Scrollup
  • भाजपा के सांसद मनोज तिवारी ने अपनी लोकसभा की जनता को कूड़े के पहाड़ के रूप में बीमारियों का घर  उपहार में दिया।

पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता दिलीप पाण्डेय ने कहा कि भाजपा ने करावल नगर एवं घोंडा विधानसभा क्षेत्र में कूड़े के निस्तारण के लिए जो ज़मीन का आबंटन किया उस पर भाजपा का झूठ पूरी तरह से बेनकाब हो गया। उन्होए कहा, जैसा की आप सबको ज्ञात है कि दिनांक 1 मई 2018 को आम आदमी पार्टी की और से घोंडा के विधायक श्रीदत्त शर्मा, करावल नगर से पार्षद मनोज त्यागी और ईस्ट दिल्ली नगर निगम से नेता विपक्ष कुलदीप कुमार जी ने राष्ट्रिय हरित प्राधिकरण में एक याचिका दायर की थी।

उन्होंने कहा कि विभाग ने याचिका को तुरंत प्रभाव से संज्ञान में नहीं लिया था। आज पार्टी के नेता आशीष खेतान जी ने उसे विभाग में सूचीकरण कराया और विचाराधीन मामलो के साथ तलब करवाया। माननीय कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए सुनवाई की अगली तारिख 21 मई 2018 तय की है। और इस बीच वो सभी विभाग जिनको याचिका में जवाबदेह बनाया गया है जैसे कि: CPCB, NEERI, केंद्र, दिल्ली सरकार, LG ऑफिस, और ईस्ट एमसीडी, उन सभी से अपना पक्ष रखने को कहा गया है।

करावल नगर एवं घोंडा इलाके की जनता ने दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन को पत्र लिखकर गुहार लगाई थी कि इलाके में जो कूड़े के निस्तारण के लिए ज़मीन का आबंटन किया गया है उसको रुकवाया जाए। पत्र का संज्ञान लेंते हुए मंत्री इमरान हुसैन ने केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री को एक पत्र लिखा था। और केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय से जो जवाब आया, वह भाजपा के झूठ को पूरी तरह से बेनाकाब करता है। उसमे लिखित तौर पर विभाग ने माना है की वो पूरा क्षेत्र जहाँ कूड़े के निस्तारण के लिए ज़मीन का आबंटन किया गया है वह बाढ़ प्राभवित क्षेत्र है, जो की आम आदमी पार्टी पहले दिन से कहती आ रही है।

इस पुरे प्रकरण में परामर्श विधि (consultancy process) का मज़ाक उड़ाया गया है, भाजपा शाशित डीडीए ने  डीपीसीसी और पर्यावरण मंत्रालय को बाई पास करके ये आर्डर पास किया है। भाजपा के सांसद मनोज तिवारी और उन्ही की लोकसभा के उनके विधायक साथी, मिलजुल कर जो ये नूरा कुश्ती खेल रहे हैं, ये नाटक बंद करें, और हम तो मांग कर ही रहे हैं वो भी हमारे साथ मांग करें कि उप-राज्यपाल साहब, सीपीसीबी और ईस्ट एमसीडी के वो अधिकारी जिन्होंने ये झूठ बोला है वो सभी सार्वजानिक तौर पे जनता से माफ़ी मांगे और चूँकि एक संवेधानिक पद पर रहते हुए उन्होंने झूठ बोला है तो नैतिकता के आधार पर वे सभी अपने-अपने पदों से इस्तीफा दें।

When expressing your views in the comments, please use clean and dignified language, even when you are expressing disagreement. Also, we encourage you to Flag any abusive or highly irrelevant comments. Thank you.

sudhir

1 Comment

Leave a Comment