AAP/PR2/11April18
डीडीए के बैंक खाते में FD के तौर पर 25 हज़ार करोड़ रुपए, दिल्ली की भलाई के लिए होने चाहिए इस्तेमाल
डीडीए बोर्ड मीटिंग में सोमनाथ भारती ने उठाया सफ़ाईकर्मियों का मुद्दा
बुधवार को दिल्ली के उपराज्यपाल की अध्यक्षता में दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की बैठक आयोजित की गई थी जिसमें डीडीए बोर्ड के सदस्य के तौर पर आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती और एस के बग्गा ने भी हिस्सा लिया। बैठक में आम आदमी पार्टी के विधायकों ने पुरज़ोर तरीक़े से ये बात रखी कि डीडीए के पास 25 हज़ार करोड़ रुपए का ऐसा पैसा मौजूद है जो दिल्ली की ज़मीनें बेच-बेचकर डीडीए ने अर्जित किया है और उसकी एफ़डी कराके रखा गया है। अगर डीडीए चाहे तो वो पैसा एमसीडी को देकर सफ़ाईकर्मियों और निगमकर्मियों की तनख्वाह और उनके सभी तरह के बकाया भुगतान निपटाए जा सकते हैं।
आम आदमी पार्टी के विधायक और डीडीए बोर्ड के मेंबर सोमनाथ भारती ने कहा कि ‘भाजपा शासित नगर निगम के नाकारपन की वजह से आज सफ़ाईकर्मियों समेत निगमकर्मियों को तनख्वाह नहीं मिल पा रही हैं और उनका बकाया भुगतान भी नहीं किया जा रहा है, आए दिन दिल्ली के सफ़ाईकर्मी भुगतान ना होने के चलते हड़ताल पर चले जाते हैं और दिल्ली की सड़कों पर कूड़ा फैल जाता है। दिल्ली की वर्तमान आम आदमी पार्टी की सरकार तो पहले की कांग्रेस सरकार के मुकाबले कहीं ज्यादा फंड एमसीडी को दे रही है लेकिन फिर भी एमसीडी अपने कर्मचारियों का भुगतान नहीं कर रही है।
आपको बता दें कि एमसीडी की 500 करोड़ रुपए से ज्यादा की लेनदारी डीडीए पर बनती है और इस वक्त डीडीए के पास 25 हज़ार करोड़ रुपए का फंड बिना इस्तेमाल के एफ़डी के तौर पर बैंक में है। हमारा ऐसा मानना है कि वो पैसा दिल्ली की जनता का है जो डीडीए ने दिल्ली की ज़मीन बेच-बेचकर अर्जित किया है, और वो पैसा दिल्ली की जनता की बेहतरी के लिए ही ख़र्च होना चाहिए। हमारी मांग है कि डीडीए उस पैसे से एमसीडी कर्मचारियों का सारा भुगतान करा दें ताकि इस समस्या का निपटारा हो जाए और दिल्ली में नगर निगम का संचालन सुचारू रुप से चल सके। डीडीए उस एफ़डी से पर्याप्त पैसा एमसीडी को दे।
दिल्ली की जनता को यह भी बताना आवश्यक है कि जब हमने डीडीए की बैठक में उपरोक्त मुद्दा उठाया तो उपराज्यपाल साहब के साथ बीजेपी ने इसका विरोध किया और ऐसा ना करने की बात कही। यह वही बीजेपी है जो नगम निगम की सत्ता में बैठी है जिसने नगर निगम को कंगाल बना दिया है और डीडीए भी भाजपा शासित केंद्र सरकार के आधीन है। दिल्ली की जनता को बीजेपी कूड़ेघर पर रहने के लिए मजबूर कर रही है और निगमकर्मियों का शोषण कर रही है।
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