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पूर्ण राज्य पर प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्लीवालों से झूठ बोला : केजरीवाल

– अनिश्चित कालीन उपवास पर बैठना एक मात्र उपाय

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली को पूर्ण राज्य देने के मामले में लोगों से झूठ बोला। इस मुद्दे पर दिल्ली के लोग अब और अन्याय बर्दाश्त नहीं करेंगे।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये झूठा बहाना है कि देश की राजधानी होने की वजह से दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता। ये बहाना नहीं चलेगा क्योंकि दिल्ली के लोग पूरे एनडीएमसी एरिया का कंट्रोल केंद्र सरकार को देने के लिए तैयार हैं। लेकिन बाकी दिल्ली, जहां एक चुनी हुई सरकार है, को केंद्र सरकार के अधीन नहीं छोड़ा जा सकता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार, दिल्ली की चुनी हुई सरकार को गैर-न्यायोचित तरीके से हस्तक्षेप किये बिना काम करने दे और दिल्ली सरकार के कामकाज में अड़ंगा लगाना बंद कर दे, इसको लेकर सारे संभव विकल्प आजमाए गये लेकिन उसमें कोई कामयाबी नहीं मिली। इसलिए पूर्ण राज्य के लिए 1 मार्च से अनिश्चित कालीन उपवास पर बैठने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।

केजरीवाल ने कहा कि पिछले चार साल में मोदी सरकार आदेश पारित करके दिल्ली सरकार की शक्तियां छीनती गई। दिल्ली के लोगों के साथ केंद्र सरकार का यह धोखा अब जनता की अदालत में है जो कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी अदालत है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “सीसीटीवी, स्कूल, अस्पताल, मोहल्ला क्लीनिक आदि – दिल्ली वालों के हर काम में अड़चनें अड़ाईं। हमने सब किया। इनके सामने गिड़गिड़ाए, धरना किया। कोर्ट गये। जब कोई रास्ता नहीं बचा तो उपवास कर रहे हैं।”

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य देने के मुद्दे पर बीजेपी के रुख का पर्दाफाश हो गया है क्योंकि उसने दिल्ली को पूर्ण राज्य देने के अपने दशकों पुराने वादे से पलटी मार ली है।

उन्होंने ये भी कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य देने के मामले में बीजेपी के मौजूदा विरोध से स्पष्ट है कि 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान मोदी जी ने दिल्ली की जनता से झूठ बोला था। दिल्ली की जनता उनके इस झूठ का जवाब देगी।

दिल्ली को पूर्ण राज्य देने के मामले पर बीजेपी को उसका वादा याद दिलाते हुए केजरीवाल ने कहा कि स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में तत्कालीन उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री लाल कृष्ण आडवाणी जी लोकसभा में दिल्ली स्टेटहुड बिल लेकर आए थे।

मुख्यमंत्री ने कहा, “देश के गृह मंत्री के तौर पर आडवाणी जी ने अगस्त 2003 में दिल्ली को पूर्ण राज्य देने वाला बिल लोकसभा में पेश किया था। दिग्गज कांग्रेस नेता प्रणब दा की अगुवाई वाली होम अफेयर्स की पार्लियामेंट्री कमेटी ने दिसंबर 2003 में इस बिल का समर्थन किया था। लेकिन इस बिल को आखिरकार आगे नहीं बढ़ने दिया गया। क्या ये सिर्फ दिल्ली के लोगों की भावनाओं से खेलने के लिए किया गया? दिल्ली के लोगों के साथ ये अन्याय क्यों?

दिल्ली, देश की राजधानी है, इसलिए इसे पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता है, इस तर्क को खारिज करते हुए केजरीवाल ने कहा, “हां, दिल्ली, भारत की राजधानी है। इसलिए केंद्र को पूरे एनडीएमसी एरिया को अपने कंट्रोल में रखना चाहिए। लेकिन बाकी दिल्ली, जिसकी अपनी चुनी हुए एक सरकार है, को पूरी तरह से केंद्र सरकार के अधीन कैसे रखा जा सकता है। ऐसा अन्याय अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

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sudhir

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