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दिल्ली में वायु प्रदूषण 25 फीसदी कम हुआ है : अरविंद केजरीवाल
 
–    मुख्यमंत्री ने पराली के कारण होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए जनता से सुझाव मांगे
–    मुख्यमंत्री ने दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए सभी एजेंसियों और नागरिकों का धन्यवाद किया
 Dated : 06-9-2019
 
नई दिल्ली। “दिल्ली में वायु प्रदूषण 25 फीसदी कम हुआ है। दिल्ली के लोगों को मैं खुशखबरी देना चाहता हूं कि कई सालों की मेहनत के बाद दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के बजाय कम होना शुरू हो गया है। पिछले तीन साल में दिल्ली में प्रदूषण में काफी कमी आई है।
हम सब दिल्ली के लोग प्रदूषण की बढ़ती समस्या को लेकर बहुत चिंतित रहते हैं। दुनिया के टॉप 10 प्रदूषित शहरों में टॉप के दो शहर गुरुग्राम और गाजियाबाद हैं। दिल्ली 11वें नंबर पर है।“ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ये बातें कहीं।    
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली पलूशन कंट्रोल बोर्ड और सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड के आंकड़े यह दर्शाते हैं कि पिछले 3 सालों में दिल्ली के प्रदूषण स्तर मेंकाफी कमी आई है। सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड ने 38 पलूशन मॉनिटरिंगस्टेशंस के आंकड़ों के आधार पर संसद में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है। प्रस्तुत रिपोर्ट के मुताबिक 2012 से 2014 के बीच पीएम 2.5 (यह ज्यादा महीन पार्टिकल होता है। यह ज्यादा नुकसानदायक होता है।) का स्तर 154था, जो कि 2016 से 2018 के बीच में घटकर 115 रह गया है। यानी पीएम2.5 में 25% की कमी आई है। दिल्ली का लगभग 25% प्रदूषण कम हो गया है। इसी प्रकार से 2011 से 2014 के बीच प्रतिवर्ष लगभग 40 दिन प्रदूषण के लिहाज से सबसे खतरनाक स्थिति वाले दिन हुआ करते थे जो पिछले तीन साल में घटकर मात्र 15 दिन रह गए हैं।
 
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पूरी दुनिया में और हमारे देश के सभी राज्यों में जहां प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है वहीं दिल्ली में अब प्रदूषण धीरे-धीरे घटता जा रहा है। जिस गति से दिल्ली में जनसंख्या, आधुनिक सेवाओं तथा वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है,अगर हमने जरूरी कदम नहीं उठाएहोते, तो देश के बाकी हिस्सों की तरह दिल्ली में भी प्रदूषण बहुत तेजी सेबढ़ता। लेकिन दिल्ली में न केवल प्रदूषण पर रोक लगी है बल्कि प्रदूषण की मात्रा में 25% तक कमी आई है। इतना ही नहीं, 2012 से 2014 के बीच अर्थात तीन साल में कुल 12 दिन प्रदूषण के लिहाज़ से गुड कैटेगरी या वेरी गुड कैटिगरी में थे, जबकि 2016 से2018 के बीच में इनकी संख्या बढ़कर205 दिन हो गई। इस प्रकार से दिल्ली में प्रदूषण में बहुत सुधार हुआ है। परंतु यह पर्याप्त नहीं है। हमें और भी बहुत सुधार करना है।
 
उन्होंने ये भी कहा कि अच्छी बात ये है कि इससे पता चलता है कि जो कदम उठाये जा रहे हैं, वो सही दिशा में है, वे कदम नतीजे ला रहे हैं, प्रदूषण कम होने लगा है। यह मात्र दिल्ली सरकार के प्रयासों से संभव नहीं हुआ इसमें बहुत सारी एजेंसीज का योगदान है, मैं उन सभी का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। केंद्र सरकार का शुक्रिया। नगर निगमों का शुक्रिया। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने बहुत सारे ऑर्डर जारी किये, जिनका हमने पालन किया, सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया। एन्वायरनमेंट पलूशन कंट्रोल अथॉरिटी (एप्का) का शुक्रिया। आरडब्ल्यू, मीडिया, सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट का शुक्रिया। प्रदूषण कम करने की दिशा में  दिल्ली के लोगों का बहुत बड़ा योगदान है। इसके लिए सभी दिल्लीवालों को शुक्रिया।
 
