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भारतीय जनता पार्टी को 459.56 करोड़ रुपए का चंदा साल 2015-16 में ‘अज्ञात स्रोतों’ से मिला जो कि साल 2015-16 में उसकी कुल आय का तकरीबन 81 प्रतिशत है. वहीं, कांग्रेस को कुल आय का 26 प्रतिशत या 168 करोड़ रुपए गुमनाम स्रोतों से मिला. एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। सवाल ये बनता है कि क्या चुनाव आयोग ने इन दोनों पार्टियों के इस अज्ञात चंदे पर इनकम टैक्स विभाग से किसी तरह की जांच कराई है?

राष्ट्रीय कार्यालय में आयोजित हुई पार्टी की प्रैस कॉंफ्रेंस में बोलते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एंव वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि ‘जब आम आदमी पार्टी को पूरे रिकॉर्ड के साथ बाकायदा चेक के माध्यम से 2 करोड़ रुपए का चंदा मिला था, ये भी पता था कि वो चंदा किसने दिया है उसके बावजूद कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी चुनाव आयोग के पास जाकर खड़ी हो गईं थीं और आम आदमी पार्टी की मान्यता रद्द कराने की कोशिश करने लगी थीं।

आज ये दोनों पार्टियां चुप हैं जब एडीआर की रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी को साल 2015-16 में कुल मिलाकर 647 करोड़ रुपए अज्ञात स्रोतों से मिले हैं यानि इन्हें ये पैसा कौन दे गया इन्हें खुद ही नहीं पता।

460 करोड़ रुपए भारतीय जनता पार्टी को अज्ञात स्रोतों से मिले जो साल 2015-16 में भाजपा की कुल आय का 80.5 प्रतिशत है और कांग्रेस पार्टी को 168 करोड़ रुपए अज्ञात स्रोतों से मिले जो साल 2015-16 में उनकी कुल आय का तकरीबन 26 प्रतिशत है।

देश की जनता ये जानना चाहती है कि भाजपा-कांग्रेस को ये पैसा कहां से मिला और कौन ये पैसा इन्हें दे गया? हमारे कुछ सवाल भी चुनाव आयोग के समक्ष हैं –

1. चुनाव आयोग ने क्या इनकम टैक्स विभाग से इन पार्टियों के इस अज्ञात चंदे की कोई जांच कराई?

2. बीजेपी-कांग्रेस पर अब तक क्या कार्रवाई चुनाव आयोग ने की है?

3. मार्च 2014 में हाई कोर्ट ने जब बीजेपी-कांग्रेस को अवैध तरीक़े से विदेशी चंदा लेने का दोषी पाया था जिसके बाद इन दोनों पार्टियों की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने भी अस्वीकार कर दिया था, उसके बाद चुनाव आयोग ने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर अब तक इन पार्टियों के ख़िलाफ़ क्या कदम उठाया है?

4. क्या चुनाव आयोग ने इनकम टैक्स एक्ट 13A के तहत इन पार्टियों को इतनी बड़ी धनराशि लेने की कोई छूट दे रखी है क्या ?

‘उपरोक्त चार प्रश्न हैं जो हम चुनाव आयोग से पूछना चाहते हैं जिस सम्बंध में हम चुनाव आयोग से भी मिलने का वक्त मांग रहे हैं ताकि इन सब बातों पर चुनाव आयोग से जानकारी हांसिल कर सकें।

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sudhir

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