- बच्चे गाते-गुनगुनाते समाज का सच कहना सीख जाएं – मनीष सिसोदिया
“समाज में जो कुछ हो रहा है, बच्चे उससे अपने आपको कनेक्ट कर सकें, उस पर गाने लिख सकें, संगीत दे सकें, गायन कर सकें, इसकी जिम्मेदारी म्यूजिक टीचर्स की है और म्यूजिक टीचर्स को इसके लिए हर तरह की सुविधाएं देना हमारी जिम्मेदारी है।“ दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने एससीईआरटी, डिफेंस कॉलोनी में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के म्यूजिक टीचर्स को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। दिल्ली सरकार केस्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग की तरफ से दिल्ली के सरकारी स्कूलों के म्यूजिक टीचर्स की स्पेशल ट्रेनिंग कराई जा रही है। सामाजिक सरोकारों से मुद्दों पर अनेक लोकप्रिय गीत लिखने वाले विनय और चारुल इन टीचर्स को ट्रेनिंग दे रहे हैं। विनय और चारुल की संस्था का नाम लोकनाद है।
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, “मेरा मकसद दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे 16 लाख बच्चों को महान गीतकार, संगीतकार या गायक बनाना नहीं है, इसमें से कई बच्चे महान गीतकार, संगीतकार या गायक भी बनेंगे लेकिन मेरा मकसद बच्चों के लिए ऐसा माहौल तैयार करना है जिससे वे गीत-संगीत के माध्यम से समाज की सच्चाई को बयां कर सकें।
उन्होंने ये भी कहा कि कई सारे सरकारी स्कूलों में जब कोई कार्यक्रम होता है जो पूरे सिस्टम का ध्यान मंत्रियों,अधिकारियों या अतिथियों की आवाभगत में लगा होता है, जबकि इस पर ध्यान देने की जरूरत है कि जो बच्चे परफार्म कर रहे हैं उन्हें स्टेज पर जरूरी सुविधाएं और अच्छी क्वालिटी वाले माइक इत्यादि मिल सकें।
उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि बच्चों को म्यूजिक परफार्मेंस से जुड़ी सुविधाएं और अच्छे माइक इत्यादि उपलब्ध कराया जाए, इसके लिए जितना भी पैसा, अधिकार चाहिए, सरकार देगी।
उन्होंने ये भी कहा कि म्यूजिक टीचर्स को थोड़ी साउंड इंजीनियरिंग, साउंड टेक्नोलॉजी इत्यादि की भी ट्रेनिंग कराई जानी चाहिए, इससे वो बच्चों को और बेहतर तरीके से म्यूजिक सिखा सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बच्चों पर पाठ्यक्रम का बोझ कम करके उन्हें संगीत, नाटक, कला इत्यादि में भी प्रशिक्षण देने के लिए दिल्ली सरकार ने पहली बार बजट में 8 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
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