई एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने बताया कि बीते दिनों दिल्ली में सैकड़ों वर्षों पुराने संत रविदास जी के मंदिर को केंद्र सरकार द्वारा गिरवा दिया गया था, इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के अंदर केंद्र सरकार के वकीलों ने हलफनामा दायर किया है जिसमें उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उसी जगह पर दोबारा से मंदिर के निर्माण हेतु 200 मीटर जमीन देने को तैयार है।
हलफनामे का हवाला देते हुए राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि इससे एक बात साबित हो गई है कि भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी तथा भाजपा के विधायक विजेंद्र गुप्ता जी इतने समय से दिल्ली की जनता के सामने एक झूठ फैला रहे थे, कि संत रविदास मंदिर मामले का समाधान दिल्ली सरकार की ओर से होना है। संत रविदास मंदिर को केंद्र शासित डीडीए ने गिराया था, यह तो जगजाहिर था ही, साथ ही सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के वकीलों द्वारा दायर किए गए हलफनामे से यह साबित हो गया है कि मंदिर की जमीन केंद्र शासित डीडीए के अधीन ही थी और उस पर निर्माण की अनुमति केंद्र सरकार के द्वारा ही मिलनी थी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने पहले भी कहा था कि यह जमीन केंद्र शासित डीडीए के अधीन आती है। डीडीए इस जमीन को डिनोटिफाई करके भेजें तो हम तुरंत प्रभाव से इस पर कार्यवाही करते हुए जो भी प्रक्रियाएं दिल्ली सरकार की तरफ से होनी है वह सब प्रक्रिया पूर्ण करेंगे। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में मैंने स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं डीडीए के चेयरमैन को चिट्ठी भी लिखी थी। जब दोनों की ओर से हमारी चिट्ठी का कोई जवाब नहीं आया तो हमने इसके विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन भी किया। आम आदमी पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं ने संत रविदास जी के मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग को लेकर भाजपा कार्यालय का घेराव भी किया था। इसके बाद 21 अगस्त को हमने अंबेडकर भवन से लेकर रामलीला मैदान तक एक पैदल मार्च का भी आयोजन किया, जिसमें देशभर के दलित समाज से जुड़े लोगों ने लाखों की संख्या में हिस्सा लिया।
अगर भारतीय जनता पार्टी की सरकार चाहती तो संत रविदास जी के मंदिर को टूटने से रोका जा सकता था। क्योंकि भाजपा और उसके सभी नेता पहले से ही जानते थे कि जिस भूमि पर मंदिर स्थित है वह भूमि केंद्र शासित डीडीए के अधीन आती है। परंतु क्योंकि भाजपा दलित समुदाय के प्रति एक क्षीण मानसिकता रखी है, उस घृणित मानसिकता के चलते ही भाजपा ने मंदिर को तोड़ने की कार्यवाही को नहीं रोका, जिसके कारण देश में इतना बड़ा आंदोलन हुआ और रविदास मंदिर के निर्माण की मांग करते दर्जनों मासूम दलित युवकों को जेल जाना पड़ा।
प्रेस वार्ता में मौजूद आम आदमी पार्टी के अंबेडकर नगर से विधायक अजय दत्त ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा की 10 अगस्त को संत रविदास जी का मंदिर केंद्र सरकार और डीडीए द्वारा तोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि हम पहले दिन से ही इस बात को कहते आ रहे हैं और विधानसभा में भी हमने यह मुद्दा उठाया कि मंदिर की जमीन केंद्र सरकार शासित डीडीए के अधीन आती है और उस पर मंदिर निर्माण की अनुमति केंद्र सरकार की ओर से ही मिलनी है। परंतु इतने लंबे समय से केंद्र सरकार और भाजपा के नेता दिल्ली और देश की जनता को गुमराह करते आ रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने न केवल झूठ बोला, बल्कि लाखों दलित युवक जो शांतिपूर्ण तरीके से मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग कर रहे थे, भाजपा सरकार ने उन पर लाठियां चलवाई और 96 निर्दोष लोगों को जेल में बंद कर दिया गया।
अजय दत्त ने कहा कि आज केंद्र सरकार रविदास जी के मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए जमीन देने के लिए राजी हो गई है। परंतु पिछले 2 महीने से जो 96 युवक जेल में बंद पड़े हैं उनके साथ जो अत्याचार हुआ उसका हिसाब कौन देगा? हम भाजपा से पूछना चाहते हैं कि बीजेपी ने दलितों पर अत्याचार क्यों किया?
अजय दत्त ने मीडिया के माध्यम से केंद्र की भाजपा सरकार के समक्ष कुछ मांग रखी। उन्होंने कहा कि 2 महीने से जो 96 युवक जेलों में बंद हैं, उनके 2 महीने की जिंदगी जो आपने खराब की, सरकार उसकी भरपाई करे। दूसरा, जो भी केस उन 96 युवकों पर लगाए गए हैं, वह सभी केस वापस लिए जाएं और सभी को बाइज्जत बरी किया जाए। तीसरा, संत रविदास जी के मंदिर निर्माण हेतु जमीन पर निर्णय लेने का अधिकार मंदिर समिति को दिया जाए। मंदिर समिति तय करेगी के मंदिर निर्माण के लिए कितनी जमीन चाहिए।
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