 
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण में कमी कैसे आई, इसको लेकर हमने एक एनालिसिस करवाई है, जिससे पता चला है कि कौन-कौन से कदम कारगर साबित हुए। सबसे ज्यादा असर इस बात का हुआ है कि दिल्ली में अब24 घंटे बिजली रहने लगी है। 2014 में दिल्ली में 11.7 करोड़ यूनिट बिजली के पावरकट लगे थे, जबकि पिछले साल मात्र 1.7 करोड़ यूनिट बिजली के पावर कट लगे। यानी दिल्ली में 80 फीसदी से 90 फीसदी तक बिजली के पावर कट में कमी आई है। लोगों ने जेनरेटर का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है। एक आंकलन के मुताबिक दिल्ली में पहले लगभग पांच लाख से भी अधिक जनरेटर इस्तेमाल होते थे। पहले बाजारों में हर दुकान पर जेनरेटर होता था। इनसे बहुत ज्यादा प्रदूषण होता था। जेनरेटर का इस्तेमाल लगभग बंद हो गया है, इसका सबसे ज्यादा असर प्रदूषण नियंत्रण पर हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के आसपास के चार शहरों- गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और नोएडा- में कुल मिलाकर लगभग साढ़े पच्चीस लाख केवीए के डीज़ल जेनरेटर इस्तेमाल किए जा रहे हैं। इन शहरों में काफी बिजली कटौती होती है। अगर केवल 2 घंटे के लिए अगर बिजली चली जाए तो यह सभी जेनरेटर मिलकर 1000 किलो प्रदूषण पैदा करते हैं। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की एक रिपोर्ट है जो यह कहती है कि अगर किसी इलाके में डीजल जेनरेटर चलते हैं तो उसकी वजह से वहां 30% से लेकर50% तक प्रदूषण बढ़ता है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल वे बनने से भी दिल्ली में प्रदूषण में काफी कमी आई है। पहले दिल्ली में हजारों की संख्या में ट्रक रात में गुजरते थे, जिसके कारण बहुत बड़ी मात्रा में दिल्ली में प्रदूषण होता था। जब से यह ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल वे बने हैं और इसके साथ-साथ एनवायरनमेंटल कंपनसेशन चार्जेस लगा दिये गये, जो काफी ज्यादा है, तो इसकी वजह से ज्यादातर ट्रक दिल्ली के बाहर से निकलने शुरू हो गये हैं। इसका बहुत बड़ा असर हुआ। ईस्टर्न पेरिफेरल वे की एक स्टडी से पता चलता है कि इसकी वजह से 30 फीसदी ट्रक दिल्ली में आने कम हो गये। सेंटर फॉर रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्टडी बताती है कि ईस्टर्न पेरिफेरल वे की वजह से दिल्ली में 7 फीसदी प्रदूषण में कमी आई है।
अरविंद केजरीवाल ने ये भी कहा कि हमारे मंत्री इमरान हुसैन और कई अफसरों ने कई बड़ी-बड़ी कंस्ट्रक्शन साइट्स पर काफी छापेमारी की है। अब ये साइट्स कवर्ड रहती हैं। अब खुली साइट्स नहीं मिलती। इसमें काफी पेनाल्टी लगाई गई हैं। पिछले एक-डेढ़ साल में 8 करोड़ रुपये की पेनाल्टीज लगाई गई हैं। काफी चालान किये गये हैं। इसके अलावा दिल्ली में बहुत बड़े स्तर पर लाखों पेड़ लगाये गये हैं। फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के मुताबिक दिल्ली के अंदर 2015 में फॉरेस्ट कवर 20.2 फीसदी था जो 2017 में बढ़कर 20.6 फीसदी हो गया। इसके अलावादिल्ली सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए दो पावर स्टेशन- राजघाट और बदरपुर- को बंद कर दिये हैं। दोनों कोयले से चलते थे। दोनों से बहुत प्रदूषण होता था। दिल्ली में जो इंडस्ट्रीज पेट कोक, फर्निश ऑयल, टायर ऑयल और कोयला इस्तेमाल करती थी, उनसे बहुत प्रदूषण होता था, दिल्ली सरकार ने जून, 2018 में इन पर प्रतिबंध लगा दिया गया। अब केवल एलएनजी और पीएनजी इस्तेमाल करने की इजाजत है। दिल्ली की लगभग सभी इंडस्ट्रीज एलएनजी और पीएनजी पर शिफ्ट कर चुकी हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एप्का ने जो ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान बनाया, प्रदूषण रोकने में उसका भी बड़ा योगदान है। सुप्रीम कोर्ट और एप्का ने हमें दिशा दिखाई। दिल्ली सरकार ने नीयत दिखाई। मुझे कहते हुए खुशी है कि पूरे देश में केवल और केवल दिल्ली अकेला शहर है जहां ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान लागू है।
मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि दिल्ली में 40 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन चल रहे हैं। ये पूरे देश में सबसे बड़ा नेटवर्क है। एशिया में दिल्ली तीसरा सबसे बड़ा शहर है जहां एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशंस का इतना बड़ा नेटवर्क है। इसके अलावा आने वाले समय में 4000 बसें आ रही हैं, इससे दुपहिया वाहन कम होंगे, कई लोग अपनी गाड़ियां छोड़कर सार्वजनिक परिवहन पर आएंगे, इससे भी प्रदूषण कम होगा। हम इलेक्ट्रिक वीकल पॉलिसी की बहुत जल्द घोषणा करने वाले हैं, इससे प्रदूषण नियंत्रण में काफी मदद मिलेगी। दिल्ली की सड़कों के दोनों तरफ की मिट्टी न उड़े, उसके लिए हम दोनों तरफ ग्रीनरी करा रहे हैं उसका बहुत सकारात्मक असर पड़ेगा। मई, 2019 से इसका काम शुरू हो चुका है।
 
मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट ने वायु प्रदूषण पर दिल्ली सरकार को लिखे अपने पत्र में उल्लेख किया है कि बढ़ते प्रदूषण को किस तरह रोका जा सकता है, ये उन शहरों को जो प्रदूषण रोकने के लिए कदम नहीं उठा रहे हैं, उनको दिल्ली से सीखना चाहिए।
 
 
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आने वाले समय में एक बड़ी चुनौती आने वाली है। लगभग 25 अक्टूबर से 20 नवंबर के बीच आसपास के राज्यों में पराली जलने से दिल्ली में बहुत धुआं आता है। दिल्ली गैस चैंबर बन जाता है। हम लोग कुछ नहीं कर पाते। मैं हरियाणा के मुख्यमंत्री जी से मिला था। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से भी मिला। वो लोग कोशिश कर रहे हैं। लेकिन हम लोग हाथ पर हाथ रखकर बैठ नहीं सकते। प्रदूषण की स्थिति गंभीर होने पर हम ग्रेडेड एक्शन प्लान लागू करेंगे लेकिन हम दिल्ली के लोगों से जानना चाहते हैं कि अपने परिवार को प्रदूषण के कुप्रभावों से बचाने के लिए हम क्या-क्या कर सकते हैं। इन दिनों में हम क्या-क्या कदम उठा सकते हैं। इसके लिए हम एक ई-मेल  [email protected]जारी कर रहे हैं। दिल्ली के लोग 12 सितंबर तक अपने सुझाव भेज सकते हैं। हम हर जरूरी कदम उठाएंगे जिससे दिल्ली के लोगों को प्रदूषण के कुप्रभावों से बचाया जा सके।

