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शनिवार को आम आदमी पार्टी महिला विंग की दिल्ली यूनिट ने पार्टी कार्यालय में महिला पत्रकारों के साथ एक बैठक का आयोजन किया, जिसमें देश भर में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ एक सख्त कानून और एंटी स्टॉकिंग बिल पर चर्चा हुई। आप महिला विंग की दिल्ली प्रदेश की अध्यक्ष रिचा पाण्डेय मिश्रा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि “आप महिला विंग” हमेशा से ही महिला उत्पीडन के ख़िलाफ़ एक सख्त बिल के समर्थन में रही है।

इस बैठक में, महिलाओं के ख़िलाफ़ हो रहे उत्पीड़न को लेकर एक केन्द्रित चर्चा हुई, और बैठक में शामिल हुई महिला पत्रकारों से “एन्टी स्टॉकिंग बिल” पर उनकी प्रतिक्रियाएं भी ली गईं। यह बेहद चौकाने वाली बात है कि कई महिला पत्रकारों ने स्वीकार किया, की वे भी अपनी रोज़ मर्रा की जिंदगी में छेड़छाड़ और हिंसा का सामना करती हैं।

रिचा पाण्डेय मिश्रा ने कहा कि ‘देश भर से महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों की ख़बरें मीडिया के माध्यम से देखने को मिलती रही हैं, और एक लम्बे समय से इन घिनौने कृत्यों के ख़िलाफ़ एक सख्त बिल की मांग उठती रही है। इस सम्बन्ध में “आप महिला विंग” कई सरकारी और गैर- सरकारी लोगो/संस्थानों जैसे:- गृह मंत्री, उपराज्यपाल, दिल्ली पुलिस, एनसीडब्लू, दिल्ली महिला आयोग, दिल्ली सरकार, न्यायपालिका, एनजीओ और कई राजनितिक पार्टियों की महिला विंग के साथ सम्पर्क में हैं और एक सख्त बिल की मांग कर रही हैं ।

उन्होंने बताया कि “आप महिला विंग” ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी को पत्र लिखकर पांच महत्वपूर्ण मांगे उनके समक्ष रखी हैं

  1. दिल्ली में महिला थानों की स्थापना: तमिलनाडु में लगभग 200 महिला पुलिस थाना है, जबकि दिल्ली में एक भी नहीं है।
  2. पुलिस विभाग में 33% महिला पुलिसकर्मी होनी चाहिए: दिल्ली के 82 हज़ार पुलिस कर्मियों में केवल 5200 महिला पुलिस कर्मी हैं।
  3. स्पेशल टास्क फ़ोर्स, जिसे विभिन्न संस्थानों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए गठित किया गया था, उसको पुनर्जीवित किया जाना चाहिए और उसे अधिक पारदर्शी बनाया जाना चाहिए।
  4. क़ानून फ़िलहाल पीड़ित के ख़िलाफ़ काम कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप सजा की दर कम है, पीड़ितों के लिए न्यायिक प्रणाली को आसान बनाया जाए, और जल्द से जल्द न्याय दिलाया जाए।
  5. थाना लेवल समितियों का गठन किया जाना चाहिए।

आप महिला विंग ने महिला सुरक्षा के मद्देनज़र दिल्ली के उपराज्यपाल और पुलिस विभाग को भी पत्र लिखकर कुछ बिन्दुओं की ओर उनका ध्यान दिलाने का प्रयास किया और दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए।

  1. महिला थानों का गठन।
  2. थाना लेवल समितियों का गठन।
  3. पुलिस और शराब माफिया के बीच सांठगांठ: उदहारण के तौर पर नरेला में शराब माफिया ने शिकायत करने वाली महिला को पुलिस के सामने सरेआम पीटा।
  4. दिल्ली पुलिस और नेताओं के बीच सांठगांठ: उदहारण के तौर पर बाबा वीरेन्द्र देव का केस।
  5. नाबालिगों के रेप केस में पुलिस का ढीलापन
  6. मेट्रो किराए में बढ़ोतरी: महिलाओ के पास सुरक्षित सफ़र के ज्यादा विकल्प नहीं हैं।

आम आदमी पार्टी महिला विंग की दिल्ली यूनिट ‘एंटी स्टॉकिंग बिल को लेकर एक लंबी लड़ाई लड़ने जा रही है जिसके लिए पूरा प्लान तैयार है। महिला विंग दिल्ली प्रदेश की अध्यक्ष रिचा पांडे मिश्रा के नेतृत्व में राजधानी दिल्ली में इसे लेकर एक जागरूकता अभियान चलाएगी जिसके तहत मेट्रों स्टेशन और सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं को जागरूक किया जाएगा और अगर जरूरत पड़ी तो धरने-प्रदर्शन भी किए जाएंगे।

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sudhir

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