Scrollup

देश की अर्थव्यवस्था इस वक्त बेहद नाज़ुक दौर से गुज़र रही है और लगातार नीचे की तरफ़ जा रही है। मोदी सरकार के नाक़ाबिल वित्त मंत्री की वजह से ही देश की अर्थव्यवस्था लगातार डूबती जा रही है। देश के वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली वित्त मंत्रालय के कामकाज के अलावा अपने व्यक्तिगत कार्यों में व्यस्त रहते हैं और उनके पास देश की अर्थव्यवस्था पर ध्यान देने का वक्त भी नहीं है।

पार्टी कार्यालय में आयोजित हुई प्रेस कॉंफ्रेंस में बोलते हुए पार्टी के मुख्य प्रवक्ता एंव पार्टी विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ‘आज चाहे अख़बारों में छपे लेखों में देखें या फिर अर्थव्यवस्था के अलग-अलग संकेतकों को देखें, हर तरफ़ से यही ख़बर आ रही है कि देश की अर्थव्यवस्था ढलान की तरफ़ तेज़ी से जा रही है।‘

‘आज देश में चाहे निर्यात हो, घरेलू निवेश हो, जीडीपी के आंकड़ें हो, उत्पादन के आंकड़ें हो, इंडस्ट्रियल आउटपुट हो और चाहे वो बेरोज़गारी का आंकड़ा हो, सभी संकेतक यही दिखा रहे हैं कि इस वक्त देश की अर्थव्यस्था सही हाथों में नहीं है।’

मोदी सरकार के वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली जी अपने मंत्रालय का काम-काज देखने कि बजाए अपने व्यक्तिगत मानहानि के मुकदमों को लेकर दिन में 2 से 3 घंटे तक कोर्ट में मौजूद रहते हैं, ना जाने उन्हें इससे क्या मिलने वाला है लेकिन एक बात तय है कि इसके लिए वो देश की देश की अर्थव्यवस्था का बहुत भारी नुकसान कर रहे हैं।

“इसके अलावा वित्त मंत्री महोदय के पास एक से ज्यादा मंत्रालय हैं, पता नहीं कैसे और कितना वक्त वो देश की अर्थव्यवस्था को दे पाते होंगे? क्योंकि हाल ही में देश के पूर्व वित्त मंत्री श्री यशवंत सिन्हा जी ने अपने एक साक्षात्कार में कहा है कि ‘जब वो वित्त मंत्री थे तो वित्त मंत्रालय का काम इतना ज्यादा होता था कि कई बार तो रात का खाना देर-रात 3 बजे खा पाते थे’। अब वर्तमान में देखें तो ऐसा लगता है कि अरुण जेटली जी देश की अर्थव्यवस्था के साथ खिलवाड़ कर रह हैं।“

‘आम आदमी पार्टी देश के प्रधानमंत्री महोदय से ये गुज़ारिश करती है कि वो कृपया एक नाकाबिल व्यक्ति को देश की अर्थव्यवस्था ना सौंपें, प्रधानमंत्री महोदय देश हित में हमारी इस मांग पर विचार ज़रुर करें।‘

When expressing your views in the comments, please use clean and dignified language, even when you are expressing disagreement. Also, we encourage you to Flag any abusive or highly irrelevant comments. Thank you.

sudhir

3 Comments

Leave a Comment