OFFICE OF THE CHIEF MINISTER

GOVERNMENT OF DELHI

DELHI SUCCEEDS IN BENDING THE POLLUTION CURVE
·        CHIEF MINISTER MR ARVIND KEJRIWAL SAYS AIR POLLUTION IN DELHI HAS REDUCED BY 25%
·        DELHI GOVT INVITES SUGGESTIONS FROM CITIZENS TO COMBAT AIR POLLUTION
 Dated : 06-9-2019
Ø  Air Pollution in Delhi has reduced by 25% in the last three years. Chief Minister Mr Arvind Kejriwal presented the data and findings of Delhi Pollution Control Committee (DPCC) as well as Central Pollution Control Board (CPCB) at a press conference on Friday. 
Ø  Delhi Government invites suggestions from citizens to combat air pollution in the upcoming winter months, announced by Chief Minister Shri Arvind Kejriwal. People can send their suggestions [email protected]  till 12th September.
Ø  Mr Kejriwal presented a comprehensive analysis of the seven reasons behind the reduction of Air Pollution in Delhi :
o   Supply of 24 hours electricity is one of the major reasons as it drastically reduced the use of diesel generators in the city.
o   The second major impact is due to the construction of the Eastern and Western Peripheral ways along with the heavy environmental compensation charges that prevented trucks entering into Delhi in large-scale during the nights.
o   Third factor was containing the pollution due to dust in the construction sites in Delhi.
o   The plantation drive in Delhi also contributed to reduce air pollution. As per the data of Forest Survey of India (FSI), the forest cover in Delhi has increased to 20.6 in 2017 from 20.2 in 2015.
o   The fifth reason is that Delhi government had closed two thermal power stations in Delhi
o   Enabling the industries to shift to LNG/PNG.
o   Lastly, the most important reason is the orders of the Supreme Court and effective implementation of Graded Response Action Plan (GRAP) and steps were taken depends on various categories of Air Quality like Severe, Very Poor, Poor, and Moderate etc.
Ø  Apart from the preventive measures, Delhi has also established the most extensive network of Continuous Air Quality Monitoring Stations (total 40) anywhere in India, and among the top 3 in Asia.
 
Ø  As per a recently released analysis by Centre for Science and Environment (CSE) based on the data submitted by CPCB from the 38 real time monitoring stations in Delhi to the Parliament:
o   Long-term annual average PM 2.5 levels show drop: The annual average PM 2.5 levels in Delhi have stabilized and dropped. The 3-year average (2016-18) has dropped by 25% from the base three-year average from 2012-14.
o   Number of severely polluted days a year reducing: During the earlier years of this decade 2011-14, the number of days with severe plus levels (more than 300 microgramme per cum) ranged between 20-40 days during the winter months. This has reduced during 2016-18 to less than 15 days.
o   More low-pollution days during summer & monsoon months: During the summer and monsoon (April to August) number of days with AQI meeting the air quality standard for PM2.5 has increased. During 2012-14, the total number of days meeting the standard during these months was; 2012 –7 days, 2013 — 5 days and 2014 — 0 days. This subsequently increased to 55 days in 2016, about 77 days in 2017, about 73 days in 2018. So from a total of 12 low-pollution days over 2012-14, we have moved to 205 days over 2016-18.
Ø “Delhi has thrown up important lessons for other non complying cities and regions.  Nature of actions in Delhi is not small. …. “It is important to understand from Delhi’s experience, what it takes to stabilize and bend the pollution curve”, says a report by Centre for Science and Environment.
Ø  Going Forward
o   Induction of 4000 buses – 3000 CNG buses and 1000 pure electric buses, all of which should arrive within a year.
o   A Comprehensive EV policy that will make Delhi the leading city with electric vehicles in the country.
o   Renewable power – Delhi has already signed PPAs for about 2000 MW of clean, renewable power.
o   Greening of PWD Roads has begun in May 2019, to beat dust pollution. 32 stretches of road will be beautified.
 
