Seasonal Influenza ( H1N1) is a self- limiting viral, air borne disease spread from person-to-person, through large droplets generated by the act of coughing and sneezing, indirect contact by touching a contaminated object or surface (fomite transmission like telephone, cell phones, computers, door handles, door bells, pens, toys etc) and close contact (including hand shaking, hugging, kissing )
Symptoms: Fever & Cough, Sore throat, Runny or Stuffy Nose, Difficulty in Breathing. Other symptoms may include Body Aches, Headache, Fatigue, Chills, Diarrhea and Vomiting and Blood Stained Sputum
Category- A
Ø Mild fever plus cough / sore throat with or without bodyache, headache, diarrhoea and vomiting
Ø No Oseltamivir and no testing is required for category- A patients
Ø Symptomatic treatment and the patients should be monitored for their progress and reassessed at 24 to 48 hours by the doctor.
Ø Patients should confine themselves at home and avoid mixing up with public and high risk members in the family.
Category-B
Ø (i) In addition to all the signs and symptoms mentioned under Category-A, if the patient has high grade fever and severe sore throat, may require home isolation and Oseltamivir.
Ø (ii) In addition to all the signs and symptoms mentioned under Category-A, individuals having one or more of the high risk conditions shall be treated with Oseltamivir.
Ø No test for Influenza is required for Category-B (i) and (ii) patients
Ø All patients of Category-B (i) and (ii) should confine themselves at home and avoid mixing with public and high risk members in the family.
Ø Broad Spectrum antibiotics as per the Guideline for Community-acquired pneumonia (CAP) may be prescribed.
High Risk Group :Children with mild illness but with predisposing risk factors, Pregnant women, Persons aged 65 years or older, Patients with lung diseases, heart disease, liver disease, kidney disease, blood disorders, diabetes, neurological disorders, cancer and HIV/AIDS, Patients on long term cortisone therapy.
Category-C
Ø In addition to the signs and symptoms of Category-A and B, if the patient has one or more of the following danger signs
- Breathlessness, chest pain, drowsiness, fall in blood pressure, sputum mixed with blood, bluish discolouration of nails.
- Children with influenza like illness who had a severe disease as manifested by the red flag signs (Somnolence, high and persistent fever, inability to feed well, convulsions, shortness of breath, difficulty in breathing, etc).
- Worsening of underlying chronic conditions
Ø All these patients mentioned above in Category-C require testing, immediate hospitalization and treatment.
DO’s | DON’Ts |
· Cover your nose and mouth with disposable tissue or handkerchief while coughing or sneezing
· Frequently wash your hands with soap and water · Avoid crowded places · Person suffering from Seasonal Influenza must be confined at home · Stay more than one arm’s length distance from persons sick with flu · Take adequate sleep and rest · Drink plenty of water/liquids and eat nutritious food · Person suspected with Influenza like illness must consult doctor |
· Touching eyes, nose or mouth with unwashed hands
· Hugging, kissing and shaking hands while greeting · Spitting in public places · Taking medicines without consulting doctor · Excessive physical exercise · Disposal of used napkin or tissue paper in open areas · Touching surfaces usually used by public (Railing, door gates, etc) · Smoking in public places · Unnecessary testing |
मौसमी इन्फ्लुएंजा ए एच 1 एन 1
मौसमी इन्फ्लुएंजा ए एच 1 एन 1 एक प्रकार का स्वंय-सीमित वायरल रोग है । I यह श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारी है, जो ए टाइप के इनफ्लुएंजा वायरस से होती है । I यह वायरस हवा के द्वारा या किसी के छूने से दूसरे व्यक्ति के शरीर में मुंह या नाक के जरिए प्रवेश कर जाते हैं । जैसे कि दरवाजे, फोन, कीबोर्ड या रिमोट कंट्रोल के जरिए भी यह वायरस फैल सकते हैं, अगर इन चीजों का इस्तेमाल पहले किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा किया गया हो I
लक्षण :
बुख़ार एंव खाँसी, गला ख़राब, नाक बहना या बंद होना, सांस लेने में तकलीफ़ एवं अन्य लक्षण जैसे बदन दर्द, सिर दर्द, थकान, ठिठुरन, दस्त, उल्टी, बलगम में खून आना इत्यादि भी हो सकते हैं I
केटेगरी-A
- बुखार, खांसी, सर्दी, शरीर में दर्द होना व थकान महसूस होना
- इस केटेगरी के मरीजों का इलाज लक्षणों पर आधारित होता है i ऐसे लक्षणों में टेमीफ्लू दवा लेने की या जांच की जरूरत नही होती । मरीज को घर पर ही आराम करना चाहिए ।
केटेगरी-B
(। i) इन मरीजों में केटेगरी-A के लक्षणों के अतिरिक्त तेज बुखार और गले में तेज दर्द होता है
(।। i) इन मरीजों में केटेगरी-A के लक्षणों के साथ,निम्नलिखित हाई रिस्क कंडीशन होती है
- गर्भवती महिलायें
- 65 साल या उससे अधिक उम्र के व्यक्ति
- फेफड़े कि बीमारी,दिल कि बीमारी, गुर्दे कि बीमारी, मधुमेह रोग, कैंसर इत्यादि से ग्रसित व्यक्ति
- छोटे बच्चे
केटेगरी-B (।) और (।।i) के रोगी को मौसमी इन्फ्लुएंजा ए एच 1 एन 1 की दवा टैमिफ्लू दी जाती है । इनको भी जांच की जरूरत नही होती । मरीज को घर पर ही आराम करना चाहिए
केटेगरी-C
इन रोगियों में ऊपर लिखे केटेगरी-A और केटेगरी-B के लक्षणों के अतिरिक्त निम्नलिखित गंभीर लक्षण भी पाए जाते हैं :
- साँस लेने में दिक्कत
- छाती में तेज दर्द
- गफलत में जाना
- ब्लड प्रेशर कम होना
- बलगम में खून आना
- नाखून नीले पड़ जाना
इन रोगियों को अस्पताल में भर्ती करना चाहिये व रोगी को अलग से रखा जाना चाहिए (आइसोलेशन),रोगी को टैमिफ्लू दी जाती है और जांच भी आवश्यक है
क्या करें – क्या न करें
क्या करें | क्या न करें |
· खाँसने और छींकने के दौरान अपनी नाक व मुंह को कपड़े अथवा रुमाल से अवश्य ढकें
· अपने हाथों को साबुन व पानी से नियमित धोयें · भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें · फ्लू से संक्रमित हों तो घर पर ही आराम करें · फ्लू से संक्रमित व्यक्ति से एक हाथ तक की दूरी बनाए रखें · पर्याप्त नींद और आराम लें · पर्याप्त मात्रा में पानी / तरल पदार्थ पियें और पोषक आहार खाएं · फ्लू से संक्रमण का संदेह हो तो चिकित्सक से सलाह अवश्य लें I
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· गंदे हाथों से आँख, नाक अथवा मुँह को छूना
· किसी को मिलने के दौरान गले लगना, चूमना या हाथ मिलाना · सार्वजनिक स्थानों पर थूकना · बिना चिकित्सक के परामर्श के दवाएं लेना · इस्तेमाल किए हुए नेपकिन, टिशू पेपर इत्यादि खुले में फेंकना · फ्लू वायरस से दूषित सतहों का स्पर्श (रेलिंग,दरवाज़े इत्यादि) · सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करना · अनावश्यक एच 1 एन 1 की जांचें करवाना
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