Chief Minister Mr Arvind Kejriwal on Friday invited suggestions from citizens to combat air pollution, at a Press Conference along with Transport Minister & Environment Minister Mr Kailash Gahlot, and Vice Chairman of the Dialogue and Development Commission of Delhi, Mr Jasmine Shah.
Promising effective implementation of the Graded Response Action Plan (GRAP) to contain the severe air pollution in Delhi in the months of October and November, due to stubble burning in the neighbouring states, the Chief Minister appealed to the people to send their suggestions [email protected] till 12th September to resolve the problem.
“It is extremely essential to avoid the situation of Delhi becoming a gas chamber every year with the advent of winter, mainly due to stubble burning in the nearby states. I met the Haryana Chief Minister as well as the Union Minister for Environment and got the assurance of positive steps in this regard. At the same time, we like to know from the people about the possible steps to be taken to save our and family members from the harmful effects of air pollution in Delhi. Once we receive and study these suggestions, we will present the detailed pollution action plan of Delhi government for the upcoming winter months”, said the Chief Minister.
While announcing the initiative Mr Kejriwal presented the data and findings of the Delhi Pollution Control Board (DPCB) as well as Central Pollution Control Committee (CPCC) detailing the significant reduction of Air Pollution in Delhi, after the present government came to power in Delhi, in spite of the recent Greenpeace Report featuring Gurugram and Ghaziabad as the top two among the ten most polluted cities in the World and Delhi’s eleventh position and the consequent concerns of people about the health of children and elderly population.
The Chief Minister quoted the observations of Centre for Science and Environment, a credible agency working on pollution acknowledging the efforts of the Delhi Government to contain air pollution in Delhi – “Delhi has thrown up important lessons for other non complying cities and regions.  Nature of actions in Delhi is not small. But this has only stabilized the problem. This only indicates that how much more will have to be done at the scale and with effectiveness across the region to make a difference. As 122 cities are preparing and implementing clean air action plans under the national clean air programme. It is important to understand from Delhi’s experience, what it takes to stabilize and bend the pollution curve”. “We need to take steps on short terms and long term basis to contain air pollution in Delhi. Dialogue and Development Commission of Delhi under the leadership of Jasmine Shah is working hard to devise more measures in this regard”, he added.
 “It is important to notice that Delhi witnesses reduction in Air pollution, while in other cities it increases, though Delhi witnesses obvious increase in population, vehicles and other modern amenities”,  told the Chief Minister.
As per a recently released analysis by Centre for Science and Environment (CSE) based on the data submitted by CPCB from the 38 real time monitoring stations in Delhi to the Parliament:
Ø  Long-term annual average PM 2.5 levels show drop: The annual average PM 2.5 levels in Delhi have stabilized and dropped. The 3-year average (2016-18) has dropped by 25% from the base three-year average from 2012-14.
Ø  Number of severely polluted days a year reducing: During the earlier years of this decade 2011-14, the number of days with severe plus levels (more than 300 microgramme per cum) ranged between 20-40 days during the winter months. This has reduced during 2016-18 to less than 15 days.
Ø  More low-pollution days during summer & monsoon months: During the summer and monsoon (April to August) number of days with AQI meeting the air quality standard for PM2.5 has increased. During 2012-14, the total number of days meeting the standard during these months was; 2012 –7 days, 2013 — 5 days and 2014 — 0 days. This subsequently increased to 55 days in 2016, about 77 days in 2017, about 73 days in 2018. So from a total of 12 low-pollution days over 2012-14, we have moved to 205 days over 2016-18.
Mr Kejriwal also presented a comprehensive analysis of the reasons behind the reduction of Air Pollution in Delhi. He pointed out that supply of 24 hours electricity as one of the major reasons as it drastically reduced the use of diesel generators in the city. “Power cut in Delhi has been reduced by 80% to 90% comparing 11.7 crore units in 2014 and 1.7 crore units in 2018, enabling people to get electricity throughout 24 hours and hence people began to stop using diesel generators. As per the estimates, in Delhi there were 5.5 Lakh generators used at a point of time particularly in shops and markets, leading to suffocation. Four cities – Gurugram, Ghaziabad, Noida and Faridabad adjacent to Delhi together uses diesel generators with an estimated cumulative capacity – 25.5 Lakh KVA. If these generators function for just two hours, they will emit 1 ton particulate matter.   A report of Centre for Science and Environment says that due to diesel generators, pollution in cities may increase 30% to 50 %. Because of incessant power supply, this issue has been taken care of”, he said.
The second major impact is due to the construction of the Eastern and Western Peripheral ways along with the heavy environmental compensation charges that prevented trucks entering into Delhi in large-scale during the nights. It is estimated that Eastern Peripheral Way was instrumental in reducing the entry of trucks in Delhi by 33% and the impact of Western Peripheral Way might be higher. A study of CSE shows that Eastern Peripheral Way helped to reduce the pollution in Delhi by 7%. On behalf of the people of Delhi, we are grateful to the union government for the construction of Eastern and Western Peripheral ways. Also, Delhi took the first step to switch from BSIV to BSVI for petrol and diesel in April 2018.
“Also, we have strongly promoted clean last-mile connectivity by providing the largest subsidy anywhere in the country to e-rickhshaws @ Rs 30,000 per vehicle. Of the 71,092 e-rickshaws that are registered in Delhi, as many as 50,045 have availed this subsidy totalling to over Rs 104 Crores”. Said the Chief Minister.
Third factor was containing the pollution due to dust in the construction sites in Delhi. Mr Imran Hussain and other officials together ensured strictest possible enforcement of rules concerning control of dust at construction sites. Heavy fines to the tune of Rs 8 Crores have been imposed and prosecution initiated against violators. Now most of the construction sites are properly covered and the rules are strictly implemented. In this, the efforts of MCDs are also worthy to be mentioned.  
Apart from these, the plantation drive in Delhi also contributed to reduce air pollution. As per the data of Forest Survey of India (FSI), the forest cover in Delhi has increased to 20.6 in 2017 from 20.2 in 2015. It is also to be noted that in other states the rate of de-forestisation increases, while in Delhi the green cover improves.
The fifth reason is that Delhi government had closed two thermal power stations situated in Rajghat and Badarpur. Delhi has today become a model state with no coal-based power plants. First time anywhere in India has any state government shut down functioning coal power plants.
Sixth reason according to the Chief Minister is industries in Delhi also were banned to use petcoke, furnace oil, tyre oil, coal the most polluting fuels in June 2018. In Delhi, now Industries can use only LNG and PNG and lamost all industries shifted to either LNG or PNG.
Lastly, the most important reason is the orders of the Supreme Court and effective implementation of Graded Response Action Plan (GRAP) and steps were taken depends on various categories of Air Quality like Severe, Very Poor, Poor, Moderate etc. Supreme Court and EPCA have shown us the right direction and we worked with the right intention. It is also to be noted that anywhere in India only in Delhi NCR GRAP is implemented.  
Along with the above preventive measures, Delhi has also established the most extensive network of Continuous Air Quality Monitoring Stations (total 40) anywhere in India, and among the top 3 in Asia. This has been a great aid for strict and real-time enforcement in peak pollution periods. Also, Delhi Government’s Green Budget identified 26 point agenda for action against air pollution.
Even though the pollution has come down by 25%, we are not satisfied. We know much more needs to be done to make Delhi’s air comparable to the cleanest cities in the world, and hence our government is already working on a large number of measures to further cut down pollution
–          Induction of 4000 buses – 3000 CNG buses and 1000 pure electric buses, all of which should arrive within a year.
–          A Comprehensive EV policy that will make Delhi the leading city with electric vehicles in the country.
–          Renewable power – Delhi has already signed PPAs for about 2000 MW of clean, renewable power.
–          Greening of PWD Roads has begun in May 2019, to beat dust pollution. 32 stretches of road will be beautified. Work around ISBT Kashmere Gate Ring Road, Bahadur Shah Zafar Marg, Deen Dayal Upadhyay Marg has begun, by planting of variety of saplings on the central and side verges.
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sudhir

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